Shubhanshu Shukla Returns to India : जब कोई व्यक्ति पृथ्वी को छोड़कर अंतरिक्ष की गहराइयों में जाता है, तो वह केवल एक अंतरिक्ष यात्री नहीं होता, बल्कि वह अपने देश की उम्मीदों और सपनों का प्रतीक बन जाता है। भारत के ऐसे ही एक सपूत, शुभांशु शुक्ला, ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर अपना ऐतिहासिक मिशन पूरा कर स्वदेश वापसी की है। उनके इस सफर ने न सिर्फ विज्ञान की दुनिया में भारत का नाम रोशन किया, बल्कि कई युवाओं को अंतरिक्ष के सपने देखने के लिए प्रेरित भी किया है।
पिछले एक साल से शुभांशु ने अमेरिका में एक्सिओम-4 मिशन के लिए कठोर प्रशिक्षण प्राप्त किया था। यह मिशन उनके जीवन का सबसे बड़ा मोड़ था। इस दौरान उन्होंने कई नई चीजें सीखीं और अंतरराष्ट्रीय स्तर के सहयोगियों के साथ काम किया। यह अनुभव उनके लिए सिर्फ पेशेवर नहीं, बल्कि व्यक्तिगत रूप से भी बहुत गहरा था।
शुभांशु शुक्ला ने अपनी वापसी यात्रा के दौरान सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने अपनी मिली-जुली भावनाओं को व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, 'भारत वापस आने के लिए विमान में बैठते ही मेरे दिल में कई तरह की भावनाएं उमड़ रही हैं। मुझे उन शानदार लोगों को पीछे छोड़कर जाने का दुख है जो इस मिशन के दौरान पिछले एक साल से मेरे दोस्त और परिवार थे।' यह दिखाता है कि इस एक साल में उन्होंने सिर्फ काम नहीं किया, बल्कि गहरे रिश्ते भी बनाए।
लेकिन दुख के साथ ही, उन्हें घर लौटने की खुशी भी है। उन्होंने अपनी पोस्ट में आगे लिखा, 'मैं मिशन के बाद पहली बार अपने सभी दोस्तों, परिवार और देश के सभी लोगों से मिलने को लेकर भी उत्साहित हूं।' यह दो विपरीत भावनाएं - दुख और खुशी - एक साथ उनके दिल में उमड़ रही थीं, और उन्होंने इसे 'ज़िंदगी यही है – सब कुछ एक साथ' कहकर खूबसूरती से समझाया।
उन्होंने यह भी कहा कि अलविदा कहना मुश्किल है, लेकिन जिंदगी में आगे बढ़ना जरूरी है। उनके कमांडर पैगी व्हिटसन की एक बात का जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा, "'अंतरिक्ष उड़ान में एकमात्र स्थिर चीज़ बदलाव है।' मेरा मानना है कि यह बात ज़िंदगी पर भी लागू होती है।' यह एक गहरा विचार है जो बताता है कि जीवन में बदलाव को स्वीकार करना कितना महत्वपूर्ण है।
शुभांशु शुक्ला के लिए यह सफर सिर्फ काम का नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा भी थी। उन्होंने बॉलीवुड फिल्म 'स्वदेश' के एक गीत, "यूं ही चला चल रही – जीवन गाड़ी है समय पहिया" का जिक्र किया। यह गीत उनकी प्लेलिस्ट में था, जब वह 25 जून को अमेरिका से ISS के लिए रवाना हो रहे थे। यह दिखाता है कि कैसे संगीत ने उनके सफर को और भी खास बना दिया था।
शुभांशु शुक्ला रविवार को भारत लौट रहे हैं और उनके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की भी उम्मीद है। यह मुलाकात उनके लिए एक बड़ा सम्मान होगा। इसके बाद, वह 22-23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह में भाग लेने के लिए दिल्ली वापस आएंगे। इस समारोह में वह अपने अनुभवों को साझा करेंगे और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेंगे।
यह महत्वपूर्ण है कि शुभांशु की वापसी ऐसे समय में हो रही है जब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) 2027 में अपनी पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान की तैयारी कर रहा है। उनकी वापसी से इस मिशन को और भी बल मिलेगा और देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक नई ऊर्जा का संचार होगा।
शुभांशु शुक्ला का यह सफर भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक मील का पत्थर है। यह हमें याद दिलाता है कि सपने देखना और उन्हें पूरा करने के लिए मेहनत करना कितना जरूरी है। उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि चाहे हम कहीं भी हों, हमारी जड़ें हमेशा हमारे देश और हमारे लोगों से जुड़ी होती हैं।
अन्य प्रमुख खबरें
Delhi Blast: 10 दिनों के लिए एनआईए की कस्टडी में भेजा गया आरोपी जासिर बिलाल
Delhi Pollution: दिल्ली-NCR की दमघोंटू हवा में सांस लेना हुआ दुश्वार, 400 से कम नहीं हो रहा AQI
आतंकी मॉड्यूल की जांच में CIK की एक साथ कई ठिकानों पर छापेमारी, मचा हड़कंप
Delhi Blast: अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर ईडी का बड़ा एक्शन, 25 ठिकानों पर की छापेमारी
जिला कलेक्टर ने दिए आवश्यक निर्देश, सड़क दुर्घटनाओं को रोकने का करें प्रयास
पत्नी को गोली मारकर पति ने खुद की आत्महत्या, भतीजे से अवैध संबंध का था शक
Bihar Election 2025 : तेजस्वी यादव राघोपुर से जीते नहीं, जिताए गए? जिससे ज्यादा शोर न मचे
Red Fort blast: एनआईए ने उमर नबी के सहयोगी अमीर राशिद अली को किया गिरफ्तार
अयोध्या में होगा भव्य ध्वजारोहण कार्यक्रम, देश-विदेश और बॉलीवुड की हस्तियों को भेजा आमंत्रण
खालिस्तानी संगठन ने ली संघ कार्यकर्ता की हत्या की जिम्मेदारी, सोशल मीडिया पर की ये पोस्ट
Punjab: हथियार व नार्को नेटवर्क का पर्दाफाश, बंदूकों के साथ पांच गिरफ्तार
डायबिटीज है साइलेंट किलर, नियमित जीवन शैली से हो सकता है बचावः डॉ. मांडवी अग्रवाल