Operation Sindoor: भारत ने 100 KM अंदर घुसकर मारा...जानें पाकिस्तान के इन 9 ठिकानों को ही क्यों चुना

खबर सार : -
Operation Sindoor: भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान में 100 KM अंदर घुसकर नौ आतंकी ठिकानों को एयर स्ट्राइक कर तबाह कर दिया है। इन नौ ठिकानों में से प्रत्येक का भारत में प्रमुख आतंकी साजिशों और घुसपैठ की कोशिशों में शामिल होने का इतिहास रहा है।

खबर विस्तार : -

Operation Sindoor: भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले (Pahalgam attacks) का मुंहतोड़ जवाब दिया है। भारतीय सेना ( Indian Army) ने मंगलवार देर रात 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (POK) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को एयर स्ट्राइक कर तबाह कर दिया है। 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम उन महिलाओं को समर्पित है जिनके पतियों को 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादियों ने बेरहमी से हत्या कर दी थी । 

Operation Sindoor: 9 आतंकी ठिकानों को किया तबाह

बता दें कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारत ने पाकिस्तान के 7 शहरों के 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। भारत की इस कार्रवाई में 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए हैं। जिन ठिकानों पर हमला किया गया, वे क्षेत्र के सबसे महत्वपूर्ण और लंबे समय से चल रहे आतंकवादी प्रशिक्षण केंद्रों थे। इस हमले में केवल आतंकी ठिकानों पर हमला किया गया। किसी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने पर हमला नहीं किया गया। ऑपरेशन के लिए चुने गए नौ ठिकानों में से प्रत्येक का भारत में प्रमुख आतंकी साजिशों और घुसपैठ की कोशिशों में शामिल होने का इतिहास रहा है। भारत ने भारत-पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद पारिस्थितिकी तंत्र में उनके महत्व का विश्लेषण किया और उसके आधार पर इन स्थलों की पहचान की।

Operation Sindoor: भारतीय सेना इन आतंकी ठिकानों को किया तबाह


आतंकी ठिकाना                                        आतंकी संगठन

  • मरकज तैयबा- मुरीदके                     लश्कर-ए-तैयबा
  • मरकज सुभान अल्लाह- बहावलपुर     जैश-ए-मोहम्मद
  • सरजल-तेरहा कलां                          जैश-ए-मोहम्मद
  • महमूना जोया- रियालकोट                 हिजबुल मुजाहिदीन
  • मरकज अहले हदीस-बरनाला            लश्कर-ए-तैयबा
  • सवाई कैंप- मुजफ्फराबाद                 लश्कर-ए-तैयबा
  • सैयदना बिलाल कैंप-मुजफ्फराबाद     जैश-ए-मोहम्मद
  • मरकज अब्बास- कोटली                   जैश-ए-मोहम्मद 
  • मस्कर राहील शाहिद- कोटली            हिजबुल मुजाहिदीन

मुरीदके - यह आतंकी ठिकाना लश्कर-ए-तैयबा का कैंप था। अंतरराष्ट्रीय सीमा से 30 किलोमीटर दूर स्थित है। इसका सीधा संबंध 26/11 हमले से है।

बहावलपुर -  यहां जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय था। अंतरराष्ट्रीय सीमा से करीब 100 किलोमीटर दूर स्थित है। जिसे भारतीय सेना ने ध्वस्त कर दिया।

गुलपुर - यह आतंकी ठिकाना LOC (पुंछ-राजौरी) से 35 किलोमीटर दूर स्थित है।

लश्कर कैंप सवाई - यह लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी ठिकाना है। जो POK तंगधार सेक्टर में 30 किलोमीटर अंदर स्थित है।

बिलाल कैंप - यह जैश-ए-मोहम्मद का लॉन्चपैड है। इस ठिकाने का इस्तेमाल आतंकियों को सीमा पार भेजने के लिए किया जाता था।

कोटली - ये लश्कर-ए-तैयबा का 50 से ज्यादा आतंकियों की क्षमता वाला ठिकाना था। जो एलओसी से 15 किलोमीटर दूर स्थित है।

बरनाला कैंप - यह लश्कर-ए-तैयबा का ठिकाना है। ये आतंकी ठिकाना एलओसी से 10 किलोमीटर दूर स्थित था।

सरजाल कैंप - ये जैश-ए-मोहम्मद का प्रशिक्षण केंद्र हैं। जो सांबा-कठुआ के सामने अंतरराष्ट्रीय सीमा से 8 किलोमीटर दूर स्थित है।

मेहमूना कैंप (सियालकोट के पास) - यह हिजबुल मुजाहिदीन का प्रशिक्षण शिविर था और अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किलोमीटर दूर स्थित था।

Pahalgam attacks: पहलगाम हमले के 15 दिन बाद लिया बदला

बता दें कि भारत की यह कार्रवाई पहलगाम हमले (Pahalgam attacks) के 15 दिन बाद की गई। 22 अप्रैल को हुई इस आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी।  भारत सरकार ने इस हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ा संदेश देते हुए कहा था कि ऐसे हर हमले का जवाब कड़ा और निर्णायक होगा। यह कार्रवाई भारत द्वारा एक सुनियोजित कदम था, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाए, साथ ही आगे की स्थिति से बचने के लिए संयम बनाए रखा जाए।
 

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