Unnao Rape Case: रेप के आरोपी कुलदीप सेंगर को तगड़ा झटका, जमानत पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

खबर सार :-
Unnao Rape Case: उन्नाव रेप केस में दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बाद कुलदीप सिंह सेंगर को ज़मानत मिल गई थी। इस फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी हुए थे। अब, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है।

Unnao Rape Case: रेप के आरोपी कुलदीप सेंगर को तगड़ा झटका, जमानत पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
खबर विस्तार : -

Unnao Rape Case: उत्तर प्रदेश के उन्नाव रेप केस में पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Sengar) को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। एससी ने दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा कुलदीप सिंह सेंगर को दी गई जमानत पर तुरंत रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने सोमवार को इस मामले की सुनवाई की है। अब इस मामले में चार हफ्ते बाद सुनवाई होनी है।

Unnao Rape Case: सुप्रीम कोर्ट ने सेंगर को जारी किया नोटिस

चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान एक महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा कि आमतौर पर यह नियम है कि अगर किसी व्यक्ति को जेल से रिहा कर दिया गया है, तो कोर्ट उसकी आज़ादी नहीं छीनता, लेकिन इस मामले में स्थिति अलग है क्योंकि कुलदीप सेंगर (Kuldeep Sengar) फिलहाल दूसरे मामले में जेल में बंद हैं। इसी आधार पर कोर्ट ने जमानत पर रोक लगाने का आदेश दिया। CJI की बेंच ने इस मामले में नोटिस जारी करते हुए कहा, "हमें लगता है कि कानून के कुछ ज़रूरी सवाल हैं जिन पर विचार करने की ज़रूरत है। इस संबंध में 14 दिनों के अंदर नोटिस जारी किया जाना चाहिए।"

ऐसे मामलों में नरमी बरतने से समाज में जाएगा गलत संदेश 

CBI की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलीलें पेश करते हुए कहा कि यह मामला एक नाबालिग लड़की के रेप से जुड़ा है। सेंगर को दोषी पाया था और उसे उम्रकैद की सज़ा सुनाई थी। तुषार मेहता ने कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए सज़ा रद्द करना गलत होगा। पीड़िता नाबालिग थी और ऐसे मामलों में नरमी बरतने से समाज में गलत संदेश जाएगा। दरअसल सेंगर पर धारा 376 और POCSO एक्ट की धारा 5 और 6 के तहत आरोप लगाए गए थे।

Unnao Rape Case: हाई कोर्ट से कुलदीप सेंगर को मिली थी जमानत

बता दें कि उन्नाव रेप केस में ट्रायल कोर्ट ने कुलदीप सेंगर (Kuldeep Sengar) को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। लेकिन हाई कोर्ट ने उन्नाव रेप केस के आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर को जमानत दे दी थी। हाईकोर्ट ने यह कहते हुए जमानत दे थी कि वह पहले ही सात साल और पांच महीने जेल में बिता चुका है। हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए थे। इसके बाद हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। जहां सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में CBI की तरफ से दलीलें पेश कीं। वहीं दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जमानत के आदेश पर रोक लगा दी।

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