प्रयागराजः उप आबकारी आयुक्त प्रयागराज मंडल में कार्यरत राम कुमार सोनकर कनिष्ठ सहायक को एंटी करप्सन टीम प्रयागराज द्वारा 13 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुये रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया। राम कुमार यह रकम एक शराब ठेकेदार से प्रतिभूति राशि (सिक्योरिटी मनी) वापस करने के लिये ले रहा था। इस कार्यवाही के बाद राम कुमार के विरुद्ध स्थानीय कैंट थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया गया है।
नगर के करेली थानान्तर्गत भावापुर के पुष्पांजलि नगर निवासी शिखर कुशवाहा पुत्र विनोद कुशवाहा की मां के नाम चैफटका मुहल्ले में देशी शराब की दुकान थी। वर्ष 2024-25 तक दुकान का संचालन होता रहा लेकिन वर्ष 2025-26 में दुकानों के व्यवस्थापन के लिये हुई नीलामी में यह दुकान किसी और व्यक्ति को आवंटित हो गई। दुकान छूट जाने के बाद शराब कारोबारी की ओर से विभाग से उस दुकान की प्रतिभूति के रूप में जमा 10 लाख रुपये वापस करने हेतु अनुरोध किया गया लेकिन कार्यालय यह रकम वापस करने में हीला-हवाली करता रहा ।
प्रतिभूति राशि वापस करने के लिये शराब कारोबारी के पुत्र शिखर कुशवाहा द्वारा प्रयास किया गया तो मामले में राम कुमार सोनकर द्वारा 13 हजार की मांग की गई। रिश्वत मांगे जाने की शिकायत शिखर कुशवाहा द्वारा स्थानीय भ्रष्ट्राचार निवारण संगठन (एंटी करप्सन विभाग) में की गई। एंटी करप्सन टीम ने प्रारम्भिक जांच में मामला सही पाया। इसके बाद गठित टीम ने राम कुमार सोनकर को रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनाई।
तय कार्यक्र्रम के अनुसार शुक्रवार 11 जुलाई को शिखर कुशवाहा तय रकम 13 हजार लेकर उप आबकारी आयुक्त प्रयागराज मंडल के मुंडेरा स्थित कार्यालय पहुंचा और प्रथम तल के गलियारे में राम कुमार को बुलाकर जैसे ही रकम सौंपीं वैसे ही वहां मौजूद एंटी करप्सन टीम के सदस्यों ने 13 हजार रुपये के साथ राम कुमार को दबोच लिया। तुरंत राम कुमार का हाथ पानी से धुलवाया गया तो उसका हाथ लाल हो गया। टीम को भरोसा हो गया कि उससे बरामद रकम रिश्वत की है क्योंकि उस पर एंटी करप्सन टीम की ओर से केमीकल लगाया गया था।
टीम की ओर से राम कुमार को स्थानीय कैंट थाने ले जाया गया और उसके विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। अब राम कुमार को 12 जुलाई को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करके अग्रिम कार्यवाही की जायेगी।
कनिष्ठ सहायक के पद पर कार्यरत राम कुमार की रिश्वत लेने में गिरफ्तारी से स्थानीय अधिकारियों पर भी सवाल उठ रहे हैं क्योंकि शराब व्यापारियों की प्रतिभूति राशि लौटाने के लिये अधिकारी जबाबदेह है।
इसी क्रम में उल्लेख करना है कि अभी 2 जुलाई को ही सहारनपुर में तैनात शैलेन्द्र कुमार आबकारी निरीक्षक को भी प्रतिभूति रकम वापसी के लिये शराब कारोबारी से 25 हजार की रिश्वत लेते हुये एंटी करप्सन टीम द्वारा गिरफ्तार किया गया था। आबकारी विभाग में पिछले 10 दिन में एंटी करप्सन की कार्यवाही में दो लोगों को रंगे हाथ दबोचे जाने से पूरे प्रदेश में सनसनी फैल गई है।
बताया जाता है कि प्रतिभूति रकम लौटाने के खेल में कार्यालय सहायक तो एक मोहरा होता है, जिम्मेदार अधिकारी तो कभी कानून के शिकंजे में आते भी नहीं हैं। राम कुमार अपनी गिरफ्तारी के समय एंटी करप्सन टीम से बार बार यही गुहार लगा रहा था कि ’’सर हमारा क्या रोल है?’’ लेकिन उसे सुनने वाला कोई नहीं था।
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