Natural Remedies: पूजा की सामग्री ही नहीं, सेहत का खजाना भी है कपूर

खबर सार :-
कपूर न केवल पूजा सामग्री है, बल्कि औषधीय दृष्टि से भी अत्यंत लाभकारी है। यह सर्दी-जुकाम, जोड़ों के दर्द, त्वचा रोगों और बालों की समस्याओं में उपयोगी है। इसकी सुगंध मानसिक शांति देती है और मच्छर दूर करती है। आयुर्वेद में इसके कई औषधीय प्रयोग हैं, परंतु अधिक मात्रा में इसका उपयोग हानिकारक हो सकता है। इसका उपयोग सावधानी से करें।

Natural Remedies: पूजा की सामग्री ही नहीं, सेहत का खजाना भी है कपूर
खबर विस्तार : -

Natural Remedies: कपूर एक ऐसा प्राकृतिक तत्व है जो न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि औषधीय और घरेलू उपयोगों में भी बेहद लाभकारी माना जाता है। यह शरीर के दर्द, सर्दी-जुकाम, त्वचा रोगों और श्वसन संबंधी परेशानियों में बेहद उपयोगी है। वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो कपूर एक प्राकृतिक कार्बनिक यौगिक है। यह कपूर वृक्ष की लकड़ी से प्राप्त किया जाता है। सबसे खास बात यह है कि कपूर हवा में रखे रहने पर धीरे-धीरे उड़ जाता है। यह ठोस अवस्था से सीधे गैस में परिवर्तित हो जाता है।

कपूर के औषधीय गुण अत्यंत प्रभावशाली हैं। कपूर का तेल मालिश के लिए उत्तम माना जाता है, क्योंकि यह जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करता है। सर्दी-जुकाम में कपूर को भाप में डालकर लेने से बलगम कम होता है और सांस लेने में राहत मिलती है। इसकी खुशबू बंद नाक को खोलती है और दिमाग को तरोताजा करती है।

कई तरह की बीमारियों में लाभकारी

त्वचा संबंधी समस्याओं जैसे खुजली, फोड़े, फुंसी और दाद में कपूर का लेप लगाने से आराम मिलता है। इसके अलावा, कपूर बालों के लिए भी फायदेमंद है। नारियल तेल में कपूर मिलाकर लगाने से डैंड्रफ कम होता है और बाल झड़ना रुकता है। घरेलू नुस्खों में भी कपूर का उपयोग आम है। सर्दी-जुकाम में सरसों के तेल में कपूर मिलाकर छाती और पीठ पर मालिश करने से काफी राहत मिलती है। सिरदर्द में कपूर और नारियल तेल से हल्की मालिश करने से दर्द शांत होता है।

मच्छरों और कीड़े मकोड़ों को रखता है दूर

खुजली या त्वचा पर जलन हो तो कपूर और नारियल तेल का मिश्रण लगाने से तुरंत ठंडक मिलती है। कपूर जलाने से मच्छर और कीड़े-मकोड़े भी दूर रहते हैं। मानसिक शांति और तनाव मुक्ति के लिए कपूर की सुगंध को श्रेष्ठ माना गया है। यह मन को शांत करती है और गहरी नींद लाने में मदद करती है। आयुर्वेद में कपूर को कई औषधीय उपयोगों का हिस्सा बताया गया है, जैसे कर्पूरादि तेल, हृदयार्णव रस, ज्वरांकुश रस और अर्घ्यवार्धिनी वटी, जो हृदय, पाचन और श्वसन रोगों में उपयोगी हैं। हालांकि कपूर का सेवन बहुत सावधानी से करना चाहिए, क्योंकि अधिक मात्रा में यह विषाक्त हो सकता है। इसे सीधे त्वचा पर अधिक मात्रा में न लगाएं और हमेशा वैद्य की देखरेख में उपयोग करें।

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