Be Alert: अस्थमा के मरीजों के लिए जानलेवा हो सकता है मानसून, संक्रमण से बचने के लिए बरतें ये सावधानियां

खबर सार :-
बदलते मानसून में कई प्रकार की बीमारियों और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए जिन लोगों को श्वांस से संबंधित बीमारी है, उन्हें संक्रमण से बचाव के लिए कुछ जरूरी उपायों को अवश्य करना चाहिए। तो आइए हम आपको बतातें हैं, संक्रमण के दौरान किन-किन बातों का खास ध्यान रखें।

Be Alert: अस्थमा के मरीजों के लिए जानलेवा हो सकता है मानसून, संक्रमण से बचने के लिए बरतें ये सावधानियां
खबर विस्तार : -

नई दिल्ली: मानसून का मौसम जहां एक तरफ गर्मी से राहत दिलाता है, वहीं दूसरी तरफ यह कई बीमारियों का कारण भी बन सकता है। हवा में नमी बढ़ने से संक्रमण और एलर्जी फैलने का खतरा बढ़ जाता है। यह मौसम अस्थमा के मरीजों के लिए कई तरह की परेशानियां लेकर आता है। यह जानलेवा भी हो सकता है। इस मौसम में सांस फूलना, खांसी, सीने में जकड़न, ये सभी परेशानियां अचानक बढ़ जाती हैं। ऐसे में अस्थमा के मरीजों को मानसून के मौसम में खास सावधानियां बरतनी चाहिए।

सामान्य दिनों की तुलना में मानसून सीजन में अधिक समस्याएं

यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, दुनियाभर के सैकड़ों अध्ययनों को मिलाकर इस पर एक शोध किया गया, जिसमें पाया गया कि सामान्य दिनों की तुलना में मानसून में अस्थमा से जुड़ी समस्याएं 1.18 गुना ज्यादा बढ़ जाती हैं। खासकर बच्चे और महिलाएं इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है और वे अक्सर बाहर खेलते रहते हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। वहीं महिलाओं को घर के काम-काज जैसे- कपड़े सुखाने, झाड़ू-पोछा लगाने, नियमित सफाई आदि के कारण ज्यादा खतरा रहता है, क्योंकि फफूंद और नमी के संपर्क में आने की संभावना ज्यादा रहती है। शोध में बच्चों में यह खतरा 1.19 गुना और महिलाओं में 1.29 गुना अधिक पाया गया। इसके अलावा जब तेज आंधी और बारिश होती है तो अस्थमा की समस्या 1.24 गुना बढ़ जाती है।

लापरवाही हो सकती है जानलेवा

शोध में पता चला है कि ऐसी स्थितियों में अस्थमा के मरीजों को अस्पताल जाना पड़ता है। आपातकालीन विभाग में भर्ती होने का जोखिम 1.25 गुना बढ़ जाता है और इससे मौत का जोखिम 2.10 गुना बढ़ जाता है। यानी मानसून में लापरवाही अस्थमा के मरीजों के लिए जानलेवा भी हो सकती है। बारिश में फफूंद, धूल, पराग और वायरल संक्रमण जैसी वजहों से मरीजों की हालत और खराब हो सकती है। ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि कुछ आसान उपायों को अपनाकर अस्थमा के लक्षणों को काफी हद तक नियंत्रित किया जाए। इसके लिए अस्थमा के मरीजों को मानसून के मौसम में कुछ बातों पर ध्यान देने की जरूरत है। इस मौसम में घर में नमी और फंगस होना आम बात है, जो अस्थमा को और बढ़ा सकता है। इसलिए कोशिश करें कि घर को साफ और सूखा रखें। साथ ही हवा का प्रवाह भी होना चाहिए ताकि फंगस न बने। फर्नीचर और दीवारों पर नमी न जमने दें।

हमेशा अपने साथ इनहेलर या डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाइयां रखें, खासकर तब जब आप बाहर जा रहे हों। बहुत जरूरी काम से ही बाहर जाएं, इस दौरान मास्क पहनना न भूलें। मास्क आपको कई तरह के संक्रमण से सुरक्षित रखेगा। इसके अलावा बारिश के मौसम में अपने खान-पान का खास ख्याल रखें। तला-भुना, ठंडा या बासी खाना खाने से बचें। सबसे जरूरी बात यह है कि समय-समय पर डॉक्टर से अपनी जांच कराते रहें ताकि किसी भी खतरे को पहले ही टाला जा सके।

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