Australia vs South Africa T20 : क्रिकेट को अनिश्चितताओं का खेल कहा जाता है, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेली गई तीन टी-20 मैचों की सीरीज का तीसरा और निर्णायक मुकाबला, सटीक उदाहरण है। यह एक ऐसा मैच, जिसमें कभी पलड़ा ऑस्ट्रेलिया की तरफ झुकता, तो कभी दक्षिण अफ्रीका की ओर, और अंत में मेजबान टीम ने महज दो विकेट से जीत दर्ज कर सीरीज पर 2-1 से कब्जा कर लिया।।
यह मुकाबला केर्न्स के कैजलीज़ स्टेडियम में खेला गया, जहां दर्शकों की सांसें आखिरी गेंद तक अटकी रहीं। पहले दो मैचों में दोनों टीमों ने एक-एक जीत दर्ज कर सीरीज को बराबरी पर ला दिया था। पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया ने 17 रनों से जीत हासिल की थी, जबकि दूसरे में डेवाल्ड ब्रेविस के तूफानी शतक (125 रन) की बदौलत दक्षिण अफ्रीका ने 53 रनों से धमाकेदार वापसी की। ऐसे में, यह तीसरा मैच सिर्फ एक मुकाबला नहीं, बल्कि दोनों टीमों के लिए सम्मान की लड़ाई बन गया था।
मैच का आगाज ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला करके किया। दक्षिण अफ्रीका की शुरुआत थोड़ी लड़खड़ाती हुई लगी। लेकिन, युवा बल्लेबाज डेवाल्ड ब्रेविस, जिन्हें 'बेबी एबी' भी कहा जाता है, ने एक बार फिर अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया। उन्होंने सिर्फ 22 गेंदों में अर्धशतक जड़कर दक्षिण अफ्रीका के लिए सबसे तेज टी-20 अर्धशतक का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया, जो उन्होंने इसी सीरीज के दूसरे मैच में बनाया था। यह उनकी धमाकेदार पारी की बदौलत ही था कि प्रोटियाज टीम 20 ओवरों में 7 विकेट के नुकसान पर 172 रन का एक सम्मानजनक स्कोर खड़ा कर पाई। ऑस्ट्रेलिया के लिए नाथन एलिस ने सर्वाधिक 3 विकेट लिए, जबकि जोश हेजलवुड और एडम ज़म्पा को 2-2 विकेट मिले।
173 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत धमाकेदार रही। सलामी बल्लेबाज ट्रैविस हेड और कप्तान मिचेल मार्श ने मिलकर पहले विकेट के लिए 66 रनों की मजबूत साझेदारी की। ऐसा लग रहा था कि ऑस्ट्रेलिया यह मैच आसानी से जीत जाएगी। लेकिन, दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजों, खासकर कगिसो रबाडा और क्वेना मफाका ने शानदार वापसी करते हुए मैच का रुख बदल दिया। रबाडा और मफाका ने 2-2 विकेट चटकाकर ऑस्ट्रेलिया के मध्यक्रम को झकझोर दिया।
अचानक मैच में एक नया मोड़ आया। ऑस्ट्रेलिया 161 रन पर 6 विकेट गंवा चुकी थी और जीत के लिए अभी भी 12 गेंदों में 12 रन चाहिए थे। यहां से ग्लेन मैक्सवेल ने अपनी पुरानी छवि के अनुरूप एक बार फिर फिनिशर की भूमिका निभाई। उन्होंने 30 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया और अंत तक टिके रहे। एक समय ऑस्ट्रेलिया 18.5 ओवर में 163 पर 8 विकेट खो चुकी थी, लेकिन मैक्सवेल ने आखिरी ओवर में शांत दिमाग से खेलते हुए टीम को जीत दिलाई। उनके 62 रनों की शानदार पारी ने न सिर्फ टीम को जीत दिलाई, बल्कि एक अविश्वसनीय रोमांचक सीरीज का विजयी अंत भी किया।
इस मैच में सिर्फ खिलाड़ियों का प्रदर्शन ही चर्चा में नहीं था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों ने मैच में काली पट्टी पहनकर मैदान पर कदम रखा, जो हाल ही में दिवंगत हुए पूर्व कप्तान और कोच बॉब सिम्पसन को श्रद्धांजलि थी।
यह सीरीज कई मायनों में यादगार रही। डेवाल्ड ब्रेविस जैसे युवा खिलाड़ी का विस्फोटक प्रदर्शन, तो वहीं ग्लेन मैक्सवेल जैसे अनुभवी खिलाड़ी का दबाव में शांत रहकर टीम को जीत दिलाना, यह सब क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक शानदार अनुभव था। अंततः, ऑस्ट्रेलिया ने अपनी ताकत और अनुभव का परिचय देते हुए एक कड़ी टक्कर के बाद सीरीज़ को अपने नाम किया।
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