ऑपरेशन सिंदूर में ‘मेक इन इंडिया’ हथियारों ने दिखाया दम

खबर सार : -
वर्ष 2014 में जब प्रधानमंत्री मोदी ने मेक इन इंडिया का कांस्पेप्ट रखा, तो ज्यादातर लोग उसकी सफलता से आशान्वित नहीं थे। जिन 25 विषयों का चयन किया गया था, उसमें रक्षा सामग्रियों का निर्माण भी शामिल था। राहुल गांधी ने तो कुछ दिन बाद ही इसे फ्लाप कार्यक्रम बताकर प्रधानमंत्री का उपहास उड़ाने की कोशिश भी की थी, लेकिन अब जब ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की परतें खुल रही है तो पता चल रहा है कि यह तो मेक इन इंडिया का ही कमाल है।

खबर विस्तार : -

हरि मंगल

भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर लागू हुए 48 घंटे से अधिक का समय व्यतीत हो चुका है। इस बीच भारतीय सेना और सरकार की ओर से ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और सीजफायर की आवश्यकता से देशवासियों को अवगत कराने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। भारत की ओर से आतंकी अड्डोंं के साथ ही पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर किए गए हमले और पहुंचाए गए नुकसान का भी लेखा-जोखा किसी न किसी रुप में सामने आने लगा है। पाकिस्तान स्थित सैन्य ठिकानों, रक्षा प्रणाली, राडार, आयुद्ध भंडारों पर किन हथियारों से हमले किए गए थे, पाकिस्तानी हमले को भारत ने किन रक्षा प्रणालियों से निष्फल किया है, इसका एक-एक विवरण सामने आ रहा है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि ऑपरेशन सिंदूर में प्रधानमंत्री मोदी के ’’मेक इन इंडिया’’ कार्यक्रम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसे राहुल गांधी बार-बार असफल कार्यक्रम के रुप में प्रचारित करते रहे हैं।

ऑपरेशन सिंदूर में मेक इन इंडिया का जलवा

पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिये भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर चलाया गया, जो फिलहाल अस्थाई रुप से स्थगित है। इस ऑपरेशन ने पाकिस्तान और पीओके स्थित न केवल आतंकी ठिकानों, बल्कि बड़ी संख्या में आतंकवादियों का भी सफाया किया। आतंकवादियों के विरुद्ध भारतीय कार्यवाही के जबाब में उनको आश्रय देने वाला पाकिस्तान भी ढाल बन कर सामने आया और सैन्य हथियारों से भारतीय सीमा के विभिन्न शहरों में स्थित सामरिक ठिकानों पर मिसाइल, ड्रोन और युद्धक विमानों के सहारे आक्रमण प्रारम्भ कर दिया, जिसे भारतीय सेना ने बहुत ही सहजता से विफल कर दिया। भारत की इन दोनों प्रकार की कार्यवाहियों में मेक इन इंडिया के तहत देश में निर्मित रक्षा उपकरण और रक्षा प्रणाली बहुत कारगर साबित हुई है। भारत में निर्मित ब्रम्होस, आकाश, एंटी ड्रोन सिस्टम, आत्मघाती ड्रोन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह पहली बार हुआ है कि भारत ने स्वदेश में निर्मित सैन्य उपकरणों के सहारे दुश्मन को घुटने टेकने पर मजबूर किया है। दरअसल, स्वदेश में निर्मित होने के कारण पाक को इन सैन्य उपकरणों की तकनीक और क्षमता का अनुमान ही नहीं था। यद्यपि पाक को हमले का माकूल जवाब देने में विदेश से क्रय राफेल, एस-400 एंटी ड्रोन सिस्टम आदि ने भी भूमिका निभाई।

आकाश मिसाइल

भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा  विकसित आकाश मिसाइल सतह से हवा में मार करने वाली मध्यम दूरी की मिसाइल है। यह 25 से 30 किमी दूरी व 18 हजार मीटर ऊंचाई पर स्थित अपने टारगेट को नष्ट कर सकती है। इसकी गति 2,500 किमी प्रति घंटा है। विश्वसनीयता और सटीकता के कारण इसका उपयोग वायु सेना के साथ-साथ थल सेना में किया जाता है। भारत द्वारा पहली बार इसका उपयोग ऑपरेशन सिंदूर में किया गया।

ब्रम्होस मिसाइल

भारत सरकार के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन और रुस की सरकारी कम्पनी द्वारा संयुक्त रुप से विकसित ब्रम्होस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। ब्रम्होस के बारे में कहा जाता है कि फिलहाल यह विश्व की सबसे तीव्रगामी मिसाइल है। आज भारतीय सेना और वायु सेना इसका उपयोग कर रही है। इसकी स्पीड 3,700 से 4,000 किमी प्रतिघंटा है। पाकिस्तानी एयरबेस पर सटीक हमले के लिए सेना द्वारा इसका प्रयोग किया गया।

कामिकेज ड्रोन

भारत की नेशनल एयरोस्पेस लेबोरेटरीज द्वारा निर्मित यह ड्रोन बहुत ही शक्तिशाली है। यह 1,000 किमी तक उड़ान भर कर अपने लक्ष्य को नष्ट कर सकता है। यह मानव रहित ड्रोन है, जो टारगट पर जाकर नष्ट हो जाता है इसीलिए इसे आत्मघाती ड्रोन भी कहा जाता है। यह लम्बे समय तक टारगेट के क्षेत्र में उड़ सकता है और दूर बैठा व्यक्ति इसे ऑपरेट कर सकता है। सबसे बड़ी बात यह है कि यह भी दुश्मन के राडार और एंटी ड्रोन सिस्टम की पकड़ में नहीं आता है। भारत ने इस बार विदेशी सैन्य हथियारों के साथ साथ अपने स्वदेशी निर्मित हथियारों पर ज्यादा भरोसा जताया। उसके दो कारण थे- एक तो अपने हथियारों पर भरोसा और दूसरे उसके सफल संचालन में सेना की निपुणता। यद्यपि विदेशों से क्रय विमानों, मिसाइल, ड्रोन और एंटी ड्रोन सिस्टम को भी ऑपरेट करने के लिए सेना को विधिवत प्रशिक्षित किया गया था। तुर्किये के जिस ड्रोन पर पाक को ज्यादा भरोसा था, वह भी साथ नहीं दे सका। 

पाकिस्तान की विदेशी निर्भरता

ऑपरेशन सिंदूर में तबाह होने वाला पाक सैन्य कार्यवाही के लिए विदेशों से विशेष कर चीन और तुर्किये से खरीदे गये सैन्य हथियारो पर निर्भर था। विदेशों से क्रय किए गए अधिकांश हथियारों, रक्षा प्रणालियों के बारे में पाक सैनिकों को बहुत पता नहीं था। कहा तो यहां तक जा रहा है कि पाकिस्तान के पास इनको चलाने के लिए कुशल और प्रशिक्षित सैन्यकर्मी भी नहीं थे। इस कारण पाकिस्तान खुद को अपनी तबाही से नहीं बचा सका।

क्या है मेक इन इंडिया कार्यक्रम

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रमुखता से शुरु किया गया मेक इन इंडिया कार्यक्रम मुख्य रुप से निर्माण के क्षेत्र पर केन्द्रित एक कार्यक्रम है। यह एक बहुउद्देशीय कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य देश में उद्यमशीलता को बढ़ावा देना और विदेशी निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाना शामिल है। प्रारम्भिक दौर में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा 25 क्षेत्रों का चयन करके लगभग 300 विदेशी कंम्पनियों को जोड़ने की योजना बनी थी। जिन क्षेत्रों का चयन किया गया, उसमें रक्षा सामग्रियों का निर्माण भी शामिल है। रक्षा निर्माण को बढ़ावा देने के लिए भारत में स्वदेशी रक्षा उत्पादों के विनिर्माण को प्रोत्साहित किया जा रहा है। रक्षा सामग्रियों के निर्माण के क्षेत्र में सार्वजनिक और निजी दोनों ही प्रकार के क्षेत्र शामिल है। सरकार द्वारा वित्त पोषित परियोजनाएं श्रेणी-1 में और उद्योग द्वारा वित्त पोषित श्रेणी-2 में आती हैं। 
 

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