सुपरफूड सरसों का तेलः खाने का स्वाद बढ़ाए, दिल और सेहत भी बचाए

खबर सार :-
सरसों का तेल भारतीय रसोई का एक अद्भुत सुपरफूड है, जो न केवल भोजन का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि शरीर के लिए भी कई लाभकारी गुण रखता है। इसका सही उपयोग दिल की सेहत, सूजन और इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मदद करता है।

सुपरफूड सरसों का तेलः खाने का स्वाद बढ़ाए, दिल और सेहत भी बचाए
खबर विस्तार : -

Super Food Mustard Oil: भारतीय रसोई में सरसों का तेल एक अहम स्थान रखता है, हालांकि कई लोग इसे पुराने जमाने का समझ कर नजरअंदाज कर देते हैं। यह न केवल खाने का स्वाद बढ़ाता है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी साबित होता है। आयुर्वेद में इसका विशेष महत्व है और अब वैज्ञानिक रिसर्च भी इसके फायदों को साबित कर रही हैं।

स्वास्थ्य लाभ

हाल की कई रिसर्च से यह साबित हो चुका है कि सरसों का तेल सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है और कई मामलों में यह जैतून के तेल को भी टक्कर दे सकता है। विशेषज्ञ न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करने की सलाह देती हैं। उनका कहना है कि सरसों का तेल दिल की सेहत को सुधारने, एंटीऑक्सीडेंट प्रदान करने और शरीर में सूजन को नियंत्रित करने में मददगार है।

ओमेगा-3 और दिल की सेहत

सरसों के तेल में ओमेगा-3 फैटी एसिड (अल्फा-लिनोलेनिक एसिड) की अच्छी खुराक होती है, जो अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है और सूजन को कम करता है। इससे दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है। इसके अलावा, सरसों के तेल में मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स और पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स का सही अनुपात दिल की सेहत के लिए फायदेमंद है। ये अच्छे फैट्स खराब कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करते हैं और दिल को मजबूत बनाते हैं।

प्राकृतिक एंटीबायोटिक गुण

सरसों के तेल में एलिल आइसोथियोसाइनेट नामक एक खास कंपाउंड पाया जाता है, जो प्राकृतिक रूप से बैक्टीरिया और फंगस से लड़ता है। यह शरीर को डिटॉक्स करता है और मेटाबॉलिक बीमारियों से बचाव करता है। इसका एंटीमाइक्रोबियल गुण इसे और भी प्रभावी बनाता है।

खाना पकाने के लिए परफेक्ट

सरसों का तेल उच्च तापमान पर भी सुरक्षित रहता है, क्योंकि इसका स्मोक पॉइंट लगभग 250 डिग्री सेल्सियस होता है। इस वजह से यह भारतीय तरीके से खाना पकाने के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। चाहे डीप फ्राई करना हो या तड़का लगाना, यह तेल किसी भी स्थिति में हानिकारक ट्रांस फैट्स में नहीं बदलता, जैसा कि अन्य तेलों में हो सकता है।

आसान टिप्स

विशेषज्ञों का सुझाव है कि सरसों के तेल को घी या तिल के तेल के साथ मिलाकर इस्तेमाल करें। इससे स्वाद में संतुलन बना रहता है और खाना बेहतर तरीके से पकता है। सर्दियों में सरसों के तेल में आजवायन मिलाकर इसे गर्म करके शरीर की मालिश करने से एनर्जी मिलती है और दर्द भी खत्म होता है।

 

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