कोटा जिला बागवानी विकास समिति की बैठक, कलेक्टर का किसानों से संवाद, प्रसंस्करण और विपणन पर जोर

खबर सार :-
जिला बागवानी विकास समिति की मासिक बैठक में जिला कलेक्टर ने केवीके एवं बागवानी विभाग को आपसी समन्वय से मूल्य संवर्धन एवं उद्यमिता के क्षेत्र में अधिक से अधिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कृषि को केवल उत्पादन तक सीमित न रखकर व्यवसाय का रूप देना आवश्यक है, ताकि किसान आत्मनिर्भर बन सकें और युवाओं को भी प्रेरणा मिले।

कोटा जिला बागवानी विकास समिति की बैठक, कलेक्टर का किसानों से संवाद, प्रसंस्करण और विपणन पर जोर
खबर विस्तार : -

कोटा :- जिला बागवानी विकास समिति की मासिक बैठक जिला कलेक्टर पीयूष समारिया की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में उप निदेशक बागवानी एन.बी. मालव ने जिले में चल रहे कार्यों, प्रगति एवं निर्धारित लक्ष्यों की जानकारी दी। बैठक के दौरान कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जिले में अधिक से अधिक क्लस्टर एवं एफपीओ आधारित प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की जाएं ताकि किसानों को विपणन संबंधी चुनौतियों का सामना न करना पड़े। उन्होंने टमाटर, मिर्च, गुलाब आदि शीघ्र नष्ट होने वाले उत्पादों के लिए सोलर ड्रायर प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए संबंधित विभाग को इसके लिए आमजन को प्रेरित करने के निर्देश दिए ताकि किसान अपनी उपज सुरक्षित रख सकें और अधिक लाभ प्राप्त कर सकें।

प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहित किया जाए:- 

कलेक्टर ने कहा कि प्रसंस्करण क्षेत्र में आने वाले आवेदनों की विभागीय स्तर पर समीक्षा की जाए, सहकारी संस्थाओं से समन्वय किया जाए तथा बैंकिंग सहायता उपलब्ध कराई जाए ताकि किसान बिना किसी बाधा के प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित कर सकें। उन्होंने नाबार्ड के साथ बेहतर समन्वय कर अधिक से अधिक किसानों को योजना का लाभ दिलाने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि कोटा जिले में अधिक से अधिक कोल्ड स्टोरेज एवं प्रसंस्करण इकाइयाँ स्थापित की जानी चाहिए ताकि किसानों को उपज के संरक्षण एवं प्रसंस्करण के अधिक अवसर मिल सकें।

स्थानीय उत्पादों को बाजार से जोड़ने के प्रयास तेज किए जाएँ:-

बैठक में मधुमक्खी पालन से संबंधित चर्चा के दौरान एक किसान ने शहद उत्पादन के बारे में जानकारी दी, जिस पर कलेक्टर ने सुझाव दिया कि किसान के पास उपलब्ध शहद की मात्रा का लैब परीक्षण कराया जाए तथा उसकी गुणवत्ता का प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाए तथा संबंधित दस्तावेज संलग्न कर मध्याह्न भोजन योजना में शहद को शामिल करने का प्रस्ताव तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि लैब परीक्षण प्रमाण पत्र से स्थानीय एवं अन्य बाजारों में भी शहद की बिक्री आसान हो जाएगी। इस अवसर पर उन्होंने उद्यमी किसान कपिल जैन से बातचीत की, जिन्होंने गुलाब की खेती, सोलर ड्रायर/डिहाइड्रेशन यूनिट और गुलाब जल जैसे उत्पादों से प्राप्त लाभों को साझा किया। कलेक्टर ने उनके नवाचारों की सराहना की और अन्य किसानों को भी प्रेरित करने की बात कही।

कुसुम योजना एवं महिला स्वयं सहायता समूहों की प्रगति की समीक्षा:-

बैठक में कुसुम योजना के अंतर्गत सोलर पंप, टपक सिंचाई एवं फलोद्यान खेती की भी विस्तृत समीक्षा की गई। साथ ही, राजीविका की जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्रीमती नेहा चतुर्वेदी ने बताया कि आजीविका समूहों की महिलाएं धनिया उत्पादन में उत्कृष्ट कार्य कर रही हैं, लेकिन विपणन सुविधाओं के अभाव में उन्हें उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस पर कलेक्टर ने आश्वस्त किया कि विपणन के लिए विशेष प्रयास किए जाएं ताकि महिलाओं को उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिल सके।

स्थायी गुणवत्ता एवं जैविक खेती को प्राथमिकता:- 

कलेक्टर ने निर्देश दिए कि पॉलीहाउस में नियमित मृदा परीक्षण सुनिश्चित किया जाए ताकि उत्पाद की गुणवत्ता एवं उत्पादन स्तर बना रहे। उन्होंने जैविक खेती करने वाले किसानों को बैंकिंग क्षेत्र से भी हरसंभव सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया। पंच गौरव के तहत चिन्हित एक जिला एक फसल - धनिया को मिले प्रोत्साहन कलेक्टर समारिया ने बैठक में निर्देश दिए कि राज्य सरकार के पंच गौरव के तहत कोटा जिले के लिए 'एक जिला एक फसल' के रूप में चिन्हित धनिया को अधिक से अधिक प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि धनिया उत्पादन में जिले की विशेषता को देखते हुए किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण, प्रसंस्करण जानकारी और विपणन के अवसर उपलब्ध कराना आवश्यक है। 

इसके लिए कार्यशालाएं, प्रदर्शन कार्यक्रम और विभिन्न प्रचार गतिविधियां सुनिश्चित की जाएं ताकि अधिक से अधिक किसान इस फसल से जुड़कर लाभान्वित हो सकें और जिले की पहचान एक विशिष्ट कृषि उत्पाद के रूप में मजबूत हो सके। बैठक में कृषि विभाग से संयुक्त निदेशक आतिश शर्मा, कृषि अधिकारी सोनल सिंघल और भंवर लाल मीणा, अग्रणी जिला प्रबंधक दिलीप कौर, डीडीएम नाबार्ड आरपी शर्मा, केवीके प्रभारी महेंद्र सिंह, कृषि वैज्ञानिक, उद्यमी अंकित सांवला, प्रगतिशील किसान ईश्वर गौतम कपिल जैन, शिव प्रकाश नागर कौशल किशोर, मशरूम उद्यमी यशराज साहू, शहद प्रसंस्करण इकाई संस्थापक नरेंद्र कुमार नागर मौजूद थे।

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