लखनऊ, पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा शासित राज्यों में बांग्ला भाषी लोगों को कथित तौर पर प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाया और इसके विरोध में बुधवार दोपहर कोलकाता की सड़कों पर प्रदर्शन किया गया। मध्य कोलकाता के कॉलेज स्क्वायर से दोपहर लगभग पौने दो बजे शुरू हुए प्रदर्शन में ममता ने हजारों लोगों का नेतृत्व किया। प्रदर्शन और मार्च के दौरान तृणमूल कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे। इस मार्च का समापन धर्मतला के ‘डोरीना क्रॉसिंग’ पर तय किया गया था।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ को लेकर बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ जमकर नाराजगी व्यक्त की है। बनर्जी ने पूछा कि क्या बंगाली जन, गण, मन नहीं गाते हैं? भाजपा वालों पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये लोग बंगालियों को रोहिंग्या और बांग्लादेशी बता रहे हैं। बनर्जी ने कहा कि इन्हें शर्म आनी चाहिए। पश्चिम बंगाल की सीएम ने एक के बाद एक सवाल किए इनमें कहा कि सीमा की सुरक्षा कौन करता है और किसके पास बीएसएफ है? अमित शाह पर नाराजगी जताते हुए कहा कि देश का गृहमंत्री कौन है, किसके पास है सीआईएसएफ एवं सीआरपीएफं? उन्होंने कहा कि अगर कोई हवाई मार्ग से आता है, तो केंद्र सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय को जानकारी होनी चाहिए।
भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि जैसे-जैसे चुनाव नज़दीक आ रहे हैं, ये लोग नाम हटा रहे हैं। ममता ने चुनाव आयोग के लिए कहा कि हम उनका सम्मान करते हैं। लेकिन अगर कोई बीजेपी के लिए काम करता है, तो हम उसे छोड़ेंगे नहीं। नाराजगी जताते हुए कहा कि इन्होंने बिहार में 30.5 लाख मतदाताओं के नाम हटा दिए। महाराष्ट्र और दिल्ली में भी इसी तरह जीते थे। बिहार के लिए भी ऐसी ही योजना बना रहे हैं। बंगाल में भी यही करने की इनकी इच्छा है, लेकिन हम इंच-इंच लड़ेंगे।
लगभग तीन किलोमीटर लंबे मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई थी। सड़क किनारे फुटपाथ की तरफ और आसपास की इमारतों के बाहर अवरोधक लगाए गए थे। लगभग 1,500 पुलिसकर्मी मोर्चा संभाले हुए थे। प्रदर्शन और मार्च के समय शहर के मध्य हिस्सों में कई मुख्य सड़कों पर मार्ग परिवर्तन किया गया है। राज्यभर के जिला मुख्यालयों में भी तृणमूल कार्यकर्ताओं द्वारा इसी तरह के प्रदर्शन किए गए। ये प्रदर्शन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राज्य के निर्धारित दौरे से एक दिन पहले हुआ है।
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव में अब ज्यादा समय नहीं बचा है। ऐसे में तृणमूल कांग्रेस ने ऐसे मुद्दों पर अपना विरोध उग्र कर दिया है। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि बांग्ला भाषी लोगों को एक सुनियोजित ढंग से निशाना बनाया जा रहा है। उनके साथ भाषाई भेदभाव किया जा रहा है। साथ ही गैरकानूनी तरीके से हिरासत में लिया जा रहा है।
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