झांसीः परिवहन विभाग ने जनपद में निजी जमीन पर डिटेंशन यार्ड खोलने का निर्णय लिया है। विभाग की तरफ से यार्ड खोलने के लिए आवश्यक प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यदि डिटेंशन यार्ड खुलेगा, तो निश्चित तौर पर वाहनों को सुव्यवस्थित ढंग रखना आसान होगा और लोगों की बेरोजगारी भी दूर होगी।
प्रदेश सरकार की मंशा थानों में खड़े हुए वाहनों एवं कबाड़ वाहनों का बोझ कम करने की है। इसके लिए प्राइवेट प्रापर्टी में डिटेंशन यार्ड बनाने की तैयारी की है, जिससे थाना परिसर में खड़े वाहनों को हटाने के बाद खाली जगह मिल जाएगी। वहीं दूसरी तरफ यार्ड खोलने वाले व्यक्ति को रोजगार मिल जाएगा। इस संबंध में संभागीय परिवहन अधिकारी प्रशासन अरविंद त्रिवेदी ने बताया कि परिवहन आयुक्त ने प्राइवेट जमीन में डिटेंशन यार्ड खोलने के निर्देश दे दिए हैं । डिटेंशन यार्ड खुलने से कुछ हद तक बेरोजगारी की समस्या दूर होगी और थानों में खड़े वाहनों से मुक्ति मिलेगी। उन्होंने बताया कि डिटेंशन यार्ड को बनाने से जुड़ी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यार्ड खोलने के लिए मिनिमम दो बीघा जमीन होना जरूरी है। यदि कोई व्यक्ति यार्ड खोलने के लिए जमीन खरीदता है, तो सरकार उसमें भी मदद करेगी। यार्ड के लिए जमीन खरीदने वाले व्यक्ति को सरकार स्टैंप ड्यूटी में छूट दिलवा कर उसकी मदद करेगी। जिस व्यक्ति की जमीन में यार्ड खुलेगा, उस व्यक्ति को बंद वाहनों से किराया मिलेगा। इस परिसर में वह वाहनों का सर्विस सेंटर, जलपान गृह आदि व्यवसाय भी कर सकता है।
सरकार की ओर से थानों में खड़े कबाड़ हो चुके वाहनों के बोझ को हटाने के लिए यह एक नया विकल्प प्रस्तुत किया गया है। अब निजी जमीन पर कोई भी व्यक्ति डिटेंशन यार्ड खोल सकता है। यार्ड खोलने वाले व्यक्ति को अपनी जमीन का किराया मिलेगा। थानों में खड़े सीज वाहन कबाड़ हो चुके वाहन प्राइवेट डिटेंशन यार्ड में खड़े किए जाएंगे जिससे थानों का बोझ भी कम होगा और इन प्राइवेट यार्ड में वाहनों को सुरक्षा भी मिलेगी। थानो में काफी संख्या में अवैध कार्यों में लिप्त वाहन सीज कर खड़े कर दिए जाते हैं, इनमें कुछ एक्सीडेंट वाले वाहन भी होते हैं। आबकारी और खनिज विभाग की ओर से सीज किये गये वाहन भी थानों में खड़े किए जाते हैं। कई बार वाहन स्वामी इन वाहनों को छुड़ाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं, जिससे थानों में इन वाहनों की संख्या इतनी अधिक हो जाती है कि जगह की कमी पड़ने लगती है और इनकी प्रॉपर सुरक्षा भी नहीं हो पाती है। यही नहीं, कई बार सीज किए हुए वाहनों की संख्या इतनी ज्यादा हो जाती है कि इनको सड़क किनारे खड़ा करना पड़ता है, जिससे ट्रैफिक संचालन में भी काफी असुविधा होती है, इन्हीं सब को देखते हुए परिवहन विभाग ने सरकार से यार्ड खोलने के लिए जमीन मांगी थी, लेकिन यह जमीन उपलब्ध नहीं हो पा रही है। इसलिए डिटेंशन यार्ड बनाने में पेश आ रही जमीन की समस्या को जड़ से समाप्त कर दिया गया है। अब कोई भी व्यक्ति निजी जमीन पर डिटेंशन यार्ड बना सकता है। परिवहन आयुक्त बृजेश कुमार ने जिला और तहसील स्तर पर निजी जमीन पर डंपिंग यार्ड खोलने का निर्णय लिया है, जिनको निकट भविष्य में प्राइवेट जमीनों पर खोला जा सकेगा।
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