Dhanurasana: गर्दन से पीठ तक के दर्द को दूर करने में मददगार ‘धनुरासन’, जानें कैसे करें अभ्यास

खबर सार :-
हमारे बड़े बुजुर्गों ने योग को अपने जीवन में अपनाकर अपनी काया को निरोगी बनाया औऱ 100 साल या उससे भी अधिक समय तक सुखमय जीवन जीते रहे। आज हमारी अनियमित दिनचर्या और जीवन शैली ने हमें अनेकों शारीरिक कष्ट दिए हैं। इन्हीं में से एक है गर्दन और पीठ से हिस्से में दर्द की समस्या। हम आपको बताएंगे, योग के माध्यम से इस समस्या से छुटकारा पाने का तरीका.........

Dhanurasana: गर्दन से पीठ तक के दर्द को दूर करने में मददगार ‘धनुरासन’, जानें कैसे करें अभ्यास
खबर विस्तार : -

नई दिल्ली: शरीर के विभिन्न हिस्सों में दर्द से राहत पाने के लिए योग एक प्रभावी उपाय है। अगर आप पीठ, कमर या गर्दन के दर्द से परेशान हैं तो ‘धनुरासन’ आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, धनुरासन एक शक्तिशाली योग आसन है, जो न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ाता है, बल्कि गर्दन और पीठ के दर्द को भी दूर करने में मदद करता है।

धनुरासन का महत्व और फायदे

धनुरासन का नाम संस्कृत शब्द ‘धनुर’ यानी ‘धनुष’ से लिया गया है, क्योंकि इस आसन को करते समय शरीर धनुष के आकार में झुकता है। यह आसन कोर मांसपेशियों को मजबूत करने, शरीर में लचीलापन बढ़ाने और समग्र स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए जाना जाता है।

आयुष मंत्रालय के अनुसार, धनुरासन पाचन तंत्र को मजबूत करता है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। इसके अलावा, यह अधिवृक्क और थायरॉइड ग्रंथियों के कार्य को बेहतर बनाता है, जिससे शरीर में हार्मोनल संतुलन बनता है। इस आसन का अभ्यास शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ाता है, तनाव और थकान को कम करता है, और तंत्रिका तंत्र को शांत करता है, जिससे मानसिक शांति मिलती है।

धनुरासन करने की विधि

  • सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं, पैरों को एक साथ रखें और हाथों को शरीर के बगल में रखें।
  • सांस छोड़ते हुए घुटनों को मोड़ें और एड़ियों को हाथों से पकड़ें।
  • अब सांस लेते हुए जांघों, सिर और छाती को ऊपर उठाने की कोशिश करें, ध्यान रखें कि पेट का निचला हिस्सा स्थिर रहे।
  • इस स्थिति को 10-20 सेकंड तक बनाए रखें और फिर धीरे-धीरे प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाएं।
  • अभ्यास के अंत में मकरासन (मगरमच्छ मुद्रा) में विश्राम करें।

धनुरासन के लाभ

धनुरासन रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है और शरीर के ऊपरी हिस्से जैसे गर्दन, कंधे और पीठ के दर्द को कम करता है। यह मांसपेशियों को खींचकर तनाव को दूर करता है और मानसिक संतुलन को भी बढ़ाता है। हालांकि, इस आसन को करते समय ध्यान रखें कि अगर आपको रीढ़ या पेट से संबंधित कोई समस्या हो, तो योग प्रशिक्षक से पहले सलाह लेनी चाहिए।

 

 

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