धार्मिक पर्यटन से बढ़ेंगे रोजगार के अवसर, सांस्कृतिक और धार्मिक शहरों में बढ़ेगी पर्यटकों की संख्या

खबर सार :-
यूपी सरकार राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशेष रूप से प्रयासरत है। खासकर, राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थलों को विकसित किया जा रहा है। अयोध्या, काशी, प्रयागराज, मथुरा को जोड़कर नया पर्यटन सर्किट बनाया जा रहा है। इसको रामायण सर्किट नाम दिया गया है। धार्मिक व सांस्कृतिक पर्यटना को बढ़ावा देकर सरकार अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करना चाहती है।

धार्मिक पर्यटन से बढ़ेंगे रोजगार के अवसर, सांस्कृतिक और धार्मिक शहरों में बढ़ेगी पर्यटकों की संख्या
खबर विस्तार : -


लखनऊ : धार्मिक पर्यटन से यूपी में रोजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में काम किया जा रहा है। इससे उत्तर भारत के सांस्कृतिक और धार्मिक शहरों में अधिक पर्यटकों के आने की संभावना है। पर्यटन मंत्रालय के अनुसार, उत्तर प्रदेश में धार्मिक पर्यटन का सबसे अधिक लाभ होगा। दरअसल, विकसित देशों की अर्थव्यवस्था में पर्यटन क्षेत्र का 10 प्रतिशत योगदान होता है। भारत में अभी यह योगदान सिर्फ दो से तीन प्रतिशत है। ऐसे में अब केंद्र व राज्य की डबल इंजन सरकार का इस क्षेत्र पर अधिक ध्यान है। आगामी कुछ वर्षों में देश का पर्यटन क्षेत्र भी अर्थव्यवस्था में योगदान देने के मामले में विकसित देशों की बराबरी पर होगा। पर्यटन मंत्रालय के अनुसार, वर्ष 2023 में 1.88 करोड़ विदेशी पर्यटक देश में आए। वहीं, 250 करोड़ पर्यटकों ने घरेलू रूप से यात्रा की।

जिस प्रकार से श्रद्धालु महाकुंभ में आए, उससे आने वाले समय में उत्तर भारत के सांस्कृतिक और धार्मिक शहरों में अधिक पर्यटकों के आने की उम्मीद है। इसका सबसे अधिक लाभ अयोध्या, मथुरा, काशी, प्रयागराज, मिर्जापुर जैसे धार्मिक स्थलों वाले यूपी को होगा। एसोसिएशन ऑफ इंडिया (2024) की रिपोर्ट के अनुसार, देश में पर्यटकों की बढ़ती संख्या अगले पांच-सात वर्षों में आतिथ्य क्षेत्र में कुल रोजगार का लगभग 10 प्रतिशत योगदान देगी। इनमें धार्मिक पर्यटन सबसे अधिक योगदान देगा। यूपी को इस बदलाव का लाभ मिल रहा है। देश और दुनिया के 66 करोड़ से अधिक लोग प्रयागराज महाकुंभ में आए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में काशी विश्वनाथ गलियारे के गठन के पहले वर्ष में, औसतन 5 मिलियन लोग आते थे। अब यह संख्या बढ़कर छह करोड़ हो गई है। इसी प्रकार अयोध्या में जहां 2016 में सिर्फ 2.83 लाख पर्यटक-श्रद्धालु आए तो सितंबर 2024 तक पर्यटकों का यह आंकड़ा 13.44 करोड़ पहुंच गया। पर्यटकों के आने के यही स्थिति मिर्ज़ापुर में मां विंध्यवासिनी धाम, चित्रकूट, मथुरा-वृंदावन की भी है। इन स्थलों पर घरेलू पर्यटकों की बढ़ती संख्या के चलते अगले सात वर्षों में होटलों में 10 लाख कमरे की आवश्यकता होगी। इससे 35 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। छोटे शहरों में भी इससे जुड़ी 15-20 लाख नौकरियां होंगी। इसकी वजह यह है कि पांच सितारा होटल इन शहरों में अपने विस्तार की योजना बना रहे हैं। पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने का लाभ होटल उद्योग के साथ-साथ विमानन, रेलवे, सड़क परिवहन निगम, स्थानीय परिवहन, रसद और स्थानीय लोगों को होगा। 

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