साइलेंट किलर है फैटी लिवर, इन आयुर्वेदिक उपायों से मिल सकता है छुटकारा

खबर सार :-
फैटी लिवर एक साइलेंट किलर है, जो धीरे-धीरे लिवर को नुकसान पहुंचाता है। इसके मुख्य कारणों में शराब, तैलीय भोजन, मोटापा और गलत जीवनशैली शामिल हैं। आयुर्वेदिक उपाय जैसे आंवला, हल्दी, त्रिफला, नीम व गिलोय के सेवन से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। योग, व्यायाम और संतुलित आहार अपनाकर लिवर को स्वस्थ रखा जा सकता है।

साइलेंट किलर है फैटी लिवर, इन आयुर्वेदिक उपायों से मिल सकता है छुटकारा
खबर विस्तार : -

Fatty Liver: इंसान आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में अपने खान-पान को लेकर सतर्क नहीं है। उसे पेट की भूख मिटाने के लिए जो कुछ भी मिलता है, उसे खा लेता है। खाने में स्वादिष्ट लगने वाले खाद्य पदार्थ हमारे शरीर के लिए हानिकारक हैं या स्वास्थ्यकर इस बारे में बिल्कुल भी नहीं सोचता है। ऐसे समय में फैटी लिवर एक आम, लेकिन गंभीर समस्या बनती जा रही है। यह बीमारी बिना किसी बड़े लक्षण के धीरे-धीरे बढ़ती है और जब तक इंसान को पता चलता है, तब तक लिवर को काफी नुकसान पहुंच चुका होता है। हालांकि, कुछ घरेलू उपाय और जीवनशैली में बदलाव से इसे रोका जा सकता है।

इंसान के शरीर में सारी बीमारियों की शुरुआत लिवर से ही होती है। यदि आपका लिवर सही तरीके से काम कर रहा है, तो यकीनन आप स्वस्थ हैं, लेकिन यदि लिवर गड़बड़ है, तो आपका स्वास्थ्य सही नहीं है। फैटी लिवर का मतलब है लिवर में जरूरत से ज्यादा चर्बी का जमा हो जाना। जब यह चर्बी लिवर के कुल वजन का 5-10 प्रतिशत तक हो जाती है, तो इसे फैटी लिवर कहा जाता है। आयुर्वेद में इसे यकृत-मेदोरोग कहा गया है, जिसमें लिवर की पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है और वसा का पाचन सही ढंग से नहीं हो पाता।

फैटी लिवर के कारण

फैटी लिवर के कई कारण हो सकते हैं। सबसे बड़ा कारण है अत्यधिक शराब का सेवन, जो सीधे लिवर को नुकसान पहुंचाता है। इसके अलावा मोटापा, तैलीय व फास्ट फूड का अधिक सेवन, डायबिटीज, घंटों बैठे रहना और व्यायाम की कमी, कुछ दवाइयों का अधिक इस्तेमाल, मानसिक तनाव और अनियमित जीवनशैली भी इसके पीछे जिम्मेदार हो सकते हैं।

बीमारी को नियंत्रित करने के घरेलू उपचार

आयुर्वेद के अनुसार, जब शरीर में मेद (वसा) बढ़ती है और अग्नि कमजोर हो जाती है, तब लिवर की कोशिकाएं फैट को नहीं तोड़ पातीं और फैटी लिवर हो जाता है। इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए कुछ घरेलू उपाय काफी कारगर हो सकते हैं, जैसे रोज सुबह आंवला जूस पीना, जो लिवर को डिटॉक्स करता है। हल्दी वाला दूध लिवर की सूजन कम करता है। त्रिफला चूर्ण कब्ज दूर करता है और लिवर को साफ करता है। नीम और गिलोय शरीर से विषैले तत्व निकालते हैं। पपीता और लहसुन लिवर पर बोझ कम करते हैं और चर्बी घटाते हैं। इसके साथ ही जीवनशैली में सुधार जरूरी है। रोज कम से कम 30 मिनट पैदल चलें, योग और प्राणायाम करें, शराब और धूम्रपान से दूर रहें। तैलीय और पैकेज्ड फूड से परहेज करें। भोजन में हरी सब्जियां, मौसमी फल, साबुत अनाज, दालें और पर्याप्त पानी शामिल करें। मीठे पेय पदार्थों से बचें।

 

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