संसद का रण : बिहार के 'SIR' से लेकर 'ऑपरेशन सिंदूर' तक गतिरोध बरकरार, चर्चा होगी हंगामेदार

खबर सार :-
संसद का मानसून सत्र बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) मुद्दे पर हंगामेदार रहा। विपक्षी सांसदों ने काले कपड़े पहनकर विरोध प्रदर्शन किया और 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा की मांग की। सत्ता पक्ष ने विपक्ष के विरोध को 'गुंडागर्दी' करार दिया। सत्र में कई महत्वपूर्ण बिल पेश होने की संभावना है, जिससे सियासी घमासान और बढ़ सकता है।

संसद का रण : बिहार के 'SIR' से लेकर 'ऑपरेशन सिंदूर' तक गतिरोध बरकरार, चर्चा होगी हंगामेदार
खबर विस्तार : -

Parliament Monsoon Session : संसद का मानसून सत्र शुरुआत से ही हंगामे और सियासी दांव-पेच का अखाड़ा बन गया है। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision & SIR) का मुद्दा ऐसा छाया कि तीसरे दिन भी विपक्षी सांसदों ने जोरदार प्रदर्शन कर सदन का माहौल गरमा दिया। काले लिबास में सजे इन सांसदों का विरोध सिर्फ SIR तक सीमित नहीं था, उन्होंने पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भी सरकार से चर्चा की मांग कर दी। 

Parliament Monsoon Session : बिहार का SIR और सियासी हंगामा

बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) एक ऐसा मुद्दा बन गया है, जिस पर विपक्षी दल सरकार को घेरने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं। विपक्ष का आरोप है कि यह प्रक्रिया सत्ता पक्ष के इशारों पर हो रही है, जिसनेे लोकतंत्र को लहूलुहान कर दिया है। राजद सांसद मनोज झा ने तीखे तेवर दिखाते हुए पूछा, क्या सत्ताधारी पार्टी चुनाव आयोग की प्रवक्ता बन गई है? उनका यह बयान साफ दर्शाता है कि विपक्ष इस मुद्दे को केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक गहरी साजिश के तौर पर देख रहा है।

वहीं, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने विपक्ष के प्रदर्शन को गुंडागर्दी और अराजकता करार दिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष बहस से भाग रहा है और सिर्फ हंगामा चाहता है। दरअसल, SIR के तहत बिहार में 51 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जाने की संभावना है, जिनमें मृत, विस्थापित या दोहरी प्रविष्टि वाले मतदाता शामिल हैं। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह प्रक्रिया मतदाता सूची को त्रुटिरहित बनाने के लिए है, लेकिन विपक्ष इसमें बड़े पैमाने पर धांधली की आशंका जता रहा है। यह मुद्दा अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है, जहां 28 अगस्त को इस पर सुनवाई होनी है।

Parliament Monsoon Session : धनखड़ का अप्रत्याशित इस्तीफा और सवालों का सिलसिला

मानसून सत्र की शुरुआत से ठीक पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने सियासी गलियारों में तूफान लेकर आ गया। विपक्ष का मानना है कि इस इस्तीफे के पीछे कोई बहुत बड़ा खेल है। जबकि आधिकारिक तौर पर धनखड़ ने स्वयं स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर इस्तीफा दिया है, उनके इस्तीफे के समय और तरीके पर नेताअेां और पत्रकारों में अटकलबाजियां और कई सवाल उठ रहे हैं। धनखड़ का इस्तीफा उस समय आया, जब सत्र में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश किया गया था। यह घटनाक्रम कई अटकलों को जन्म दे रहा है कि क्या उनके इस्तीफे का संबंध इस प्रस्ताव या अन्य किसी अदृश्य राजनीतिक घटनाक्रम से है।

Parliament Monsoon Session : ऑपरेशन सिंदूर और अन्य अहम विधेयक

इस सत्र में सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश करने की तैयारी में है। मर्चेंट शिपिंग बिल, इंडियन पोर्ट्स बिल 2025, नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल और टैक्सेशन संशोधन बिल उनमें से कुछ प्रमुख हैं। हालांकि, इन सबके बीच ऑपरेशन सिंदूर पर होने वाली चर्चा सबसे तीखी बहस का केंद्र बनने वाली है। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार और विपक्ष इस संवेदनशील मुद्दे पर किस तरह की रणनीति अपनाते हैं। इसके अतिरिक्त, मणिपुर जीएसटी बिल और आईआईएम संशोधन बिल जैसे विधेयक भी चर्चा के लिए सूचीबद्ध हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था और शिक्षा प्रणाली को प्रभावित करेंगे।

संसद, देश के लोकतांत्रिक ढांचे का सर्वाेच्च स्तंभ है, और इसका सुचारू रूप से चलना देश की प्रगति के लिए आवश्यक है। मौजूदा सत्र में जिस तरह से हंगामा जारी है, वह चिंता का विषय है। उम्मीद की जाती है कि गंभीर मुद्दों पर स्वस्थ बहस और सार्थक चर्चा के लिए एक रास्ता निकाला जाएगा, ताकि जनहित के मुद्दे हवा-हवाई न होकर जमीन पर उतर सकें।

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