जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद खाली हुए उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। आज राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने घोषणा की है कि सत्तारूढ़ गठबंधन के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन होंगे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आज प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में हुई संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद इसकी आधिकारिक घोषणा की।
एनडीए संसदीय दल की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि हमारे एनडीए सहयोगियों के साथ भी गहन चर्चा हुई। इसके बाद, आज मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है और मैं आपको यह खुशखबरी देना चाहता हूँ कि प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में हुई संसदीय बोर्ड की बैठक में, सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद के लिए चुना गया। इस दौरान तमाम पहलुओं पर चर्चा हुई और कई नामों पर चर्चा हुई, सुझाव भी मांगे गए और इसके बाद यह तय हुआ कि हमारे महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए का उम्मीदवार बनाया जाएगा।
सीपी राधाकृष्णन का जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर ज़िले में हुआ था। उन्होंने बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक किया। उनका राजनीतिक सफ़र राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से शुरू हुआ। 1974 में वे भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य बने।
वहीं, वर्ष 1996 में उन्हें भाजपा तमिलनाडु का सचिव बनाया गया। इसके बाद, 1998 में वे कोयंबटूर से पहली बार लोकसभा सांसद चुने गए और 1999 में फिर से जीत का परचम लहराया। इसके साथ ही, उन्होंने संसद में कपड़ा संबंधी स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया है। वे पीएसयू समिति, वित्त संबंधी सलाहकार समिति और शेयर बाजार घोटाले की जाँच करने वाली विशेष समिति के सदस्य भी रहे हैं। वर्ष 2004 में, उन्होंने भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में संयुक्त राष्ट्र महासभा को भी संबोधित किया था। वे ताइवान की यात्रा करने वाले पहले संसदीय प्रतिनिधिमंडल का भी हिस्सा थे।
वे 2004 से 2007 तक भाजपा के तमिलनाडु प्रदेश अध्यक्ष रहे। इस दौरान उन्होंने 19,000 किलोमीटर लंबी रथ यात्रा निकाली, जो 93 दिनों तक चली। इस यात्रा में उन्होंने नदियों को जोड़ने, आतंकवाद को समाप्त करने, समान नागरिक संहिता लागू करने, अस्पृश्यता समाप्त करने और नशे के खिलाफ अभियान जैसे मुद्दों को उठाया। माना जाता है कि इस यात्रा के कारण उनका राजनीतिक कद और बढ़ा। इसके अलावा, उन्होंने दो पदयात्राएँ भी कीं। 2016 से 2020 तक, वे कोचीन में कॉयर बोर्ड के अध्यक्ष रहे। उनके नेतृत्व में, कॉयर निर्यात 2532 करोड़ रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुँच गया। 2020 से 2022 तक, वे भाजपा के अखिल भारतीय प्रभारी रहे और उन्हें केरल की ज़िम्मेदारी सौंपी गई।
18 फ़रवरी 2023 को उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया। मात्र चार महीनों में उन्होंने राज्य के सभी 24 ज़िलों का दौरा किया और जनता व प्रशासन से सीधा संवाद किया। 31 जुलाई 2024 को उन्हें महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया गया। इसी दौरान, वर्ष 2024 में उन्हें तेलंगाना का राज्यपाल भी बनाया गया। इतना ही नहीं, उन्हें पुडुचेरी का उपराज्यपाल भी बनाया गया है।
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