राजनाथ सिंह ने कहा- लखनऊ की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना का केंद्र है श्री बड़ी काली जी मंदिर

खबर सार :-
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज अपने संसदीय क्षेत्र लखनऊ के दौरे पर रहे। उन्होंने काली जी मंदिर में नवनिर्मित भवन के उद्घाटन पर भारतीय सेना की शौर्य की तारीफ की, विशेषकर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान महिला सैनिकों की भूमिका को उजागर किया। रक्षा मंत्री ने सांस्कृतिक प्रतीकों के पुनर्निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया, और कहा कि यह हमारी आध्यात्मिक पहचान को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर कई राजनीतिक नेता भी उपस्थित थे।

राजनाथ सिंह ने कहा- लखनऊ की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना का केंद्र है श्री बड़ी काली जी मंदिर
खबर विस्तार : -

लखनऊ: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र लखनऊ में कई कार्यक्रमों में शिरकत की। राजनाथ सिंह मध्य विधानसभा क्षेत्र के मध्य मंडल 4 में आयोजित "प्रबुद्धजन संवाद" कार्यक्रम में शामिल हुए। बाद में, काली जी मंदिर में नवनिर्मित भवन के उद्घाटन के अवसर पर, राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सेनाओं पर माँ काली की विशेष कृपा रही है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी, भारतीय सेनाओं ने अद्भुत शौर्य, पराक्रम और साहस का परिचय देते हुए पाकिस्तानी धरती पर स्थित आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने में सफलता प्राप्त की। महिला सैनिकों और पायलटों ने इस ऑपरेशन में उत्साहपूर्वक भाग लिया और माँ काली के एक स्वरूप से दुश्मनों को परास्त किया।

उन्होंने कहा कि श्री बड़ी काली जी मंदिर लखनऊ की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना का केंद्र है। यह मंदिर तब भी था जब लखनऊ का अस्तित्व नहीं था और आज जब लखनऊ एक नया स्वरूप ले रहा है, तब भी यह मंदिर हम सभी के लिए प्रेरणा के रूप में विद्यमान है। उन्होंने कहा कि हमें सामूहिक प्रयास करने चाहिए कि लखनऊ का यह महाकाली मंदिर भी और अधिक भव्य और दिव्य रूप धारण करे। आपके सामने एक नहीं, अनेक उदाहरण हैं। काशी-विश्वनाथ कॉरिडोर, महाकाल कॉरिडोर, सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण और अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण हमारे मिशन के परिणाम हैं। लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ। आज़ादी के बाद, सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का भी विरोध हुआ और दशकों तक देश पर यही सोच हावी रही। नतीजा यह हुआ कि देश हीन भावना की गहराइयों में डूब गया, अपनी विरासत पर गर्व करना भूल गया।

कैप्टन मनोज पाण्डेय को किया याद

राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर हमने अपनी सांस्कृतिक पहचान का सम्मान किया होता, तो देश के भीतर एकता और स्वाभिमान की भावना मज़बूत होती। गुलामी के दौर में, भारत को कमज़ोर करने की कोशिश करने वाले अत्याचारियों ने सबसे पहले हमारे इन आध्यात्मिक और सांस्कृतिक प्रतीकों और केंद्रों को निशाना बनाया। आज़ादी के बाद इन सांस्कृतिक प्रतीकों का पुनर्निर्माण ज़रूरी था।

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारतीय सेना की जिस रेजिमेंट में कैप्टन मनोज पांडे सेवा करते थे, उसका नाम गोरखा राइफल्स है। उस रेजिमेंट का नारा है, जय महाकाली, आयो गोरखाली। उन्होंने कहा कि इस वर्ष कारगिल युद्ध की 26वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। इस अवसर पर हमें कैप्टन मनोज पाण्डेय सहित उन सभी वीरों को याद करना चाहिए जिन्होंने माँ भारती के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जो सदियों से दुनिया के लिए आर्थिक समृद्धि और भौतिक विकास का उदाहरण रहा है। हमने प्रगति के प्रतिमान गढ़े हैं, समृद्धि के सोपान तय किए हैं। भारत ने भौतिक प्रगति को कभी भी भौगोलिक विस्तार और शोषण का माध्यम नहीं बनने दिया। हमने भौतिक प्रगति के लिए आध्यात्मिक और मानवीय प्रतीकों का भी सृजन किया। इसका दिव्य स्वरूप भारत की समृद्ध संस्कृति में दिखाई देता है।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, महापौर सुषमा खर्कवाल, पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, पूर्व मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह, एमएलसी मुकेश शर्मा, एमएलसी रामचंद्र प्रधान और महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

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