लखनऊ, उत्तर प्रदेश के नगर विकास विभाग ने शेल्टर एसोसिएट्स के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका वित्तपोषण टाटा ट्रस्ट द्वारा किया गया है, ताकि राज्य के नगरीय स्थानीय निकायों में शहरी योजना और बुनियादी ढांचे के मानचित्रण को बेहतर बनाया जा सके। यह सहयोग शहरी शासन को मजबूत करने, सेवा वितरण में सुधार और समावेशी शहरी विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू किया गया है।
एमओयू के प्रमुख उद्देश्यों में जीआईएस प्रौद्योगिकी का उपयोग करके बुनियादी ढांचे के मानचित्रण और डेटा संग्रह, यूएलबी अधिकारियों के लिए क्षमता निर्माण, वाश और ठोस कचरा क्षेत्रों में अंतराल विश्लेषण और आकांक्षी योजना के माध्यम से डिजिटल प्रणाली शामिल हैं। इस पहल के तहत जीआईएस डेटा केंद्र और ज्ञान बैंक स्थापित किए जाएंगे, जो साक्ष्य-आधारित योजना का समर्थन करेंगे। साथ ही अन्य यूएलबीएस के लिए निगरानी और प्रतिकृति योग्य मॉडलों के विकास के साथ डेटा अखंडता सुनिश्चित की जाएगी, जिसमें सरकारी सहमति के बिना डेटा के उपयोग पर सख्त नियंत्रण होगा।
वहीं, उसी दिन लखनऊ में नगरीय निकाय निदेशालय में आकांक्षी नगर कार्यक्रम के तहत आकांक्षी योजना की प्रगति की समीक्षा के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का ध्यान तकनीकी दक्षता, योजनाओं के समन्वय और नवाचार आधारित कार्य प्रणाली पर रहा। विशेषज्ञ द्वारा आकांक्षी डैशबोर्ड की विशेषताओं, डेटा सत्यापन और रिपोर्टिंग प्रणाली की प्रस्तुति दी, इसके बाद मंडलवार प्रदर्शन का विश्लेषण प्रस्तुत किया गया, जिसमें प्रमुख अंतरालों की पहचान कर सुधारात्मक निर्देश दिए गए।
नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने नगरीय निकायों को स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप अंतराल-आधारित नवाचारी परियोजनाएं विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया, जबकि सचिव, निदेशक नगरीय निकाय अनुज कुमार झा ने फील्ड स्तर पर आने वाली चुनौतियों के त्वरित समाधान और नवाचार आधारित कार्यप्रणाली पर जोर दिया। अभिजात ने कहा कि शेल्टर एसोसिएट्स के साथ यह साझेदारी और आकांक्षी नगर कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के शहरी परिदृश्य को बदलने की महत्वपूर्ण कदम हैं। विभाग सभी हितधारकों से नवाचार को अपनाकर सतत विकास के लिए प्रयास करने के लिए तत्पर हैं। विभिन्न आकांक्षी नगरों से आए लगभग 100 सीएम अर्बन फेलो और उनके कार्यकारी अधिकारी ने कार्यशाला में भाग लिया, जहां उन्होंने नवाचारों और अनुभवों को साझा कर आपसी सीख और सहयोग को बढ़ावा दिया।
कार्यशाला में योजनाओं के समन्वय, निधियों के प्रभावी उपयोग और फील्ड स्तर की व्यावहारिक चुनौतियों पर खुला संवाद हुआ, जिसमें प्रतिनिधियों के सुझावों को नीति निर्माण के लिए अत्यंत उपयोगी माना गया। ज्ञान भागीदारों ने स्वच्छता, शहरी आजीविका, प्लास्टिक प्रबंधन, हरित क्षेत्र विस्तार, और डिजिटल ट्रैकिंग जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान किया। वरिष्ठ अधिकारियों, जिसमें विशेष सचिव और अतिरिक्त निदेशक शामिल हैं। उन्होंने इस आयोजन को गुणवत्तापूर्ण शहरी सेवा वितरण, स्थानीय नवाचारों के प्रोत्साहन, और आकांक्षी नगरों के सतत विकास की दिशा में एक मील का पत्थर बताया।
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