Kedarnath ropeway: मिनटों में तय होगा घंटों का सफर, कब तक पूरा होगा PM मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट
Summary : 21 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री मोदी खुद केदारनाथ पहुंचे और इस रोपवे का शिलान्यास किया। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के निर्माण से केदारनाथ यात्रा सरल और सुलभ हो जाएगी। रोपवे के निर्माण से गौरीकुंड से केदारनाथ की दूरी महज 30 मिनट में तय हो सकेगी।
रुद्रप्रयागः केदारनाथ रोपवे का निर्माण कार्य इसी साल अक्टूबर से शुरू होने की उम्मीद है। रोपवे निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब इसके बाद डिजाइन समेत अन्य औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। 13 किमी लंबे रोपवे का काम दो चरणों में होगा, जिसमें पहले चरण में गौरीकुंड से केदारनाथ तक 9.7 किमी का निर्माण होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल केदारनाथ रोपवे के निर्माण को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद अन्य कार्रवाई भी तेज हो गई है।
21 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री मोदी खुद केदारनाथ पहुंचे और इस रोपवे का शिलान्यास किया। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के निर्माण से केदारनाथ यात्रा सरल और सुलभ हो जाएगी। रोपवे के निर्माण से गौरीकुंड से केदारनाथ की दूरी महज 30 मिनट में तय हो सकेगी। रोपवे के निर्माण से शुरुआती समय में 1800 यात्री एक घंटे में गौरीकुंड से केदारनाथ पहुंच सकेंगे। इसके बाद रोपवे से प्रति घंटे 3500 यात्री केदारनाथ पहुंच सकेंगे।
भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 13 किमी लंबे सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे के निर्माण की जिम्मेदारी नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड को सौंपी है। कार्यदायी संस्था ने पिछले दो वर्षों से प्रशासन और वन विभाग के साथ मिलकर एजेंसियों के माध्यम से रोपवे निर्माण के लिए सोनप्रयाग से केदारनाथ तक कई चरणों में हवाई और भूमिगत सर्वेक्षण के साथ ही सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे के निर्माण के लिए 26 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है। रोपवे का निर्माण दो चरणों में किया जाना है, जिसमें पहले चरण में गौरीकुंड से केदारनाथ तक 9.7 किमी रोपवे और दूसरे चरण में सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक 3.3 किमी रोपवे का निर्माण किया जाना है।
सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे को 22 टावरों से सपोर्ट मिलेगा। रोपवे में इस्तेमाल होने वाले गोंडोला को खास डिजाइन के तहत तैयार किया जाएगा। साथ ही रोपवे का निर्माण आधुनिक तकनीक से किया जाएगा। केदारनाथ रोपवे में सोनप्रयाग और केदारनाथ मुख्य स्टेशन होंगे, जबकि गौरीकुंड, चिरबासा और लिनचोली भी स्टेशन होंगे। पांचों स्टेशनों में से चिरबासा और लिनचोली तकनीकी स्टेशन होंगे। आपातकालीन स्थिति में इन स्टेशनों का प्रमुखता से इस्तेमाल किया जाएगा।
नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड के अध्यक्ष प्रशांत जैन का कहना है कि केदारनाथ रोपवे का निर्माण कार्य इसी साल अक्तूबर से शुरू हो जाएगा। रोपवे निर्माण के लिए ऑनलाइन टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। डिजाइन समेत अन्य औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। पहले चरण में गौरीकुंड से केदारनाथ तक 9.7 किमी रोपवे का निर्माण किया जाएगा। जल्द ही कार्य स्थलों पर निर्माण सामग्री पहुंचाने का काम शुरू हो जाएगा।
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