Indo-Pak Tension: भारत-पाक तनाव के बीच 15 मई तक 32 एयरपोर्ट बंद, नहीं उड़ेगी कोई फ्लाइट

खबर सार : -
Airport Closed List : भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव (Indo-Pak Tension) के बीच भारत सरकार बड़ा फैसला लिया है। सरकार सुरक्षा के लिहाज से देश के 32 एयरपोर्ट को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है।

खबर विस्तार : -

Airport Closed List : भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव (Indo-Pak Tension) के बीच भारत सरकार बड़ा फैसला लिया है। सरकार सुरक्षा के लिहाज से देश के 32 एयरपोर्ट को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। यानी अब इन 32 हवाई अड्डों से कोई भी फ्लाइट नहीं उड़ेगी। यह फैसला नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) की ओर से जारी नोटिस टू एयरमेन (NOTAM) के तहत लिया गया है।

मिली जानकारी के मुताबिक सभी तरह की नागरिक उड़ान सेवाएं 9 मई से 14 मई 2025 तक अस्थायी रूप से बंद रहेंगी।  यह आदेश 15 मई सुबह 9.29 बजे तक प्रभावी रहेगा। इस दौरान कोई भी नागरिक विमान जमीन से असीमित ऊंचाई तक उड़ान नहीं भर पाएगा। ये प्रतिबंध पूरी तरह से सुरक्षा और परिचालन कारणों के आधार पर लगाए गए हैं।  सरकार के इस फैसले से हजारों यात्रियों की फ्लाइट्स पर असर पड़ सकता। लेकिन फैसल राष्ट्रहित में लिया गया है।

Airport closed list: इन 32 एयरपोर्ट को किया गया बंद

 देश के जिन 32 एयरपोर्ट को अस्थायी रूप से बंद किया गया है उनमें अंबाला, अमृतसर, आदमपुर, अवंतीपोरा, बठिंडा, भुज, हलवारा, हिंडन, चंडीगढ़, पठानकोट, पटियाला, लुधियाना, जैसलमेर, जम्मू, श्रीनगर, बीकानेर, जामनगर, जोधपुर, केशोद, किशनगढ़, कुल्लू मनाली (भुंतर),  लेह, मुंद्रा, नलिया, पोरबंदर, राजकोट (हीरासर), कांडला, कांगड़ा (गगल),सरसावा, थोईस , उत्तरलाई और शिमला शामिल हैं। 

दरअसल भारत के ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है, जिसके बाद से भारत के रिहायशी इलाकों और सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइलों ने लगातार हमले की नाकाम कोशिश कर रहा है। इन हवाई अड्डों को इसलिए चुना गया है क्योंकि ये सभी बॉर्डर या रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इलाकों में स्थित हैं, जहां से उड़ानों पर सबसे ज्यादा खतरा है। साथ ही दिल्ली और मुंबई AAI (फ्लाइट इंफॉर्मेशन रीजन) में पड़ने वाले 25 प्रमुख हवाई यातायात सेवाओं के रूटों को भी बंद कर दिया गया है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी सैन्य या आपातकालीन स्थिति में हवाई मार्ग पूरी तरह से सेना के नियंत्रण में रहे और नागरिक उड़ानों को कोई खतरा न हो।

Indo-Pak Tension: राष्ट्रहित में लिया गया फैसला 

गौरतलब है कि सरकार के इस फैसले से हजारों यात्रियों की फ्लाइट्स पर असर पड़ सकता है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना ​​है कि मौजूदा सैन्य हालात को देखते हुए यह कदम बेहद सावधानी और राष्ट्रहित में उठाया गया है। भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि देश की सुरक्षा सर्वोपरि है और किसी भी तरह की घुसपैठ या आतंकी हरकत का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
 

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