तीन महीने पहले सील हुए अस्पताल फिर से चालू, विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल

खबर सार :-
स्वास्थ्य विभाग को इलाके में बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे अस्पतालों के बारे में जानकारी मिली थी। इसके बाद, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमरिया के प्रभारी डॉक्टर अनिकेत गंगवार के नेतृत्व में एक टीम ने रविवार को मैक्स हॉस्पिटल और डॉ. फैजान के हॉस्पिटल पर छापा मारा और दोनों जगहों को सील कर दिया।

तीन महीने पहले सील हुए अस्पताल फिर से चालू, विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल
खबर विस्तार : -

अमरिया (पीलीभीत)। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमरिया के प्रभारी डॉक्टर अनिकेत गंगवार के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रविवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए बिना पंजीकरण संचालित हो रहे दो निजी अस्पतालों को सील कर दिया। इस कार्रवाई से क्षेत्र के झोलाछाप डॉक्टरों और अवैध अस्पताल संचालकों में हड़कंप मच गया, कई ने अपने प्रतिष्ठानों के शटर गिरा लिए।

वैध दस्तावेज नहीं दिखा सके अस्पताल

स्वास्थ्य विभाग को सूचना मिली थी कि अमरिया क्षेत्र में बिना पंजीकरण कई अस्पताल संचालित किए जा रहे हैं। सूचना के आधार पर सीएचसी प्रभारी डॉक्टर अनिकेत गंगवार के नेतृत्व में टीम ने मैक्स हॉस्पिटल और डॉ. फैजान के अस्पताल पर छापेमारी की। जांच के दौरान अस्पताल संचालक पंजीकरण संबंधी कोई भी वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके, जिसके बाद दोनों अस्पतालों को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया।

छापेमारी के दौरान अस्पताल स्टाफ से पंजीयन, स्टाफ विवरण और अन्य आवश्यक दस्तावेज मांगे गए, लेकिन कोई भी रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराया जा सका। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई को अमल में लाया।

नियमों की अनदेखी

सीएचसी प्रभारी डॉक्टर अनिकेत गंगवार ने बताया कि क्षेत्र में लगातार अस्पतालों की जांच की जा रही है। जहां भी नियमों की अनदेखी या कमियां पाई जा रही हैं, वहां नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। साथ ही शिकायतों के आधार पर भी जांच कराई जा रही है और आरोप सही पाए जाने पर संबंधित अस्पतालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।

हालांकि स्वास्थ्य विभाग की इस कार्रवाई के बीच एक गंभीर मामला भी सामने आया है। 30 सितंबर को अवैध घोषित कर सील किए गए जीवनदीप हॉस्पिटल और जीवन ज्योति नर्सिंग होम वर्तमान में दोबारा संचालित किए जा रहे हैं। इन अस्पतालों में न केवल इलाज किया जा रहा था, बल्कि मरीजों को भर्ती भी किया जा रहा था।

स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई पर सवाल

सील होने के बावजूद इन अस्पतालों का दोबारा संचालन स्वास्थ्य विभाग की नियमित निगरानी और ठोस फॉलो-अप की कमी को उजागर करता है। हैरानी की बात यह है कि तीन महीने बीत जाने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग अवैध अस्पताल संचालकों के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं करा सका।

बताया जा रहा है कि ये अस्पताल बिना वैध पंजीकरण, योग्य चिकित्सकों, आवश्यक चिकित्सा उपकरणों, प्रशिक्षित स्टाफ और बायो-मेडिकल वेस्ट प्रबंधन के संचालित हो रहे थे, जिससे मरीजों की जान को गंभीर खतरा बना हुआ था। वहीं दोबारा संचालित हो रहे अस्पतालों के संचालकों पर एफआईआर दर्ज करने के सवाल पर सीएचसी प्रभारी डॉक्टर अनिकेत गंगवार की चुप्पी भी विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही है।

स्वास्थ्य विभाग ने अनियमितताओं को स्वीकार करते हुए भविष्य में अवैध अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिया है, लेकिन जमीनी स्तर पर कार्रवाई और निगरानी को लेकर अभी भी कई सवाल बने हुए हैं।

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