16 हजार आरक्षित पदों को बचाने के लिए पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन 15 जुलाई को करेगा आरक्षण बचाओ सम्मेलन

खबर सार :-
यूपी में दो बिजली निगमों के निजीकरण का विरोध जारी है। निजीकरण से उपभोक्ताओं को मिलने वाली बिजली महंगी होने के साथ आरक्षण के पद भी समाप्त होंगे। इन दोनों मामलों को लेकर ही बिजली कर्मचारी संगठन पुरजोर विरोध कर रहे हैं। दोनों निगमों के निजीकरण से करीब 16 हजार आरक्षित पद समाप्त हो जाएंगे। इसको लेकर आगरा में आरक्षण बचाओ सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।

16 हजार आरक्षित पदों को बचाने के लिए पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन 15 जुलाई को करेगा आरक्षण बचाओ सम्मेलन
खबर विस्तार : -

लखनऊ : दक्षिणांचल और पूर्वांचल के 42 जनपदों के निजीकरण के मामले में आरक्षण को लेकर नया पेंच फंसता नजर आ रहा है। पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन इसे लेकर आर-पार की लड़ाई के मूड में है। दलित व पिछड़ा वर्ग संगठन पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष के नेतृत्व में बीते 9 जुलाई को केस्को और 11 जुलाई को पूर्वांचल में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इसी क्रम में 15 जुलाई को शाम दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम आगरा में एक प्रतिनिधि सम्मेलन का आयोजन किया गया है।

सम्मेलन में दक्षिणांचल और पूर्वांचल के निजीकरण के बाद समाप्त होने जा रहे 16,000 आरक्षित पदों को बचाने के लिए आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया जाएगा। आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने भी इस आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए पूर्ण समर्थन दिया है। पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन ने कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने 1934 में कहा था कि बिजली जैसी आवश्यक सेवाएं हमेशा सरकारी क्षेत्र में रहनी चाहिए। पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन बाबा साहेब की विचारधारा से जुड़कर इस लड़ाई को निश्चित रूप से आगे बढ़ाएगा।

उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आरपी केन, कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, सचिव मनोज सोनकर ने अपने बयान में कहा कि 15 जुलाई को आगरा में होने वाले आरक्षण बचाओ प्रतिनिधि सम्मेलन में बहुत महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए जाएंगे। जिसके बाद 16,000 आरक्षण पदों को बचाने के लिए एक बड़े जन आंदोलन की घोषणा की जाएगी। आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश ने भी पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन को पूर्ण समर्थन देते हुए कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो इस अभियान में उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी विभाग एक साझा रणनीति के तहत आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे। अब किसी भी हालत में चुप नहीं बैठ सकते। पहले प्रमोशन में आरक्षण छीना गया और अब आरक्षण भी छीना जा रहा है, जिसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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