हरि मंगल
रविवार 4 मई को दिल्ली के एक कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जब स्रोताओं को सम्बोधित करते हुए कहा था कि ‘प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आप जैसा चाहते हैं, वैसा होकर रहेगा’ तो सभा स्थल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा था लेकिन उस समय किसी को यह तनिक भी आभास नहीं था कि लोगों की आकांक्षाएं अगले कुछ ही घंटों में ही पूरी होने वाली हैं। मंगलवार और बुधवार की रात भारतीय सेना ने मिसाइलों से पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर लक्षित हमले किए और आंतकी ठिकानों को तबाह किया।
इस हमले को लेकर जहां पूरे देश में जश्न का माहौल है, वहीं सत्ताधारी दल के साथ-साथ हर विपक्षी दल सेना की इस कार्यवाही को सलाम कर रहा है। हर कोई यह मान रहा है कि भविष्य में आतंकी हमलों को रोकने के लिए यही विकल्प था। इसी हमले से आतंकवादियों को भी सबक मिल गया कि भारत आतंकी घटनाओं पर चुप नहीं बैठेगा। पाकिस्तान को भी यह सीख मिल गई कि आतंकवाद के मामले में भारत के विरोध में कोई देश खुलकर सामने जल्दी नहीं आएगा। पहलगाम हमले के बाद प्रधानमंत्री ने बड़ी दृढता के साथ कहा था कि हम गुनहगारों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाएंगे। इसी के बाद सेनाओं को खुली छूट देने की बात भी सामने आई थी। तभी से देशवासियों की अपेक्षाएं बहुत बढ़ गई थी। जनता ने मान लिया था कि फिर कुछ ऐतिहासिक होगा और जो कुछ हुआ, वह जनअपेक्षाओं के अनुरुप है, देश के आत्म गौरव के अनुकूल है। सबसे उल्लेखनीय तथ्य तो यह है कि एक बार फिर उस जुमले पर अमिट मुहर लग गई कि ''मोदी हैं तो मुमकिन है''।
भारत की इस कार्यवाही को लेकर पाक और उसके समर्थक कुछ देश अनर्गल प्रलाप और भड़काऊ बयान देकर भारत के मुसलमानों को बरगलाने की कोशिश करेंगे लेकिन आज देश की एकजुटता के कारण उसका कोई असर नहीं पड़ने वाला है। आज सभी राजनैतिक दल भारतीय सेना की इस कार्यवाही की प्रशंसा कर ऐतिहासिक और सबक सिखाने की कार्यवाही बता रहे हैं। भारत की इस कार्यवाही को इजरायल जैसा देश भी खुला समर्थन कर रहा हैं। उसने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत को आत्मरक्षा का अधिकार है और वह यही कर रहा है। पिछले एक लम्बे अर्से से भारत आतंकवाद से जूझ रहा है। आतंक में लिप्त आतंकियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए वह वैश्विक स्तर पर प्रयास कर रहा है लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी भारत में आतंकवादी घटनायें नहीं रुक पा रही है। उनको सजा देने के लिए बनाए गए कानून लचर साबित हो रहे हैं तो उनको पनाह देने वाला पाकिस्तान पाक साफ होने का दावा करता रहता है। इस कार्यवाही के बाद अब आवाज उठने लगी है कि आंतकवाद का मुकाबला करने के लिए अब एकमात्र विकल्प इस प्रकार की सैन्य कार्यवाही है। लोग इजरायल जैसे देश का उदाहरण भी देने लगे हैं, जो आंतकवाद से निपटने के लिए इस प्रकार की कार्यवाही पहले से करता आ रहा है।
अन्य प्रमुख खबरें
किस्सा जंगलराज काः उन्मादी भीड़ ने डीएम को ईंट-पत्थरों से कुचला, माफिया ने सिर में मारी गोली
आसान नहीं है आजम खां की सियासत की राह
एशिया कपः ट्राफी नहीं चैंपियंनस के साथ लौटेगी टीम इंडिया
आख़िरकार जेन-ज़ी को भड़काने में सफल रहे अलगाववादी, लेह-लद्दाख की घटना से सबक ले सरकार
अफवाह से आफत: कब बेनकाब होंगे साजिशकर्ता
आखिर कौन कर रहा है सांप्रदायिक तनाव भड़काने की साजिश ?
राहुल गांधी की Gen Z से संविधान बचाने की अपील: क्या पड़ेगा असर ?
Bihar Assembly Elections: मूलभूत मुद्दों के बजाय जातीय समीकरण पर जोर
Happy Birthday PM Modi@75: भारतीय राजनीति के शिखर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
मणिपुर में विकास और शांति की एक नई भोर
Bihar Assembly Elections 2025 : बहेगी जीएसटी सुधार की बयार
देश में अपसंस्कृति के संवाहक बनते राहुल गांधी
भारत में स्वदेशी चिप क्रांति का बिगुल
भारत का सेमीकंडक्टर उद्योग: विश्व गुरू बनने की दिशा में एक और कदम
शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मलेन में भी बजा भारत का डंका