अंतरराज्यीय गिरोह के आठ शातिर साइबर ठग गिरफ्तार, चीन से जुड़े हैं तार

खबर सार :-
साइबर अपराधियों पर नकेल कसते हुए पुलिस ने बुधवार को एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने इस गिरोह के 8 सदस्यों को गिरफ्तार कर नकदी, एटीएम कार्ड, मोबाइल, चेकबुक और अन्य सामान बरामद किया है। ये ठग लोगों को पैसे कमाने का लालच देकर ठगते थे।

अंतरराज्यीय गिरोह के आठ शातिर साइबर ठग गिरफ्तार, चीन से जुड़े हैं तार
खबर विस्तार : -

लखनऊ: साइबर सेल पुलिस ने बुधवार को साइबर ठगी में शामिल एक अंतरराज्यीय गिरोह के आठ शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। ये लोग टेलीग्राम ऐप के जरिए चीनी साइबर ठगी समूहों से जुड़कर ठगी करते थे। जालसाज करोड़ों रुपये की ठगी की रकम को यूएसडीटी में बदलकर देशभर में डिजिटल गिरफ्तारी, टास्क धोखाधड़ी, वर्क फ्रॉम होम और ऑनलाइन क्रिप्टो ट्रेडिंग के नाम पर चीनी ठगों को भेजते थे। आरोपियों के पास से एक लाख 75 हजार रुपये नकद, 13 एटीएस कार्ड, 12 मोबाइल फोन, चेकबुक और अन्य सामान बरामद किया गया है।

पुलिस को लगातार मिल रही थी शिकायतें

पुलिस उपायुक्त (अपराध) कमलेश कुमार दीक्षित ने बताया कि कई शिकायतें मिल रही थीं कि कुछ जालसाज टेलीग्राम ऐप के जरिए चीनी साइबर ठगों से जुड़कर देशभर में डिजिटल गिरफ्तारी, टास्क धोखाधड़ी, वर्क फ्रॉम होम और ऑनलाइन क्रिप्टो ट्रेडिंग के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी की रकम को यूएसडीटी में बदल रहे हैं।

इसके बाद टीमें इन ठगों की तलाश में जुट गईं। लोकेशन मिलने के बाद साइबर सेल की टीम ने लखनऊ के मदेयगंज निवासी राहुल सोनकर, लखनऊ के मोहम्मद अली निवासी मोहम्मद अली को गिरफ्तार कर लिया। डालीगंज निवासी सलमान, सआदतगंज निवासी देवांश शुक्ला, मोजिज, त्रिवेणी नगर में रहने वाले राज रावत, ठाकुरगंज निवासी फैजान, मड़ियांव निवासी अंकित यादव और सीतापुर रोड स्थित तिलक विहार निवासी करन रावत।

लखनऊ के आसपास के जिलों में बिछाया ठगी का जाल

आरोपियों ने कबूला कि वे टेलीग्राम ऐप पर चीनी ग्रुपों से जुड़ते हैं। इसके बाद हमसे जो भी कहा जाता है, ईमानदारी से करते हैं। हमें खच्चर बैंक खाते उपलब्ध कराने को कहा गया, जिसके ज़रिए हम लखनऊ और आसपास के ज़िलों में गरीब लोगों से संपर्क करते हैं।

पैसों का लालच देकर वे उनके बैंक खाते खुलवाते हैं, फिर बैंक से मिली किट अपने पास रख लेते हैं। उसकी एक कॉपी उन्हें भेज देते हैं। साइबर ठगी का पैसा चीनी लोगों के खाते में भेजा जाता था, जिसे वे तुरंत निकाल लेते थे। जब वे पूरा पैसा निकाल लेते थे, तो अपना कमीशन काटकर बाकी रकम को यूएसडीटी में बदलकर चीनी साइबर ठगों के डिजिटल वॉलेट में भेज देते थे। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है। उनके साथियों की तलाश में एक टीम लगाई गई है।

अन्य प्रमुख खबरें