मृत्युंजय दीक्षित
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बैसरन घाटी में जिस प्रकार धर्म पूछकर निर्दोष हिन्दुओं का खून बहाया गया, उससे हिन्दू समाज आहत है। न केवल भारत वरन पूरे विश्व में जहां भी हिंदू नागरिक हैं, वहां पहलगाम की घटना के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं और इस्लामी आतंकवाद व उसको संरक्षण देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की जा रही है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्यवाही का संदेश दे चुके हैं। भारत-पाकिस्तान को चौतरफा घेरने की रणनीति बना रहा है। कई बड़े कूटनीतिक निर्णयों के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सामरिक रणनीति पर काम चल रहा है। भारत एक सधी हुई रणनीतिक तैयारी करते हुए एक-एक कदम उठा रहा है और हर कदम पाकिस्तान का भय बढ़ाने वाला है।
सामरिक व कूटनीतिक रणनीति के अंतर्गत भारत 1971 की जंग के बाद पहली बार मॉक ड्रिल कर रहा है। जिसके अंतर्गत किसी भी हवाई हमले का संकेत देने के लिए सायरन तो बजेंगे ही, साथ ही ब्लैक ऑउट जैसी स्थिति का भी रिहर्सल किया जाएगा ताकि शत्रु भारत के किसी शहर व गांव अन्य जगहों पर रोशनी देखकर बम न गिरा दे या हमला न कर दे। मॉक ड्रिल के अतंर्गत किसी भी हवाई आक्रमण की स्थिति में चेतावनी सायरन प्रणाली के सही संचालन को परखा जाएगा। किसी भी आक्रमण की स्थिति में आम लोगों, छात्रों को खुद को बचाने और अन्य नागरिक सुरक्षा पहलुओं का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। मॉक ड्रिल के अंतर्गत अहम प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने करने के लिए भी प्रबंध किए जा रहे हैं।
आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में भारत के लिए वैश्विक समर्थन लगातार बढ़ रहा है। उधर पाकिस्तान भी दुनिया भर के देशों को अपने पक्ष में करने के लिए दौड़ रहा है। मजहबी कारणों से तुर्किए ने पाकिस्तान को मदद देने की बात की है जबकि भारत ने भूकंप की त्रासदी के समय तुर्किए को सहायता दी थी। पड़ोसी देश चीन भी दक्षिण एशिया में शांति बनाए रखने के नाम पर पाकिस्तान के साथ दिख रहा है। ईरान ने भारत-पाक तनाव घटाने के लिए भारत के साथ वार्ता करके मध्यस्थता करने की बात कही है किंतु भारत सरकार ने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया है। रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन का भारत के पक्ष में स्पष्ट बयान आ चुका है कि रूस आतंकवाद के खिलाफ जंग में भारत की हर कार्यवाही को पूरा समर्थन देता है। जापान सहित दुनिया के कई देश भारत को अपना समर्थन दे चुके हैं। अमेरिका का रुख भी पहले से बदला है। पाकिस्तान की पहल पर संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में पाकिस्तान से तीखे सवाल पूछे गए और उसे फटकार लगाई गई, जिससे पाकिस्तान को फजीहत झेलनी पड़ी है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की गैर-आधिकारिक बैठक में सदस्यों ने पाकिस्तान से तीखे सवाल पूछे और उसके झूठे आरोपों को खारिज करते हुए पूछा कि क्या लश्कर-ए-तैयबा आतंकी हमले में शामिल था। पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की गई और जवाबदेही की जरूरत पर बल दिया गया। कुछ सदस्यों ने पर्यटकों को उनके धार्मिक विश्वास के आधार पर निशाना बनाने की बात उठाई। सुरक्षा परिषद की बैठक में कई देशों ने पाकिस्तान के मिसाइल परीक्षणों और परमाणु बयानबाजी को तनाव बढ़ाने वाला बताया। कुल मिलाकर पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर जो झूठा प्रचार करते हुए भारत के खिलाफ वातावरण बनाने का कुत्सित प्रयास कर रहा था, उसे गहरा झटका लगा है। विगत दिनों अंगोला के राष्ट्रपति भारत यात्रा पर आए थे, उन्होंने भी आतंकवाद के खिलाफ होने वाली जंग में भारत का साथ देने का ऐलान किया है। हालांकि, यूरोपियन समुदाय के कुछ देश भारत-पाक को संयम बरतने की सलाह भी दे रहे थे, जिन्हें विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने चिर-परिचित अंदाज में अत्यंत सटीक जवाब दे दिया है।
पाकिस्तान में भय का वातावरण होने का एक और कारण बलोच और पख्तून नागरिकों का भारत को समर्थन भी है। सिंधु नदी जल समझौते के निलंबन से पाकिस्तान वैसे ही बेहाल है। इस बार यदि युद्ध हुआ तो निश्चय ही निर्णायक युद्ध होगा, जिसमें पाकिस्तान का अस्तित्व सिमट कर रह जाएगा। 1695, 1971 और 1999 का कारगिल युद्ध हारने वाले पाकिस्तान ने आतंकवाद के रास्ते भारत की आम जनता को हमेशा निशाना बनाया लेकिन भारत माफ करता गया लेकिन इस बार उनको धर्म पूछकर जिस तरह मारा गया, वो अक्षम्य है। भारत आतंकियों को धरती के किसी भी कोने में जाकर दंड देने का निर्णय ले चुका है और सारी तैयारी उसी दिशा में है।
अन्य प्रमुख खबरें
आसान नहीं है आजम खां की सियासत की राह
एशिया कपः ट्राफी नहीं चैंपियंनस के साथ लौटेगी टीम इंडिया
आख़िरकार जेन-ज़ी को भड़काने में सफल रहे अलगाववादी, लेह-लद्दाख की घटना से सबक ले सरकार
अफवाह से आफत: कब बेनकाब होंगे साजिशकर्ता
आखिर कौन कर रहा है सांप्रदायिक तनाव भड़काने की साजिश ?
राहुल गांधी की Gen Z से संविधान बचाने की अपील: क्या पड़ेगा असर ?
Bihar Assembly Elections: मूलभूत मुद्दों के बजाय जातीय समीकरण पर जोर
Happy Birthday PM Modi@75: भारतीय राजनीति के शिखर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
मणिपुर में विकास और शांति की एक नई भोर
Bihar Assembly Elections 2025 : बहेगी जीएसटी सुधार की बयार
देश में अपसंस्कृति के संवाहक बनते राहुल गांधी
भारत में स्वदेशी चिप क्रांति का बिगुल
भारत का सेमीकंडक्टर उद्योग: विश्व गुरू बनने की दिशा में एक और कदम
शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मलेन में भी बजा भारत का डंका
वोटर अधिकार यात्रा: विवादास्पद नेताओं की भागीदारी से राजग को मिला मुद्दा