खून में अशुद्धियां कई बीमारियों की वजह, रक्त शुद्धि के लिए करें इन चीजों का सेवन

खबर सार :-
रक्त शुद्धि शरीर को स्वस्थ रखने की मूल प्रक्रिया है। आंवला, नीम, तुलसी, हल्दी, मंजिष्ठा, त्रिफला, गिलोय, गाजर और चुकंदर जैसी प्राकृतिक चीजें शरीर से विषैले तत्व निकालकर खून को शुद्ध करती हैं। इन्हें नियमित आहार में शामिल करने से न केवल रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, बल्कि त्वचा, बाल और पाचन शक्ति भी मजबूत बनती है।

खून में अशुद्धियां कई बीमारियों की वजह, रक्त शुद्धि के लिए करें इन चीजों का सेवन
खबर विस्तार : -

Health Tips: रक्त हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण तत्व है, जो हर अंग तक ऑक्सीजन और पोषण पहुंचाने का काम करता है। लेकिन जब इसमें अशुद्धियां मिल जाती हैं, तो यह शरीर के कई हिस्सों में बीमारी फैलाने का कारण बनता है। आयुर्वेद में इसे ‘रक्तदूषा’ कहा गया है। दूषित रक्त से त्वचा रोग, एलर्जी, थकान, सिरदर्द, पाचन समस्याएं और कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। ऐसे में खून को साफ रखना बेहद जरूरी है। अच्छी बात यह है कि इसके लिए आपको किसी महंगी दवा की नहीं, बल्कि अपनी रसोई में मौजूद प्राकृतिक चीजों की जरूरत होती है।

आंवला: सर्दियों का प्राकृतिक रक्त शोधक

आंवला विटामिन C से भरपूर होता है, जो शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है। इसे सुबह खाली पेट खाने या इसके चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ लेने से खून साफ होता है। इसके अलावा विटामिन सी की खूबियों से भरपूर फलों का सेवन भी लाभकारी होता है। इसका नियमित सेवन करने से त्वचा में निखार और इम्यूनिटी में बढ़ोतरी होती है।

तुलसी और नीम: बैक्टीरिया को करें दूर

तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। तुलसी की चाय या काढ़ा पीने से खून में मौजूद हानिकारक तत्व खत्म होते हैं। वहीं, नीम की पत्तियां भी रक्त शुद्धिकरण में कारगर हैं। सुबह खाली पेट नीम की कुछ पत्तियां चबाने से शरीर से विषैले तत्व बाहर निकलते हैं और त्वचा साफ रहती है।

हल्दी और मंजिष्ठा: प्राकृतिक डिटॉक्सिफायर

हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन तत्व शरीर से विषैले पदार्थों को निकालने में मदद करता है। इसे दूध या भोजन में शामिल करने से खून शुद्ध होता है। मंजिष्ठा एक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसकी जड़ रक्त शोधक मानी जाती है। यह स्किन में चमक लाती है और बालों को स्वस्थ बनाती है।

त्रिफला और चिरायता: आंतों की सफाई से रक्त की सफाई

त्रिफला चूर्ण में आंवला, हरण और बहेड़ा का मिश्रण होता है, जो पाचन को सुधारता है और पेट में मौजूद टॉक्सिन्स को खत्म करता है। इससे साफ रक्त शरीर में संचारित होता है। चिरायता कड़वा जरूर है, लेकिन रक्त शुद्धि के लिए यह बेहद प्रभावी माना जाता है। इसका टॉनिक या चूर्ण बाजार में आसानी से उपलब्ध है।

अन्य उपाय: गिलोय, गाजर और चुकंदर का रस

गिलोय रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ खून को साफ करती है। गाजर और चुकंदर का रस शरीर में आयरन की कमी दूर करता है और रक्त को साफ रखता है। गुड़मार का सेवन भी रक्त शुद्धिकरण में सहायक होता है।

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