Anti India Terrorists Killed In Pakistan : दो साल में मारे गए 16 आतंकी, क्या रणनीति से हो रहा है खात्मा?

खबर सार :-
Anti India Terrorists Killed In Pakistan : पाकिस्तान में 2023 से 2025 के बीच अज्ञात हमलों में मारे गए भारत विरोधी 16 मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची, जिनकी गतिविधियाँ भारत में घातक आतंकी हमलों से जुड़ी थीं।

खबर विस्तार : -

Anti India Terrorists Killed In Pakistan : पाकिस्तान में पिछले दो वर्षों के अंदर एक ऐसा दिलचस्प पैटर्न देखने को मिल रहा है जिसने भारत और पाकिस्तान दोनों की सुरक्षा एजेंसियों को चौंकाने का काम किया है। एक ओर जहां भारतीय सुरक्षा अधिकारियों के होठों पर हल्की मुस्कान है वहीं पाकिस्तान के सुरक्षा हलकों की पेशानी पर बल नजर आ रहे हैं।
जनवरी 2023 से मई 2025 के बीच, पाकिस्तान में कम से कम 16 ऐसे आतंकवादियों के मारे जाने की खबर आईं हैं जो किसी न किसी तरह भारत में अंजाम दिए गए आतंकी हमलों के साजिशकर्ता थे या प्रमुख सहभागी के तौर पर जाने  जाते थे। इन आतंकियों की मौतें भले ही अज्ञात हमलों, रहस्यमय गोलीबारी या बम विस्फोटों में हुई हों लेकिन जिस तरह से ये हत्याएँ सिलसिलेवार तरीके से हुई हैं, उससे यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या पाकिस्तान के लिए यह आतंकी भस्मासुर साबित हो रहे थे इसलिए पाक ही इन आतंकियों का सफाया कर रहा है?

Anti India Terrorists Killed In Pakistan : भारतीय एजेंसियों की वर्षों से थी पैनी नज़र

इन 16 नामों में हिजबुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, टीआरएफ और अल-बद्र जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े वे चेहरे हैं जिन पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों  की वर्षों से पैनी नज़र थीं। इनमें से अधिकत्तर की हत्याएं पाकिस्तान के सुरक्षित और प्रमुख शहरों, जैसे रावलपिंडी, कराची, सियालकोट और पेशावर में हुईं।
सबसे हालिया मामला शुजात बुखारी हत्याकांड के मास्टरमाइंड सज्जाद गुल का है, जो मई 2025 में कराची में मारा गया। इससे पहले अप्रैल 2025 में लश्कर का वांछित आतंकी अब्दुल्ला गुलजार मारा गया। मार्च में शहबाज मीर को ठिकाने लगाया गया जिसके जम्मू के नरवाल हमले में शामिल होने की चर्चा थी। इसी साल के शुरूआती महीनों जनवरी में नवेद जट्ट व फरवरी में हबीबुल्ला बट्ट दोनों को गोली मार दी गई।
2024 में भी यही पैटर्न देखने को मिला था। फरवरी, 2024 में लश्कर का मुश्ताक खान, मार्च में जैश का शमीम मोहम्मद, जुलाई में अल-बद्र का जावेद अहमद, और अक्टूबर में टीआरएफ का माजिद नजर की हत्या की गई। इनके पहले 2023 में भी आठ ऐसे आतंकियों का सफाया हुआ था जिनकी भारत को लम्बे समय से तलाश थी। इनमें बशीर अहमद (हिजबुल), अशरफ बाबा (जैश), तारिक अहमद (लश्कर), मुस्तफा डार (हिजबुल) जैसे आतंकियों के नाम शामिल हैं।

भारत इसे क्लीन-अप ड्राइव के रूप में भी देख रहा

भारतीय खुफिया एजेंसियों की नजर पूरे घटनाक्रम पर बहुत बारीकी से हैं। केंद्र की ओर से भले ही इस पर बयान न दिया जा रहा हो लेकिन इस पूरे घटनाक्रम को एक क्लीन-अप ड्राइव के रूप में भी देखा जा रहा, जिसे या तो पाकिस्तानी सेना और आईएसआई अंजाम दे रहा है या फिर अंतरराष्ट्रीय दबाव में किसी और के ज़रिए हो रहा है।
Anti India Terrorists Killed In Pakistan पर पाकिस्तान का चुप रहना भी संदेह को बढ़ा रहा है। इन घटनाओं पर वहां की मीडिया में भी सीमित खबरें प्रकाशित और प्रसारित हुईं। इनमें से अधिकतर हमलों की जिम्मेदारी किसी आतंकी संगठन ने नहीं ली और न ही पाकिस्तान सरकार ने किसी जांच की आधिकारिक घोषणा ही की।

भस्मासुर आतंकियों से पीछा छुड़ाने को मजबूर पाकिस्तान!

विश्लेषकों की राय में, यह पूरा घटनाक्रम एक नया भू-राजनीतिक संदेश हो सकता है। अमेरिका और एफएटीएफ जैसे संस्थानों के दबाव, भारत की लगातार बढ़ती रणनीतिक सक्रियता, और पाकिस्तान की रसातल में पहुंच चुकी अर्थ व्यवस्था ने उसे अपने ही पाले में मौजूद भस्मासुर आतंकियों से पीछा छुड़ाने को मजबूर कर दिया है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि क्या यह किसी तीसरे पक्ष, जैसे अफगानिस्तान में सक्रिय गुटों या निजी लड़ाकों, का काम हो सकता है, जो पाकिस्तान के भीतर इन घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।

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