बंद हुआ अंडमान सागर के ऊपर हवाई क्षेत्र

खबर सार :-
2022 मार्च ब्रह्मोस मिसाइल का विस्तारित रेंज संस्करण और ब्रह्मोस मिसाइल के विस्तारित रेंज संस्करण का सफल परीक्षण अंडमान निकोबार द्वीप समूह में किया गया है।

बंद हुआ अंडमान सागर के ऊपर हवाई क्षेत्र
खबर विस्तार : -

लखनऊ, नोटम, आज जारी किर दिया गया है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि मिसाइल या हथियार प्रणाली का टेस्ट किया जा सकता है। नोटम का क्षेत्र करीब 500 किमी लंबा है। यह सभी ऊंचाई स्तरों पर नागरिक विमानों के लिए किसी भी प्रकार की हलचल के लिए या उपयोग की इजाजत नहीं देता है। यहां मिसाइल या हथियार प्रणाली के परीक्षण पर ही इसका उपयोग किया जाता है। नोटम यानी एयरमेन को नोटिस करना है। पायलटों को संभावित खतरों के बारे में यही यह नोटिस सूचित करता है।

इससे ट्रेनिंग के दौरान किसी भी तरह का नुकसान होने का डर नहीं रहता है। साथ ही नोटम को दूससंचार के जरिए आगे बढ़ाया जाता है। यह विमानन प्राधिकरणों के पास दाखिल हो जाता हैं। ऐसी नोटिस पहले भी कई बार जारी किया गया है। नोटम जारी करने से पता चल रहा है कि भारत ने अंडमान सागर के ऊपर एक विशिष्ट क्षेत्र में हवाई क्षेत्र बंद किया है तो कोई बड़ा कारण भी है। 23 और 24 मई की सुबह 7 बजे से 10 बजे तक नोटम सक्रियता दिखाएगा।

भारत ने वर्तमान या कुछ पीछे के वर्षां में कई महत्वपूर्ण मिसाइल परीक्षण किए हैं।  हैं। इसके लिए नोटिस टू एयरमेन प्रक्रिया जारी किए गए थे। जनवरी 2025 में ही ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल का सैल्वो मोड में परीक्षण किया गया। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भारत ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सैल्वो मोड में परीक्षण इसी क्षे़त्र में किया हेै। अप्रैल 2024 में ही एयर-लॉन्च्ड बैलिस्टिक मिसाइल और अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में एक एयर-लॉन्च्ड बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण करने में सफलता मिली है।

आइये जानते हैं कि क्या होता है नोटम

नोटम का मतलब एयरमेन को एक जरूरी नोटिस है। यही नोटिस पायलटों को तमाम संभावितव खतरों के बारे में सूचित करता है। ऐसी कोशिश की जाती है कि ट्रेनिंग के दौरान किसी भी तरह की क्षति नहीं हो। दूससंचार के जरिए विमानन प्राधिकरणों के पास दाखिल कराए जाते हैं। पूर्व में भी तमाम बार यह नोटिस जारी हुए हैं। अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह भारत की रक्षा संरचना में विस्त्रित क्षेत्र बनता जा रहा है। मलक्का जलडमरूमध्य के मुहाने पर स्थित है। भारत की प्रतिरोधक क्षमता को आधुनिक बनाने के की कोशिश चलती रहती है। इसका इस्तेमाल देश की रक्षा और क्षेत्रीय तनावों के समय किया जाता है। यह रक्षा निर्माण में और आत्मनिर्भरता की दिशा में दबाव रोकता है। 
 

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