विश्व स्ट्रोक दिवस 2025: ब्रेन स्ट्रोक से बचाव के लिए जीवनशैली में बदलाव जरूरी

खबर सार :-
ब्रेन स्ट्रोक एक गंभीर लेकिन रोकथाम योग्य बीमारी है। नियमित योग, पौष्टिक आहार, पर्याप्त नींद और नशे से दूरी बनाकर इस खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। विश्व स्ट्रोक दिवस का उद्देश्य यही है कि लोग अपने मस्तिष्क के स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें और छोटी-छोटी जीवनशैली की आदतों को सुधारकर बड़ी बीमारियों से बचें।

विश्व स्ट्रोक दिवस 2025: ब्रेन स्ट्रोक से बचाव के लिए जीवनशैली में बदलाव जरूरी
खबर विस्तार : -

World Stroke Day 2025: दुनिया भर में आज विश्व स्ट्रोक दिवस मनाया जा रहा है। विश्व स्ट्रोक दिवस 2025 के मौके पर विशेषज्ञ मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं। आधुनिक जीवनशैली, तनाव, असंतुलित खान-पान और शारीरिक निष्क्रियता की वजह से ब्रेन स्ट्रोक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ब्रेन स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह बाधित हो जाता है या मस्तिष्क की नस फट जाती है, जिससे रक्त और ऑक्सीजन की आपूर्ति रुक जाती है।

मेडिकल रिपोर्ट्स के अनुसार, ब्रेन स्ट्रोक के दो प्रमुख प्रकार होते हैं—इस्कीमिक स्ट्रोक और हेमरेजिक स्ट्रोक। इस्कीमिक स्ट्रोक में रक्त प्रवाह रुकता है, जबकि हेमरेजिक स्ट्रोक में मस्तिष्क की नस फट जाती है। इस्कीमिक स्ट्रोक अपेक्षाकृत कम जानलेवा होता है, लेकिन हेमरेजिक स्ट्रोक के मामलों में मृत्यु का खतरा अधिक रहता है।

जीवनशैली में छोटे बदलाव से बड़ी सुरक्षा

ब्रेन स्ट्रोक से बचने के लिए सबसे जरूरी है स्वस्थ जीवनशैली अपनाना। विशेषज्ञों का कहना है कि नियमित व्यायाम, योग और प्राणायाम मस्तिष्क को सक्रिय रखने में मदद करते हैं। भ्रामरी प्राणायाम और अनुलोम-विलोम से मस्तिष्क को ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति मिलती है। कपालभाति और भुजंग आसन रक्त प्रवाह को बेहतर बनाते हैं और मानसिक तनाव को कम करते हैं। ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर आहार जैसे अखरोट का सेवन याददाश्त को मजबूत करता है और स्ट्रोक के खतरे को घटाता है। इसके साथ ही रोजाना कम से कम 7-8 घंटे की नींद लेना बेहद जरूरी है। नींद पूरी होने से शरीर और मस्तिष्क दोनों को रिकवरी का मौका मिलता है।

बुरी आदतों से बनाएं दूरी

डॉक्टरों के अनुसार, धूम्रपान, शराब और अत्यधिक कैफीन सेवन स्ट्रोक के जोखिम को कई गुना बढ़ा देते हैं। ये आदतें रक्तचाप बढ़ाती हैं और मस्तिष्क की नसों पर दबाव डालती हैं। नमक और तले हुए भोजन का अत्यधिक सेवन भी नुकसानदायक होता है। संतुलित आहार और पर्याप्त जल सेवन से शरीर में टॉक्सिन्स का स्तर नियंत्रित रहता है।

प्रारंभिक लक्षणों को नजरअंदाज न करें

ब्रेन स्ट्रोक के शुरुआती संकेतों को पहचानना जरूरी है......

  • चेहरे का एक हिस्सा सुन्न पड़ जाना
  • बोलने में कठिनाई या जुबान लड़खड़ाना
  • हाथ-पैर में कमजोरी या संतुलन बिगड़ना
  • अचानक धुंधला दिखना या चक्कर आना
  • इन लक्षणों के दिखते ही तुरंत चिकित्सकीय सहायता लेना जीवन रक्षक साबित हो सकता है।

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