Sourav Ganguly : महाराज से दादा बनने तक का सफर, कैसे क्रिकेट के प्रति बदल दी लोगों की सोच

खबर सार :-
सौरव गांगुली आज 8 जुलाई को अपना 53वां जन्मदिन मना रहे हैं। गांगुली का नाम भारत के सबसे सफल कप्तानों में शामिल है। गांगुली के लिए यहां तक ​​पहुंचना आसान नहीं था। इसके लिए उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ी। आइए जानते हैं उनकी कहानी।

Sourav Ganguly : महाराज से दादा बनने तक का सफर, कैसे क्रिकेट के प्रति बदल दी लोगों की सोच
खबर विस्तार : -

क्रिकेट जगत में ‘प्रिंस ऑफ़ कोलकता’ और ‘दादा’ के नाम से मशहूर भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान, सौरव गांगुली आज 53 साल के हो गए हैं । इस खास दिन पर उन्हें क्रिकेट जगत और प्रशंसकों से शुभकामनाएं मिल रहीं हैं। उनका जन्म 1972 में कोलकाता, पश्चिम बंगाल में हुआ था। भारतीय क्रिकेट को नई आक्रामकता देने वाले गांगुली न सिर्फ शानदार बल्लेबाज रहे हैं, बल्कि उन्होंने भारतीय क्रिकेट को अपने नेतृत्व में उस मुकाम पर पहुंचाया, जहां से टीम इंडिया ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। गांगुली को हमेशा से ही एक ऐसे कप्तान के रूप में देखा जाता है जो विरोधी की आँखों में आँख डालकर देखना जनता था और लॉर्ड्स की बालकनी में टीशर्ट लहराकर उन्होंने ये साबित भी कर दिया। गांगुली ने टीम इंडिया को वो आत्मविश्वास दिया जिसकी उसे सालों से तलाश थी। इस कप्तान ने भारत को सहवाग, युवराज और धोनी जैसे सितारे दिए। उनके नाम 113 टेस्ट, 311 वनडे, 18433 रन, 38 शतक हैं लेकिन उससे भी बड़ा है उनका जूनून, उनकी सोच और उनका “दादा वाला एटीट्युड”। आज सारा देश उनका जन्मदिन मन रहा है, सोशल मीडिया पर #happybirthdaydada ट्रेंड कर रहा है, तब हम सिर्फ जन्मदिन नहीं मना रहे बल्कि भारतीय क्रिकेट की रीढ़ को सलाम कर रहे हैं । 

Sourav Ganguly :  भारतीय क्रिकेट को दिए कई यादगार पल

गांगुली की कप्तानी में भारतीय टीम ने 2002 चैंपियंस ट्रॉफी में जीत ,2003 में वर्ल्ड कप फाइनल तक का सफ़र जैस कई यादगार मुकाबले दर्ज किये। बता दें की दादा का योगदान केवल क्रिकेट मैदान तक ही सीमित नहीं रहा, BCCI के अध्यक्ष के रूप में भी उन्होंने भारतीय क्रिकेट के हित में कई अहम फैसले लिए। यहीं नहीं आईपीएल में भी पहले कप्तान, फिर कमेंटेटर और फिर प्रशासक, हर भूमिका उन्होंने बखूबी निभाई है।

मैदान पर विरोधी को चित करना हो या लॉर्ड्स की बालकनी से टीम इंडिया की ताकत दुनिया को बताना हो, अपने अलग अंदाज़ की वजह से वो आज भी फैन्स के दिलों में राज करते हैं। सच कहें तो गांगुली भारतीय क्रिकेट के इतिहास में किसी चमकते सूरज से कम नहीं थे। 

Sourav Ganguly :  बनने जा रही है बायोपिक

आज उनके जन्मदिन पर उनके चाहने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी आ रही है। लंबे समय से अटकी पड़ी उनकी बायोपिक को लेकर जल्द ही फैसला सकता है। अभी तक अपने क्रिकेट मैदान पर दादा का कमाल देखा था पर अब राजकुमार राव अपने अभिनय से आपको स्क्रीन पर दादा का कमाल दिखायेंगे। कपिल देव की 83 और एम एस धोनी के बाद सौरव गांगुली तीसरे भारतीय क्रिकेटर हैं जिनकी बायोपिक बनेगी। इस बायोपिक का निर्देशन विक्रमादित्य मोटवानी कर रहे हैं और स्क्रिप्ट अभय कोराणे लिख रहे हैं। बायोपिक बनाने तैयारियां शुरू हो चुकी हैं और सूत्रों की मानें तो मेकर्स ने सौरव गांगुली से कोलकाता के ऐतिहासिक ईडन गार्डन्स में मुलाकात भी की है। गांगुली की इस बायोपिक में उनके 18,433 अंतरराष्ट्रीय रनों के साथ उनकी सोच ,कप्तानी और भारतीय क्रिकेट पर पड़े उनके प्रभाव को भी दर्शाया जाएगा। इसके साथ ही उनके क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (CAB) के अध्यक्ष बनने से लेकर बीसीसीआई अध्यक्ष बनने तक का सफर भी दिखया जाएगा। 

इसमें कोई शक नहीं की भारत में क्रिकेट महज़ एक खेल नहीं माना जाता, इसके लिए भारतीय लोगों का प्यार शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता हैं । यही वजह की कपिल देव और एम एस धोनी की बायोपिक को जबरदस्त सफलता मिली थी । 

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