Toll Tax exemption: महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला: इलेक्ट्रिक वाहनों को मिलेगा टोल टैक्स में छूट, नई नीति लागू

खबर सार :-
महाराष्ट्र सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए अटल सेतु, मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे और समृद्धि महामार्ग सहित प्रमुख टोल प्लाजा पर टोल टैक्स से छूट दी है। यह नीति 22 अगस्त से लागू हो गई है। इससे ईवी उपयोग को बढ़ावा मिलेगा, प्रदूषण में कमी आएगी और राज्य हरित ऊर्जा की ओर कदम बढ़ाएगा।

Toll Tax exemption: महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला: इलेक्ट्रिक वाहनों को मिलेगा टोल टैक्स में छूट, नई नीति लागू
खबर विस्तार : -

मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) अपनाने को प्रोत्साहित करने के लिए एक बड़ी घोषणा की है। अब अटल सेतु, मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे और समृद्धि महामार्ग जैसे चुनिंदा प्रमुख टोल प्लाज़ा पर इलेक्ट्रिक वाहनों से टोल टैक्स नहीं लिया जाएगा। यह नई व्यवस्था 22 अगस्त की मध्यरात्रि से प्रभाव में आ चुकी है।

विशेष मार्गों और टोल प्लाजा पर ही मिलेगी छूटः परिवहन मंत्री

परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने बताया कि यह निर्णय मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार के मार्गदर्शन में लिया गया है। इस नीति का उद्देश्य न केवल पर्यावरण संरक्षण है, बल्कि राज्य को इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के क्षेत्र में अग्रणी बनाना भी है। सरकार ने इस निर्णय को मोटर वाहन कर अधिनियम, 1958 के तहत अधिसूचित किया है। इसके तहत कुछ विशेष मार्गों और टोल प्लाज़ा पर इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहनों (M2, M3, M6 कैटेगरी) और इलेक्ट्रिक बसों को टोल टैक्स से पूर्ण छूट प्रदान की गई है। इसमें निजी ईवी और राज्य परिवहन निगम (STU) की बसें दोनों शामिल हैं।

प्रदूषण घटेगा, हरित परिवहन बढ़ेगा

सरनाईक ने कहा कि यह पहल न केवल राज्य के नागरिकों को आर्थिक रूप से राहत देगी, बल्कि प्रदूषण कम करने और हरित परिवहन को बढ़ावा देने की दिशा में भी एक मजबूत कदम है। उनका मानना है कि टोल टैक्स की छूट से इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता में वृद्धि होगी और अधिक लोग पारंपरिक ईंधन से हटकर हरित ऊर्जा की ओर अग्रसर होंगे। विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम न केवल पर्यावरणीय रूप से लाभकारी है, बल्कि इससे महाराष्ट्र को ईवी अपनाने वाले शीर्ष राज्यों में शामिल होने में भी मदद मिलेगी। टोल छूट से जहां वाहन मालिकों का खर्च कम होगा, वहीं सरकार को लंबे समय में पर्यावरणीय और स्वास्थ्य से जुड़े लाभ मिलेंगे। इस नीति को राज्य सरकार की “हरित महाराष्ट्र” पहल का हिस्सा माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य क्लीन एनर्जी को अपनाकर राज्य को सतत विकास की राह पर आगे बढ़ाना है।

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