खत्म हो रहा पोस्टकार्ड एवं अंतर्देशीय पत्र का अस्तित्व, कभी लगती थीं कतारें

खबर सार :-
एक समय था जब अंतर्देशीय पत्र और पोस्टकार्ड से घर परिवार एवं गांव के पूरे हाल-चाल लिए और दिए जाते थे। लेकिन अब आधुनिक संचार क्रांति ने इस पूरे परिदृश्य को बदल दिया है अब सभी समाचार मोबाइल के द्वारा एक दूसरे को दे दिए जाते हैं।

खत्म हो रहा पोस्टकार्ड एवं अंतर्देशीय पत्र का अस्तित्व, कभी लगती थीं कतारें
खबर विस्तार : -

झांसीः अंतर्देशीय पत्र एवं पोस्टकार्ड का अस्तित्व धीरे-धीरे विलुप्त होने की कगार पर आता जा रहा है। जहां पहले पोस्टकार्ड और अंतर्देशीय पत्र ही मध्यमवर्गी के लिए संचार का माध्यम होते थे, लेकिन अब हजारों मील दूर नाते रिश्तेदारों से संपर्क इंटरनेट के द्वारा सेकंडस में हो जाता है। हालांकि अभी कुछ लोग संचार के इस पुराने माध्यम को इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे मंडल के डाकघर में एक साल में 166 हाथ से लिखे पत्र लोगों के घर तक पहुंच गए हैं।

डाकघर द्वारा दी जा रहीं अन्य सुविधाएं

मंडल में झांसी ललितपुर और जालौन जिला में डाक विभाग के तीन प्रधान डाकघर है तथा 75 उप डाकघर है इन डाकघर से डाक संबंधी कार्य किए जाते हैं। डाकघर से ही पत्राचार के लिए अंतर्देशीय पत्र एवं पोस्टकार्ड की बिक्री की जाती है जो कि अब लगभग बंद सी हो गई है। कभी पत्राचार एवं संदेश पहुंचाने के लिए पोस्टकार्ड एवं अंतर्देशीय पत्र से यह सुविधा उपलब्ध होती थी। लेकिन अब इन्हीं डाकघर द्वारा ईमेल, बीमा बैंकिंग, डिजिटल बैंकिंग और आधार कार्ड एवं अन्य सुविधाएं भी दी जा रही है।

ऑनलाइन बैकिंग सुविधा

मेल से 20 ग्राम से 20 किलोग्राम तक का सामान आसानी से भेजा जा सकता है आधा किलो ग्राम के समान के लिए मात्र 42 रुपए और 20 किलोग्राम तक के समान के लिए रु 685 ही लगते हैं। इसके अलावा बीमा योजनाएं भी डाक विभाग चला रहा है बैंकिंग सुविधाओं में अल्प बचत मासिक इनकम स्कीम सेविंग अकाउंट सीनियर सिटीजन अकाउंट आईडी भी खोले जा रहे हैं इसके अलावा इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक भी डाकघर के द्वारा चलाए जा रहा है। इसमें खाता खोलकर ऑनलाइन बैंकिंग की सुविधा भी दी जा सकती हैं इन खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर की भी सुविधा दी गई है साथ ही डाक विभाग आधार कार्ड ठीक करने व बनाने की सुविधा भी दे रहा है। 

अंतर्देशीय पत्र और पोस्टकार्ड के लिए लगती थी लंबी लाइन

आधुनिक संचार माध्यम के आ जाने से पुराने संचार माध्यम पोस्टकार्ड एवं अंतर्देशीय पत्र लुप्त से होते जा रहे हैं। इस बारे में प्रबर डाक अधीक्षक वरुण मिश्रा का कहना है कि किसी जमाने में अंतर्देशीय पत्र और पोस्टकार्ड ही संचार और व्यवहार का सबसे बेहतरीन और सस्ता साधन हुआ करता था। इसको खरीदने के लिए डाकघर में लोगों की लंबी-लंबी लाइन लगा करती थी। लेकिन मोबाइल फोन व्हाट्सएप एवं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने इस पुरानी व्यवस्था को लगभग समाप्त सा कर दिया है। समय के साथ डाक विभाग ने भी आधुनिक रूप से काम शुरू किया है इसमें डिजिटल बैंकिंग प्रमुख है बैंकों की तरह ही यहां से पैसा ट्रांसफर किया जा सकता है। अन्य योजनाएं भी चलाई जा रही है जो ग्राहकों को भी काफी पसंद आ रही है।

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