Sawan 2025 : भगवान शिव को समर्पित माह सावन का आज यानी शुक्रवार से आरंभ हो गया है। सावन के पवित्र महीने की शुरुआत के साथ ही देश भर के प्रमुख शिव मंदिरों में 'बम-बम भोले' के जयकारे गूंजने लगे हैं। भगवान शिव का बेहद प्रिय यह महीना श्रद्धा, विश्वास और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। इस अवसर पर शुक्रवार की सुबह वाराणसी-प्रयागराज, उज्जैन और हरिद्वार जैसे तीर्थस्थलों पर भक्ति, सेवा और समर्पण की अनूठी मिसाल देखने को मिली।
सावन के पहले दिन हजारों शिव भक्त और कांवड़िया कतारों में खड़े होकर भोलेनाथ की पूजा-अर्चना और मंदिरों में जलाभिषेक कर रहे है। वहीं सावन के पहले दिन यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने रुद्राभिषेक और हवन किया। सीएम योगी ने गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर के अपने आवास पर शक्तिपीठ में भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया। इस दौरान उन्होंने भगवान शिव से प्रदेशवासियों के कल्याण और सुख-समृद्धि की कामना की।
वाराणसी के काशी विश्वनाथ (Kashi Vishwanath) मंदिर में दिन की शुरुआत 'मंगला आरती' से हुई, जिसके बाद मंदिर के कपाट आम लोगों के दर्शन के लिए खोल दिए गए। काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ पहुंची। उत्साह से भरे भक्त लंबी लेकिन व्यवस्थित कतारों में खड़े होकर बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद पाने के लिए आतुर थे। इस दौरान मंदिर परिसर "हर-हर महादेव" के जयघोष से भक्तिमय हो गया। वाराणसी मंडलायुक्त ने शिवभक्तों पर पुष्प वर्षा की।
इसी तरह, प्रयागराज में भी सावन के पावन महीने में त्रिवेणी संगम में स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। ब्रह्म मुहूर्त में ही श्रद्धालु यमुना तट पर स्थित श्रीमनकामेश्वर मंदिर की ओर चल पड़े। भक्त भगवान शिव के विभिन्न स्वरूपों की पूजा करने के लिए गंगाजल, दूध, बेलपत्र आदि लेकर पहुंचे। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखी गईं।
इसके अलावा लोधेश्वर, गोला और कानपुर के परमट मंदिर में भी भक्त सुबह से दर्शन के लिए कतार में खड़े हैं। राज्य के अन्य शिव मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। कई भक्तों ने पंडितों के साथ शिव महाभिषेक, महामृत्युंजय जाप और रुद्राभिषेक किया। सावन के पूरे महीने सभी शिव मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होगी। दशाश्वमेध घाट पर पवित्र गंगाजल लेने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े। मान्यता है कि भगवान शिव को गंगाजल अर्पित करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
देवभूमि हरिद्वार 'बम-बम भोले' और 'हर-हर महादेव' के जयकारों से गूंज रहा है। शुक्रवार सुबह 'हर की पौड़ी' पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। दूर-दूर से आए शिवभक्त गंगा में डुबकी लगा रहे हैं और गंगाजल भरकर अपने गंतव्य की ओर रवाना हो रहे हैं। उज्जैन के महाकलेश्व उज्जैन के महाकालेश्वर (Mahakaleshwar ) और हरिद्वार के दक्षिणेश्वर महादेव मंदिर में भी सुबह से ही शिवक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। भोले बाबा की ससुराल कहे जाने वाले इस पावन स्थल पर श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक कर पुण्य कमाया। श्रद्धालुओं का मानना है कि सावन में भोलेनाथ यहीं से ब्रह्मांड का संचालन करते हैं। इसी मान्यता के चलते दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए यहां पहुंचे।
हरिद्वार में प्रशासन ने मंदिर में सुरक्षा और सुविधा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। जगह-जगह पुलिस बल तैनात है, चिकित्सा शिविरों, जलपान केंद्रों और विश्राम स्थलों से श्रद्धालुओं को राहत मिल रही है। कांवड़ यात्रा में आए श्रद्धालुओं का उत्साह देखने लायक है।
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