Brahmos Missile: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ रविवार को रक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक पल का गवाह बना। आज देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वर्चुअल माध्यम से दुनिया की सबसे घातक ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (Brahmos NG Missile) बनाने वाली यूनिट और परीक्षण का शुभारंभ किया। इससे भारत रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा साथ ही स्वदेशी स्तर पर मिसाइलों के परीक्षण की क्षमता मजबूत होगी।
इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "हम जिस स्थिति से गुजर रहे हैं, उसके कारण मैं लखनऊ नहीं आ सका। आज का दिन बहुत खास है। आज ही के दिन 1998 में भारत ने पोखरण में अपनी ताकत दिखाई थी। यह परियोजना 40 महीने में पूरी हुई थी। मौजूदा हालात में समय पर काम करने की जरूरत है। ऑपरेशन सिंदूर ने उन आतंकियों को जवाब दिया, जिन्होंने आतंकी हमले करके हमारी बहनों के सिंदूर को मिटा दिया था।"
रक्षा मंत्री ने आगे कहा- पूरी दुनिया देख रही है कि भारत में आतंकी घटनाओं का क्या नतीजा होता है। ये नया भारत है जो सीमा के दोनों तरफ आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा। पीएम मोदी ने ये बता दिया है। जो भी भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम देगा, सीमा पार की जमीन भी उसे नहीं बचा पाएगी। पूरी दुनिया ने देखा है कि भारत आतंकवाद पर किस तरह चोट करता है।
इस मौके पर सीएम योगी ने पाकिस्तान और आतंकवाद पर बेहद कड़े शब्दों में जमकर तंज कसा। सीएम योगी ने कहा, ''आपने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान ब्रह्मोस मिसाइल की झलक देखी होगी। अगर नहीं देखी तो पाकिस्तान के लोगों से ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत के बारे में पूछिए। पीएम नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि अब से आतंकवाद के किसी भी कृत्य को युद्ध माना जाएगा।
उन्होंने कहा आतंकवाद की समस्या तब तक हल नहीं होगी जब तक हम इसे पूरी तरह से कुचल न दें। आतंकवाद को कुचलने के लिए हम सभी को पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक स्वर में लड़ना होगा। आतंकवाद कभी भी प्यार की भाषा नहीं समझता। उसे उसकी ही भाषा में जवाब देना होगा। 'ऑपरेशन सिंदूर' के जरिए भारत ने पूरी दुनिया को संदेश दिया है।''
बता दें कि ब्रह्मोस उत्पादन यूनिट का निर्माण 3.5 साल में पूरा होगा। तीन सौ करोड़ रुपये की लागत से बनी यह यूनिट हर साल 80 से 100 ब्रह्मोस मिसाइलों का निर्माण करेगी। जो भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमता को मजबूत करेगा। ब्रह्मोस मिसाइल भारत और रूस के बीच संयुक्त उद्यम का परिणाम है। यह दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। Brahmos NG Missile की रेंज 290-400 किलोमीटर है और यह 2.8 मैक है। जो ध्वनि की गति से करीब 3 गुना की गति से सटीक हमला करने की क्षमता रखती है। इसे जमीन, समुद्र या हवा से लॉन्च किया जा सकता है।
इसका वजन 1,290 किलोग्राम होगा, जबकि वर्तमान ब्रह्मोस मिसाइल का वजन 2,900 किलोग्राम है। इस मिलाइल को सुखोई जैसे लड़ाकू विमान तीन मिसाइलें एक साथ ले जा सकेंगे। जो वर्तमान में एक मिसाइल ले जाते हैं। यह इकाई पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा 2018 में घोषित रक्षा औद्योगिक गलियारे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसकी आधारशिला 2021 में रखी गई थी और उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके लिए 80 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध कराई थी। यह इकाई महज साढ़े तीन साल में बनकर तैयार हुई है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में छह नोड शामिल हैं, जो लखनऊ, अलीगढ़, कानपुर, आगरा, झांसी और चित्रकूट हैं। इसका लक्ष्य रक्षा उत्पादन में बड़े निवेश को आकर्षित करना है। उत्तर प्रदेश तमिलनाडु के बाद समर्पित रक्षा गलियारा स्थापित करने वाला दूसरा राज्य है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा उत्पादन में इसकी भूमिका को और मजबूत करता है।
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