Gyanesh Kumar : 'वोट चोरी' के झूठे आरोपों से चुनाव आयोग डरता नहीं, CEC ने जमकर सुनाई खरी-खरी

खबर सार :-
Gyanesh Kumar: भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि चुनाव आयोग वोट चोरी के झूठे आरोपों से नहीं डरता। चुनाव आयोग ने मतदाताओं को संदेश देते हुए कहा कि देश के प्रत्येक नागरिक को संविधान के अनुसार मतदाता के रूप में मतदान करना चाहिए।

Gyanesh Kumar : 'वोट चोरी' के झूठे आरोपों से चुनाव आयोग डरता नहीं, CEC ने जमकर सुनाई खरी-खरी
खबर विस्तार : -

EC Press Conference: विपक्ष के 'वोट चोरी' के आरोपों के बीच रविवार को भारतीय चुनाव आयोग (EC) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ( Gyanesh Kumar ) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर चुनाव आयोग का रुख प्रस्तुत किया। चुनाव आयुक्त ने अपने संबोधन की शुरुआत मतदाताओं के नाम एक संदेश के साथ की।

EC Press Conference: चुनाव आयोग के लिए सभी पार्टियां बराबर

भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ( Gyanesh Kumar ) ने स्पष्ट किया कि आयोग के लिए कोई भी दल पक्ष या विपक्ष नहीं है, सभी पार्टियां समान हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, "हर राजनीतिक दल कानून के अनुसार चुनाव आयोग में पंजीकृत होकर ही जन्म लेता है, तो चुनाव आयोग उन राजनीतिक दलों के बीच भेदभाव कैसे कर सकता है? चुनाव आयोग के लिए कोई सत्ता पक्ष या विपक्ष नहीं है, सभी समान हैं। चाहे कोई भी किसी भी राजनीतिक दल का हो, चुनाव आयोग अपने संवैधानिक कर्तव्य से पीछे नहीं हटेगा।"

उन्होंने कहा, "पिछले दो दशकों से लगभग सभी राजनीतिक दल मतदाता सूची में त्रुटियों को सुधारने की मांग कर रहे हैं। इस मांग को पूरा करने के लिए, चुनाव आयोग ने बिहार से विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) शुरू किया है। SIR की प्रक्रिया में, सभी मतदाताओं, बूथ स्तर के अधिकारियों और सभी राजनीतिक दलों द्वारा नामित 1.6 लाख बीएलए ने मिलकर एक मसौदा सूची तैयार की है।"  उन्होंने कहा संविधान में 18 साल की आयु वाले प्रत्येक भारतीय नागरिक को मतदाता बनना चाहिए और वोट जरूरी देना  चाहिए।

बहु-बेटियों की वीडियो साझा करना क्या सही है ?

मतदाताओं की तस्वीरें विपक्ष द्वारा मीडिया में दिखाए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "कुछ दिन पहले हमने देखा कि कई मतदाताओं की तस्वीरें बिना उनकी अनुमति के मीडिया के सामने पेश की गईं। उन पर आरोप लगाए गए और उनका इस्तेमाल किया गया। क्या चुनाव आयोग को मतदाताओं, उनकी माताओं, बहुओं या बेटियों की सीसीटीवी फुटेज साझा करनी चाहिए? जिनके नाम मतदाता सूची में हैं, वे ही अपने उम्मीदवार को चुनने के लिए वोट डालते हैं।" 

उन्होंने कहा, लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया में एक करोड़ से ज्यादा कर्मचारी, 10 लाख से ज्यादा बूथ लेवल एजेंट, उम्मीदवारों के 20 लाख से ज़्यादा पोलिंग एजेंट चुनाव के लिए काम करते हैं। इतने लोगों के सामने इतनी पारदर्शी प्रक्रिया में क्या कोई मतदाता अपना वोट चुरा सकता है? कुछ मतदाताओं ने दोहरे मतदान का आरोप लगाया, लेकिन जब सबूत मांगा गया, तो कोई जवाब नहीं मिला। 

 Gyanesh Kumar : चुनाव आयोग झूठे आरोपों से डरता नहीं  

ऐसे झूठे आरोपों से न तो चुनाव आयोग और न ही कोई मतदाता डरता है। जब चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर भारत के मतदाताओं को निशाना बनाकर राजनीति की जा रही है। ऐसे में चुनाव आयोग आज सभी को यह स्पष्ट कर देना चाहता है कि हम निडर होकर गरीब, अमीर, बुजुर्ग, महिला, युवा समेत सभी धर्मों के सभी वर्गों और मतदाताओं के साथ चट्टान की तरह खड़े थे, खड़े हैं और आगे भी खड़े रहेंगे।

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