Effect of Pahalgam Attack: ‘जन्नत’ में पसरा सन्नाटा, पहलगाम हमले के 30 दिन बाद भी नहीं बदले हालात

खबर सार :-
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर आतंकी हमले की घटना को 30 दिन पूरे हो चुके हैं। इस घटना के एक महीने बाद भी लाल चौक, डल झील, श्रीनगर समेत सभी प्रमुख पर्यटन स्थलों पर सन्नाटा है। यहां लोगों का रोजगार और बिजनेस पूरी तरह से ठप हो चुका है। सड़कों पर सन्नाटा है।

Effect of Pahalgam Attack: ‘जन्नत’ में पसरा सन्नाटा, पहलगाम हमले के 30 दिन बाद भी नहीं बदले हालात
खबर विस्तार : -

श्रीनगरः जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई थी। इस घटना के 30 दिन बाद भी हालात नहीं बदले हैं। धरती का ‘जन्नत’ कहे जाने वाले जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। यहां डल झील को गुलजार करने वाले हाउसबोट और शिकारे खाली पड़े हैं। किनारों पर के किनारे लगने वाली दुकानें नदारद हैं। जिन लोगों का जीवन पर्यटन पर निर्भर था, उनका पूरा कारोबार ठप हो चुका है।

लालचौक की सड़कें व सेल्फी प्वाइंट सूना

जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ वर्षों से सेल्फी प्वाइंट के रूप में मशहूर हो चुके श्रीनगर के लालचौक इलाके की सड़कें सूनी हैं। यहां टूरिस्टों और वाहनों की आवाजाही बस नाम मात्र की ही दिखती है। यहां डल झील श्रीनगर के साथ-साथ पूरे जम्मू कश्मीर का सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल माना जाता है। गर्मियों के मौसम में देश और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से सैकड़ों की संख्या में पर्यटक रोजाना आते थे। यहां होटल, रेस्तरां, दुकानें व हाउसबोट सभी पर्यटकों से भरे रहते थे। हर तरफ लोग घूमते-फिरते और खुशियां मनाते नजर आते थे, लेकिन आज हर तरफ बिल्कुल सन्नाटा है। डल झील के सामने वाली सड़क पर कभी कार और टैक्सी की वजह से जाम लगता था, लेकिन आज यह सड़क भी पूरी तरह से खाली है। पर्यटकों की आवाजाही नहीं होने से ऐसा लग रहा है, जैसे पूरे क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया हो।

रोजगार, व्यापार और व्यवसाय पूरी तरह से ठप

पहलगाम में आतंकी हमला होने के बाद से ही पर्यटकों के आने-जाने का सिलसिला कम हो गया है। यहां 22 अप्रैल के बाद से ही ट्रैवेलर्स ने बुकिंग कैंसिल करानी शुरू कर दी। यहां डल झील में शिकारा (नाव) चालक बिलाल पर्यटकों के नहीं आने की वजह से बहुत दुखी हैं, उनका कहना है कि 24 दिन से शिकारा झील के किनारों पर रौनक नहीं दिखी। यहां हम सभी का शिकारा पर्यटकों के इंतजार में खड़ा है। जबकि पिछले साल गर्मी के सीजन में तीन शिफ्ट में अलग-अलग लोग शिकारा चला रहे थे। श्रीनगर के टूर ऑपरेटर शौकत मीर का कहना है कि पहलगाम की वारदात कोई मामूली घटना नहीं थी, यह इंसानियत पर हमला था। जम्मू कश्मीर में पर्यटकों के ऊपर कभी ऐसा हमला नहीं हुआ था। इस हमले ने पूरे देश और दुनिया में इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। इस हमले में मासूम लोग मारे गए, वहीं लाखों कश्मीरियों का रोजगार भी छीन गया है। हम कई महीने पहले से सीजन के लिए तैयारी करते हैं, लेकिन अब आमदनी बंद होने के कारण टैक्सियों की किस्त भर पाना भी मुश्किल हो गया है। ऑफिस व दुकान का किराया भरने तक की आमदनी नहीं हो रही है। इसी वजह से कुछ लोगों ने अपनी दुकानें, रेस्टोरेंट, स्टोर और होटल अस्थायी रूप से बंद कर दिए हैं। कश्मीरी काहवा बेचने वाले सलामत का कहना है कि उन्होंने लाल चौक पर ऐसा सन्नाटा कोविड के दौरान देखा था। हालांकि, पहलगाम की घटना के बाद से ही पूरे इलाके में सुरक्षा व्यवस्था काफी पुख्ता नजर आती है। पुलिस के साथ-साथ सेना के जवान भी तैनात हैं। एयरपोर्ट, बस अड्डे, रेलवे स्टेशनों व संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा जांच की जा रही है।

जिन दुकानों पर जुटती थी भीड़, अब वहां बिल्कुल सन्नाटा

डल झील के किनारे कश्मीरी केसर व ड्राई फूड्स का बड़ा स्टोर चलाने वाले अली के मुताबिक पहले गर्मी के सीजन में दुकानों पर भयंकर भीड़ होती है, जिसे संभालने के लिए 15 अतिरिक्त लोगों को काम पर रखना पड़ता था। अब दुकान बिलकुल खाली पड़ी है। कई दिन से कुछ नहीं बिका। यहां, श्रीनगर के लाल चौक पर भी खामोशी छाई है। यहां हर दिन सैकड़ों टूरिस्ट सेल्फी लेने व घूमने-फिरने के लिए आते थे। फोटो और वीडियो बनाने वालों की भीड़ रहती थी। इन्हीं टूरिस्टों से यहां के बाजारों में रौनक होती थी, लेकिन अब भूले-भटके हुए पर्यटक भी नहीं आते हैं।  

गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिन्दूर' के तहत एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में मौजूद आतंकवादी कैंपों और पाकिस्तान की सीमा में बने 23 से अधिक एयरबेस को तबाह कर दिया। इसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गये। भारतीय सेना ने केवल आतंकी ठिकानों को अपना निशाना बनाया था, लेकिन पाकिस्तानी सेना ने पलटवार करते हुए भारत में सैन्य और नागरिक क्षेत्रों पर ड्रोन के माध्यम से हमले किए। पाकिस्तान ने भारत के विभिन्न इलाकों में 400 से अधिक ड्रोन भेजे। हालांकि आमने-सामने की इस लड़ाई में पाकिस्तान बुरी तरह बेनकाब हो चुका है। भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान के ड्रोन मार गिराए हैं। भारतीय सेना ने पाकिस्तानी चौकियों को तबाह कर दिया। आखिरकार पाकिस्तान सरकार ने डीजीएमओ स्तर की बातचीत में संघर्ष विराम का प्रस्ताव रखा, जिस पर विचार कर भारत ने भी अनिश्चित काल के लिए संघर्ष विराम घोषित कर दिया। यह भी कहा कि यदि दुश्मन देश की तरफ से कोई भी नापाक हरकत की गई, तो उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।

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