बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने स्थापित किया नया आयाम, यूजीसी ने दिया श्रेणी प्रथम का दर्जा

खबर सार :-
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय को भारतीय उच्च शिक्षा व्यवस्था में कैटेगरी-I विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया, इस उपलब्धि के साथ ही ये उत्तर प्रदेश के चार और देश के 24 विश्वविद्यालयों में शामिल हो गया है। कुलपति प्रो. मुकेश कुमार पांडेय ने इस पर प्रसन्नता जाहिर की है। बता दें कि विश्वविद्यालय अब नए पाठ्यक्रम, विदेशी संकाय, और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए स्वतंत्रता प्राप्त कर चुका है।

बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने स्थापित किया नया आयाम, यूजीसी ने दिया श्रेणी प्रथम का दर्जा
खबर विस्तार : -

झांसीः बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने भारतीय उच्च शिक्षा व्यवस्था में एक नया आयाम हासिल किया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने बीटीसी की प्रवेश परीक्षा आयोजित करने वाले बुंदेलखंड विश्वविद्यालय को श्रेणी-I विश्वविद्यालय का दर्जा दिया है। इसके साथ ही बुंदेलखंड विश्वविद्यालय देश भर के 24 विश्वविद्यालयों में शामिल हो गया है, जबकि उत्तर प्रदेश के केवल चार विश्वविद्यालयों को यह दर्जा प्राप्त है।

इस संबंध में आज विश्वविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के तत्वावधान में एक समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें कुलपति प्रोफेसर मुकेश कुमार पांडेय ने उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों को सम्मानित किया। कुलपति ने कहा कि यह विश्वविद्यालय की शैक्षणिक एवं शोध क्षमताओं की पुष्टि है, जो सामूहिक परिश्रम, दूरदर्शिता एवं संस्थागत संस्कृति की उत्कृष्टता का प्रमाण है। कुलसचिव राज बहादुर सिंह ने कहा कि यह सम्मान भविष्य में और अधिक जिम्मेदार, नवोन्मेषी एवं शैक्षणिक रूप से आत्मनिर्भर संस्थान के रूप में कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करता है।

समारोह का संचालन करते हुए, आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के निदेशक प्रोफेसर सुनील कुमार काबिया ने श्रेणी I विश्वविद्यालय बनने की प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि यह उपलब्धि दीर्घकालिक नियोजन, प्रबंधन नवाचार और गुणवत्ता संस्कृति के एकीकृत प्रयास से प्राप्त हुई है। इस दर्जे ने विश्वविद्यालय को 12B दर्जा सहित कई विशेष अधिकार प्रदान किए हैं, जो इसे यूजीसी और केंद्र सरकार से अनुसंधान अनुदान प्राप्त करने का पात्र बनाता है।

विश्वविद्यालय अब बिना अनुमति के नए स्कूल, विभाग, पाठ्यक्रम और केंद्र शुरू कर सकता है, मुक्त और दूरस्थ शिक्षा और ऑनलाइन कार्यक्रम शुरू करने की स्वतंत्रता, परिसर के बाहर इकाइयाँ और घटक इकाइयाँ स्थापित करने की अनुमति, नवाचार के लिए अनुसंधान पार्क और इनक्यूबेटर विकसित करने की क्षमता। विश्वविद्यालय अब विदेशी संकाय नियुक्त कर सकता है और विदेशी छात्रों को प्रवेश दे सकता है। यह अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ शैक्षणिक सहयोग भी स्थापित कर सकता है। इससे न केवल विश्वविद्यालय का ब्रांड मूल्य बढ़ेगा, बल्कि अनुसंधान प्लेसमेंट और वैश्विक रैंकिंग में भी उल्लेखनीय सुधार होगा।
 

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