Operation Sindoor: भारत ने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के उन आरोपों को सिरे से खारिज किया है जिनमें वह ऑपरेशन सिंदूर को लेकर झूठा प्रचार कर रहा है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने गुरुवार की शाम एक विशेष संवाददाता सम्मेलन में इस पूरे घटनाक्रम को विस्तार से रखते हुए भारत का पक्ष सामने रखा और पाकिस्तान की साजिशों की परतें खोल दीं। उन्होंने साफ कहा कि भारत ने कोई भी कार्रवाई बिना उकसावे के नहीं की है, बल्कि यह पूरी तरह जवाबी रही है।
विक्रम मिस्री ने बताया कि लाहौर डिफेंस सिस्टम पर की गई कार्रवाई उकसावे की कोई कार्रवाई नहीं थी, बल्कि पाकिस्तान द्वारा भारतीय सैन्य अड्डों को निशाना बनाए जाने के बाद की गई जवाबी प्रतिक्रिया थी। उन्होंने दोहराया कि भारत का इरादा किसी भी तरह से तनाव बढ़ाने का नहीं है, लेकिन 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद चुप रहना संभव नहीं था। इस हमले के बाद पाकिस्तान की ओर से नियंत्रण रेखा पर लगातार मोर्टार और गोले दागे गए, जिससे अब तक 16 नागरिकों की मौत हो चुकी है। यह न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है, बल्कि मानवीय आधार पर भी अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
विदेश सचिव ने चेतावनी दी कि पाकिस्तान की यह हरकतें न सिर्फ सीमाई क्षेत्रों की शांति को भंग कर रही हैं, बल्कि मासूम लोगों की जान के लिए भी खतरा बन चुकी हैं। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत 7 मई को जो कार्रवाई की गई, वह सीमित थी और उसका उद्देश्य केवल आतंकी ढांचों को खत्म करना था। भारत ने किसी भी सिविल या रणनीतिक संसाधन को लक्ष्य नहीं बनाया। मिस्री ने यह भी स्पष्ट किया कि झेलम डैम पर हमले की जो खबरें पाकिस्तान फैला रहा है, वे पूरी तरह निराधार हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा अपने सैन्य ऑपरेशनों को लक्षित और सटीक रखा है। भारत ने खुलासा किया कि टीआरएफ (The Resistance Front) ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी, उसी संगठन को संयुक्त राष्ट्र की आतंकी सूची में शामिल करने का जब प्रस्ताव रखा गया तो पाकिस्तान ने उसका विरोध किया। यह पाकिस्तान के आतंकी संगठनों से संबंध और उनके समर्थन की ओर इशारा करता है।
मिस्री ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल कट्टरपंथी गतिविधियों और आतंकी प्रशिक्षण के लिए कर रहा है। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि जब कुछ निर्दाेष नागरिकों की मौत हुई, तब उनके अंतिम संस्कार में कुख्यात आतंकी अब्दुल रऊफ की उपस्थिति ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। साथ ही यह भी बताया गया कि हालिया हमलों में पाकिस्तान ने सिख समुदाय को जानबूझकर निशाना बनाया, जिसमें तीन निर्दाेष नागरिक मारे गए। यह धार्मिक विद्वेष फैलाने की सोची-समझी साजिश का हिस्सा बताया गया है। विदेश सचिव ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख का 16 अप्रैल को दिया गया भाषण और उसके बाद हुआ पहलगाम हमला, दोनों के बीच एक स्पष्ट संबंध देखा जा सकता है। भारत ने यह भी संकेत दिया कि सिंधु जल संधि की वर्तमान परिस्थितियों में समीक्षा आवश्यक है, क्योंकि पाकिस्तान लगातार इसके प्रावधानों का उल्लंघन कर रहा है। जहां पाकिस्तान न्यूट्रल जांच की बात कर रहा है, वहीं भारत ने इसे समय खींचने और ध्यान भटकाने की रणनीति बताया। मिस्री ने कहा कि भारत ने जहां जरूरी हो, वहां कार्रवाई की है और आगे भी यदि खतरा उत्पन्न होता है, तो उसी तरह की सटीक प्रतिक्रिया दी जाएगी। अंत में विदेश सचिव ने दो टूक कहा कि भारत टकराव को नहीं बढ़ा रहा, लेकिन यह स्पष्ट है कि सुरक्षा और राष्ट्रीय स्वाभिमान से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। पाकिस्तान ने जो खेल शुरू किया है, उसकी जिम्मेदारी भी उसे ही लेनी होगी।
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