वित्तीय संकट से जूझता नगर निगम, पार्षदों के गोवा शैक्षिक टूर पर उठ रहे सवालिया निशान

खबर सार :-
वित्तीय संकट से जूझ रहे झांसी नगर निगम के लिए पार्षदों का गोवा टूर सवालों के घेरे में है। लाखों रुपये खर्च कर किए जाने वाले शैक्षिक टूर का अब तक कोई ठोस लाभ नहीं दिखा है। जबकि शहर में विकास कार्य ठप हैं और भारी उधारी भी बाकी है, ऐसे में इस टूर की उपयोगिता पर गंभीर सवाल उठना स्वाभाविक है।

वित्तीय संकट से जूझता नगर निगम, पार्षदों के गोवा शैक्षिक टूर पर उठ रहे सवालिया निशान
खबर विस्तार : -

झांसीः वित्तीय संकटों से गुजर रहे झांसी नगर निगम के खजाने पर पार्षदों ने भी बड़ा बोझ डाल दिया है। पार्षदों का एक दल शैक्षिक टूर के लिए गोवा जा रहा है। नगर निगम की ओर से देश के विशेष नगर निकायों द्वारा साफ सफाई, कूड़ा कलेक्शन, ड्रेनेज सिस्टम से जुड़े कार्यों की जानकारी लेने, देखने और समझने के लिए पार्षदो को भेजा जाता है। इसे शैक्षणिक टूर का नाम दिया जाता है। ये टूर हमेशा सवालों के घेरे में रहते हैं।

शैक्षणिक टूर पर खर्च होते हैं 15 से 20 लाख रुपये

झांसी नगर निगम की ओर से हर वर्ष 15 से 20 लाख रुपये शैक्षिक टूर पर खर्च किए जाते हैं, लेकिन इसका कोई लाभ नगर निगम को नहीं होता है। पार्षद शैक्षिक टूर के लिए ऐसे नगर निकायों का चयन करते हैं, जहां देश भर के टूरिस्ट सैर सपाटा करने के लिए जाते हैं। यह पार्षद शैक्षिक टूर से लौटकर अपने अनुभव व सुझाव लिख कर देते हैं लेकिन इन पर अमल कराने की कोशिश भी नहीं करते हैं। अक्सर यह शैक्षिक दूर विवादों में घिरे रहे हैं। इस तरह के शैक्षिक टूर में 8 से 10 पार्षदों का दल भेजा जाता है। पिछले वर्ष पार्षदों के तीन दल ने कोलकाता केरल और शिलांग का शैक्षिक दूर किया था, जिसे लेकर काफी चर्चाएं भी रही थी। अब एक बार फिर 8 से 10 पार्षदों का दल शैक्षिक टूर के लिए गोवा रवाना हो गया है। लगभग 1 सप्ताह के इस टूर पर नगर निगम का 7 से 8 लाख रुपए खर्च होगा। इस दौरान पार्षद गोवा की राजधानी पणजी म्युनिसिपल कॉरपोरेशन द्वारा गोवा में कराए गए कार्यों का अध्ययन करेंगे और अपनी रिपोर्ट नगर निगम को देंगे पर इस बार के टूर को लेकर नगर निगम में चर्चाएं अधिक हो रही हैं, क्योंकि इस समय नगर निगम वित्तीय संकट का सामना कर रहा है।

नगर निगम में प्रभावित हो रहा विकास कार्य

झांसी नगर निगम में विकास कार्य लगभग ठप्प से हो गए हैं और तो और पुराने कार्यों की लगभग 8 करोड रुपए की उधारी भी चल रही है। अतः इन वित्तीय संकटों को देखते हुए इस टूर पर प्रश्न चिन्ह उठना लाजमी है। गौरतलब है कि नगर निगम के पार्षद नगर पालिकाओं से सीख ले रहे हैं। झांसी को लगभग 20 वर्ष पहले नगर निगम का दर्जा मिल गया था। पर यहां के पार्षद विकास की परिभाषा सीखने के लिए अभी भी नगर पालिकाओं में जाते हैं, जबकि देश के कई नगर निगम हर क्षेत्र में उत्कृष्ट काम करते हैं और रैंकिंग में भी शीर्ष पर रहते हैं, लेकिन पार्षदों का कोई भी दल इन निकायों का शैक्षिक दूर करने का प्रस्ताव नहीं देता है। सदन प्रभारी डॉक्टर राघवेंद्र सिंह नगर निगम झांसी का कहना है कि इस वित्तीय वर्ष में पार्षदों का पहला शैक्षिक टूर गोवा के पणजी म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के लिए जा रहा है। पार्षदों के दल ने सभी औपचारिकताएं पूरी की हैं जिसके बाद अनुमति दी गई है। पार्षदों द्वारा टूर के बाद फीडबैक दिया जाता है।

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