लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फूलों की खेती करने वाले किसानों को बड़ी राहत दी है। सभी प्रकार के फूलों को निर्दिष्ट कृषि उत्पाद की श्रेणी से हटाकर गैर निर्दिष्ट श्रेणी में रखने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि फूलों को मंडी तक लाने में लगने वाले समय से गुणवत्ता प्रभावित होती है और किसान उचित मूल्य से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में किसानों से मंडी के बाहर फूल बेचने पर किसी प्रकार का शुल्क न लिया जाए। यह निर्णय खासकर फूलों के लघु, सीमांत और मौसमी किसानों के लिए बड़ा सहारा साबित होगा। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई उप्र राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के निदेशक मंडल की 171वीं बैठक में यह निर्णय लिया गया।
अब फूलों की खेती करने वाले किसानों को मंडी के बाहर कारोबार करने पर कोई शुल्क नहीं देना होगा, जबकि मंडी परिसर में उनसे सिर्फ उपयोगकर्ता शुल्क लिया जाएगा। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि मण्डी परिषद केवल एक संस्थागत निकाय ही नहीं है, बल्कि किसानों के स्वाभिमान, अधिकार और आर्थिक सशक्तिकरण का सशक्त माध्यम है। मण्डियों की व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि किसान अपनी उपज को सुविधाजनक, सुरक्षित और सम्मानजनक तरीके से बेच सकें। उन्होंने सभी मुख्य कृषि मण्डियों में ‘शबरी कैन्टीन’ स्थापित करने के निर्देश दिए।
इसके लिए मण्डी परिषद द्वारा निःशुल्क भूमि उपलब्ध कराई जाएगी तथा इसका संचालन गैर सरकारी या स्वैच्छिक संगठनों द्वारा किया जाए। बैठक में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में मण्डी परिषद की कुल आय 1994.55 करोड़ रुपए रही है, जो वर्ष 2023-24 से 16.2 प्रतिशत अधिक है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में मण्डी एवं उप मण्डी स्थलों के निर्माण, उन्नयन एवं पुनर्विकास के लिए 195.30 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है। नए संपर्क मार्गों के निर्माण के लिए 242.27 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है।
प्रदेश में 10 नए मंडी एवं उप-मंडी स्थल स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिनमें से चार का निर्माण पूर्ण रूप से हो चुका है, जबकि शेष छह पर निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि आवश्यकतानुसार नई मण्डियां स्थापित की जाएं तथा इसके लिए पीपीपी मॉडल पर संभावनाएं तलाशते हुए योजनाएं बनाई जाएं। विकल्प खंड, गोमतीनगर, लखनऊ में एग्रीमॉल का निर्माण शीघ्र पूरा किया जाए तथा अनावश्यक विलम्ब होने पर जिम्मेदार व्यक्तियों के विरुद्ध नियमानुसार दण्डात्मक कार्रवाई की जाए।
मण्डी परिषद द्वारा एफडीआर तकनीक का उपयोग करते हुए नई सड़कों का निर्माण कराया जाए। सभी मण्डियों में पेयजल, सड़क, शौचालय, विश्रामगृह, विद्युत जैसी मूलभूत सुविधाएं समयबद्ध रूप से सुनिश्चित की जाएं। बैठक में प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) विश्वविद्यालय, प्रयागराज के कृषि संकाय के छात्र-छात्राओं को मुख्यमंत्री कृषक छात्रवृत्ति योजना के तहत लाभान्वित किए जाने का निर्णय लिया गया। वर्तमान में यह योजना प्रदेश के नौ विश्वविद्यालयों तथा 60 महाविद्यालयों में संचालित की जा रही है। आम की गुणवत्ता एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए किसानों को पूर्व-कटाई प्रबंधन के तहत आम सुरक्षात्मक बैग तथा कीट मक्खी जाल जैसी सामग्री निःशुल्क उपलब्ध कराए जाने का भी निर्णय लिया गया।
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