नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी ने कहा- कांग्रेस पार्टी ने दानदाताओं के साथ धोखाधड़ी की

खबर सार :-
5 जुलाई को लोकसभा में विपक्ष और कांग्रेस के नेता राहुल गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील आरएस चीमा ने कहा था कि कांग्रेस ने एजेएल को बेचने की कोशिश नहीं की थी बल्कि वो इस संस्था को बचाना चाहती थी, क्योंकि वो स्वतंत्रता आंदोलन का हिस्सा थी।

नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी ने कहा- कांग्रेस पार्टी ने दानदाताओं के साथ धोखाधड़ी की
खबर विस्तार : -

नई दिल्ली, दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट नेशनल हेराल्ड से जुड़े मामले में सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा कि जिन लोगों ने कांग्रेस को दान दिया उनके साथ धोखाधड़ी की गयी। ईडी ने कहा कि जिन लोगों ने दान दिया उनमें से कुछ को टिकट दिए गए। स्पेशल जज विशाल गोगने ने आरोपितों का पक्ष सुनने के लिए 14 जुलाई को सुनवाई करने का आदेश दिया। सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से एएसजी एसवी राजू ने इस मामले में गवाहों के बयान का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी को जिन लोगों ने दान दिया उनके साथ धोखाधड़ी की गयी।  कुछ दानदाताओं को टिकट भी दिए गए। राजू ने गांधी परिवार की उस दलील का विरोध किया कि एसोसिएटेड जनरल्स लिमिटेड (एजेएल) पर उनका कोई नियंत्रण नहीं था। उन्होंने कहा कि एजेएल ही मूल रुप से नेशनल हेराल्ड की प्रकाशक थी।

चीमा ने कहा था कि ईडी एजेएल का मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन क्यों नहीं दिखा रही है। एजेएल की स्थापना जवाहर लाल नेहरु, जेबी कृपलानी, रफी अहमद किदवई और दूसरे कांग्रेस नेताओं ने 1937 में की थी। 4 जुलाई को कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि ईडी ने एक आश्चर्यजनक और अप्रत्याशित मामला बनाया। ईडी ने आश्चर्यजनक से भी ज्यादा मामला बनाया है। ये मनी लांड्रिंग का ऐसा मामला है जिसमें संपत्ति का कोई जिक्र नहीं है।

यंग इंडियन ने पूरी कार्रवाई एसोसिएटेड जनरल लिमिटेड को कर्ज मुक्त करने के लिए की। हर कंपनी अपने को कर्ज मुक्त करने के लिए कानून के मुताबिक कदम उठाती है। कंपनियां अपने को कर्ज मुक्त करने के लिए दूसरी कंपनी को दे देती हैं। यंग इंडियन लाभ कमाने वाली कंपनी नहीं है। ईडी ने सालों तक कुछ नहीं किया और किसी निजी शिकायत को आधार बनाकर कार्रवाई शुरु की। ईडी की ओर से 3 जुलाई को दलीलें पूरी कर ली गयी थीं। ईडी की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने कहा था कि यंग इंडियन 2000 करोड़ की आपराधिक आय प्राप्त करने का एक साधन था और यह मनी लांड्रिंग का एक क्लासिक मामला है। राजू ने कहा था कि शेयर होल्डिंग सिर्फ नाम के लिए है और अन्य आरोपी गांधी परिवार की कठपुतली हैं।

राहुल ने 2000 करोड़ की संपत्ति के लिए 50 लाख ही दिए

ईडी ने कहा था कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी कांग्रेस को नियंत्रित करते हैं। उनका उद्देश्य 92 करोड़ प्राप्त करना नहीं था। उनका उद्देश्य 2000 करोड़ रुपये प्राप्त करना था। ईडी ने कहा था कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने 2000 करोड़ की संपत्ति के लिए मात्र 50 लाख रुपये ही दिए। ईडी ने कहा था कि एसोसिएटेड जनरल्स लिमिटेड का स्वामित्व लेने के बाद गांधी परिवार के नियंत्रण वाली यंग इंडियन लिमिटेड ने घोषणा की कि वो नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन नहीं करेगा।

कोर्ट ने 2 मई को इस मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत सात आरोपियों को नोटिस जारी किया था। ईडी ने 15 अप्रैल को कोर्ट में अभियोजन शिकायत दाखिल किया था। ईडी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और सैम पित्रोदा को इसी मामले में आरोपी बनाया है। ईडी ने कानून की धारा 44 और 45 के तहत शिकायत दाखिल किया है। इस मामले में शिकायतकर्ता सुब्रह्ण्यम स्वामी का आरोप है कि दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस की 16 सौ करोड़ रुपये की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए साजिश के तहत यंग इंडियन लिमिटेड को एजेएल की संपत्ति का अधिकार दिया गया। स्वामी का कहना है कि हेराल्ड हाउस को केंद्र सरकार ने समाचार पत्र चलाने के लिए जमीन दी थी, इस लिहाज से उसे व्यावसायिक उद्देश्य के लिए प्रयोग नहीं किया जा सकता।

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