मुंबईः दुनिया भर में वर्ष 2020 के दौरान कोविड-19 के संक्रमण से होने वाली मौतों को लोग अभी तक भूल नहीं पाए हैं। उस दौर को याद करके आज भी रोगटे खड़े हो जाते हैं। ऐसी आपदा से हर कोई बचने की प्रार्थना करता है, लेकिन प्रकृति हमेशा इंसान के सामने चुनौतियां पेश करती ही रहती है। करीब पांच साल बाद कोविड एक बार फिर से महाराष्ट्र में तेजी से अपने पांव पसार रहा है। मुंबई में कोविड के कुल सक्रिय मरीजों की संख्या 15 के पार पहुंच गई है। मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी कर दी है। प्रदेश की जनता से अपील की है कि वो किसी भी स्थिति में घबराएं नहीं। स्वास्थ्य विभाग हर संभव प्रयास कर रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक महाराष्ट्र में कोविड के लिए आईएलआई (इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी) और एसएआरआई (गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण) को लेकर व्यापक स्तर पर सर्वे चल रहा है। इस टेस्ट में जो लोग भी संक्रमित पाए गए हैं, उनका उपचार किया जा रहा है। फिलहाल, कोविड से जुड़े जो भी मामले सामने आ रहे हैं, वो ज्यादा भयावह नहीं हैं। अब तक जितने भी मरीज सामने आए हैं, उनमें लक्षण बेहद सामान्य या हल्के पाए गए हैं। इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने जनता से अपील की है कि वो डरे नहीं, घबराएं नहीं। किसी भी तरह के लक्षण दिखें तो तुरंत पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट के माध्यम से कोविड का परीक्षण कराएं। अस्पतालों में उपचार की सुविधा उपलब्ध है।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, जनवरी से अब तक कोरोना वायरस के लिए 6,066 स्वैब नमूनों की जांच की गई है। जांच रिपोर्ट में 106 मरीजों के नतीजे पॉजिटिव आए हैं। इनमें मुंबई से 101, पुणे और ठाणे से एक-एक मरीज और कोल्हापुर के तीन मरीज शामिल थे। विभागीय आंकड़ों के अनुसार मुंबई में कुल सक्रिय मरीजों की संख्या 101 तक पहुंच गई है। राज्य में कोविड के हल्के लक्षणों वाले 52 मरीजों का उपचार चल रहा है, जबकि 16 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। इस साल जनवरी से अब तक कुल दो लोगों की कोविड-19 से मौत हो चुकी है। ये दोनों ही को-मॉर्बिड केस थे, जिनमें से एक मरीज को हाइपोकैल्सीमिया दौरे के साथ नेफ्रोटिक सिंड्रोम था और दूसरे मरीज को कैंसर की समस्या थी।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अस्पतालों में सभी प्रकार के दिशा-निर्देशों का पूर्णत: पालन किया जा रहा है। जो भी मरीज संक्रमित पाए जा रहे हैं, उनको बेहतर इलाज देने और स्वास्थ्य में सुधार होने पर सात दिनों के बाद छुट्टी दे दी जाती है। बता दें, महाराष्ट्र में कोविड जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट बी. जे. मेडिकल कॉलेज पुणे और एनआईवी पुणे में किया जाता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों पर गौर करें, तो भारत में 11 सितम्बर 2020 तक कोविड के कुल 45 लाख 62 हज़ार 414 मामलों की पुष्टि हुई थी। संक्रण की वजह से 76,271 लोगों की मौत हुई थी। इस दौरान मृत्यु दर 1.67 प्रतिशत तक पहुंच गया था। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि कोविड संक्रमण होने के बाद बेहतर इलाज के कारण 35 लाख 42 हज़ार 663 (77.65 प्रतिशत) मरीज स्वस्थ हो गये थे। संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले और मौतें मुख्य रूप से महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, बिहार, तेलंगाना, ओडिशा, असम, केरल और गुजरात में सामने आए थे। इन सभी राज्यों में एक लाख से अधिक मामले सामने आए थे। कोविड-19 के प्रबंधन में सरकार और सामाजिक सहयोग का मिला-जुला असर देखने को मिला था, जिसकी वजह से संक्रमण के मामलों को कम करने और इससे होने वाली मौतों की संख्या को सीमित करने में सफलता मिली थी। भारत में प्रति 10 लाख की आबादी पर 3 हज़ार 328 मामले सामने आये थे। वहीं, दूसरी तरफ प्रति 10 लाख की आबादी पर 55 मौते हुई थीं, जो कि दुनिया में कोविड संक्रण से प्रभावित अन्य देशों की तुलना में सबसे न्यूनतम थी।
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