ठंड में संवेदनशीलता की गर्माहट: ग्राम प्रधान राममूर्ति दूबे ने गरीबों को कंबल देकर निभाया मानवीय दायित्व

खबर सार :-
ग्राम प्रधान राममूर्ति दुबे ने कड़ाके की ठंड से जूझ रहे बुजुर्गों और बेसहारा गरीबों को कंबल बांटे, लोगों ने उनकी जनसेवा, कार्यशैली और संवेदनशील नेतृत्व की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

ठंड में संवेदनशीलता की गर्माहट: ग्राम प्रधान राममूर्ति दूबे ने गरीबों को कंबल देकर निभाया मानवीय दायित्व
खबर विस्तार : -

मिठनेपुर/सुलतानपुरः जैसे-जैसे ठंड का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े जरूरतमंदों की परेशानियां भी बढ़ रही हैं। ऐसे समय में जनप्रतिनिधियों की संवेदनशीलता और सामाजिक उत्तरदायित्व की वास्तविक परीक्षा होती है। इसी क्रम में ग्राम पंचायत मिठनेपुर के कर्मठ, दूरदर्शी और जनभावनाओं के प्रति समर्पित ग्राम प्रधान राममूर्ति दूबे ने मानवता और सेवा भाव की एक अनुकरणीय मिसाल प्रस्तुत की है।

कंबल वितरण में स्वयं रहे उपस्थित

कड़ाके की ठंड से जूझ रहे बुजुर्गों, असहायों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से ग्राम प्रधान राममूर्ति दूबे ने स्वयं उपस्थित रहकर कंबल वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया। उन्होंने अपने कर-कमलों से जरूरतमंदों को कंबल वितरित किए, जिससे न केवल ठंड से राहत मिली बल्कि उन्हें सम्मान और अपनत्व का भाव भी प्राप्त हुआ। इस पहल ने यह स्पष्ट कर दिया कि उनका नेतृत्व केवल प्रशासनिक दायित्व तक सीमित नहीं है, बल्कि जनसेवा के प्रति गहरी संवेदनशीलता से जुड़ा हुआ है।

गरीब और बुजुर्गों के चेहरे पर मुस्कान

इस कल्याणकारी और लोकमंगलकारी पहल से पूरे गांव में हर्ष और संतोष का माहौल देखने को मिला। कंबल पाकर गरीबों और बुजुर्गों के चेहरों पर आई मुस्कान ने कार्यक्रम की सार्थकता को स्वयं बयान कर दिया। ग्रामीणों का कहना था कि ग्राम प्रधान का यह प्रयास महज औपचारिकता नहीं, बल्कि करुणा, कर्तव्यबोध और सामाजिक दायित्व की सच्ची अभिव्यक्ति है।

ग्रामीणों ने एक स्वर में ग्राम प्रधान राममूर्ति दूबे की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे जनप्रतिनिधि बहुत कम होते हैं, जो सत्ता को सेवा का माध्यम मानते हैं। उनकी निष्कलंक कार्यशैली, सरल स्वभाव और जनहित के प्रति समर्पण ने गांव के लोगों का विश्वास और अधिक मजबूत किया है।

यह कंबल वितरण कार्यक्रम ग्राम पंचायत में सामाजिक सौहार्द, मानवीय मूल्यों और आपसी सहयोग की भावना को सुदृढ़ करने वाला सिद्ध हुआ। कुल मिलाकर, ठंड के इस कठिन समय में ग्राम प्रधान राममूर्ति दूबे की यह पहल “सेवा ही संकल्प” की भावना को साकार करती हुई एक प्रेरणादायी और अनुकरणीय उदाहरण बनकर सामने आई है।

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