नई दिल्लीः भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के कारण स्थगित बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी को मंगलवार शाम से दोबारा शुरू किया जा रहा है। सीमा सुरक्षा बल यानी बीएसएफ के अधिकारियों ने सभी आवश्यक तैयारियों को अंतिम रूप देने का काम पूरा कर लिया है। सीमा के दोनों तरफ से जवान बंद गेटों के आर-पार खड़े होकर ही अपने-अपने देश के झंडे को उतारेंगे। इस दौरान गेट बिल्कुल भी नहीं खोले जाएंगे।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद से ही जनता में पाकिस्तान के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा और नाराजगी देखने को मिली। भारत सरकार ने मामले को गंभीरता से लेकर 07 मई को सीमा पर बढ़ते तनाव के मद्देनजर बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी को बंद करने का निर्णय लिया था। इसके बाद से ही बीएसएफ ने रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन पूरी तरह से बंद कर दिया था। भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर ' के तहत एयर एस्ट्राइक के माध्यम से पाकिस्तान की सीमा में घुसे बिना अत्याधुनिक मिसाइलों से सटीक निशाना लगाकर और पाकिस्तान के अंदर बने 9 आतंकी ठिकानों को तबाह करके 22 अप्रैल की आतंकी घटना का बदला लिया। सेना के हमले में 100 से अधिक आतंकी मारे गये। वहीं, दूसरी तरफ सेना ने पाकिस्तान के सभी प्रमुख एयरबेस को मिसाइल दागकर तबाह कर दिया। अब दोनों देशों के बीच हालात सामान्य हो रहे हैं। इसलिए सरकार ने मंगलवार शाम से 'बीटिंग रिट्रीट' सेरेमनी को दोबारा से शुरू करने का निर्णय लिया है। यह परेड समारोह अटारी-वाघा, हुसैनीवाला (फिरोजपुर) और सदकी बॉर्डर (फाजिल्का) पर आयोजित होती है, जो भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर रोजाना सांस्कृतिक और सैन्य शौर्य का प्रतीक बन चुका है।
बीएसएफ के अधिकारियों ने बॉर्डर पर बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी बहाल होने की पुष्टि तो कर दी है, लेकिन पहले वाले स्वरूप में आयोजन को लेकर अभी भी संशय बना हुआ है। विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अभी बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में बदलाव का निर्णय तो हुआ है, लेकिन सीमा पर दोनों तरफ से गेट नहीं खोले जाएंगे। इसका सीधा का मतलब है कि भारत-पाकिस्तान के सुरक्षाबलों के बीच सामान्य रूप से हाथ मिलाने की परंपरा नहीं होगी। इस दौरान दोनों तरफ से जवान बंद गेटों के आर-पार खड़े होकर ही अपने-अपने देश के झंडे को उतारने का काम करेंगे।
भारत-पाकिस्तान सीमा पर पंजाब में तैनात बीएसएफ के जवानों ने अपनी मुस्तैदी के कारण घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम कर दिया है। बीएसएफ ने वर्ष 2025 में अब तक सीमा पार से घुसपैठ के लिए आए सौ ड्रोन पकड़े हैं। साथ ही बड़ी मात्रा में हथियार और विस्फोटक भी बरामद किए गए हैं। बीएसएफ प्रवक्ता ने बताया कि इस वर्ष 18 मई को सीमा सुरक्षा बल ने भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने वाले 100वें पाकिस्तानी ड्रोन को बरामद किया है। इस साल अभी तक 111 किलोग्राम हेरोइन, 60 हथियार, 14 हथगोले और 10 किलोग्राम से अधिक उच्च विस्फोटक बरामद करने में सफलता मिली है। इसके साथ ही हमारे जवानों ने तीन पाकिस्तानी घुसपैठियों को मार गिराया है, जबकि 66 भारतीय तस्करों और तीन पाकिस्तानी नागरिकों को पकड़ा गया है।
बीएसएफ के अनुसार सीमा पर ड्रोन का खतरा एक बड़ी चुनौती थी। बीएसएफ की त्वरित और रणनीतिक कार्रवाइयों के माध्यम से प्रभावी ढंग से मुकाबला किया गया है। प्रत्येक ड्रोन की घुसपैठ को सावधानीपूर्वक ट्रैक किया जा रहा है, रोका जा रहा है और बरामद किया जा रहा है। बीएसएफ के जवान सीमाओं की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने के किसी भी प्रयास को तुरंत विफल कर दिया जाएगा।
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