Morgan Stanley Report: 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा भारत

खबर सार :-
भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर मॉर्गन स्टेनली ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसके अनुसार वर्ष 2028 तक भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी। इसके साथ ही दुनिया की कुल जीडीपी वृद्धि में भारत की हिस्सेदारी का प्रतिशत 20 तक पहुंच जाएगा। इस उपलब्धि को हासिल करने में देश के पांच राज्य अहम भूमिका निभाएंगे, तो आइए जानते हैं, वो पांच राज्य कौन से हैं...

Morgan Stanley Report: 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा भारत
खबर विस्तार : -

नई दिल्लीः भारतीय अर्थव्यवस्था पूरी दुनिया में सबसे तेजी के साथ आगे बढ़ रही है। भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। अब उसका लक्ष्य दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का है। इस बीच दिग्गज इन्वेस्टमेंट कंपनी मॉर्गन स्टेनली ने बुधवार को एक रिपोर्ट प्रस्तुत की है, जिसमें भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर बड़ा अनुमान व्यक्त किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार 2028 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। यही नहीं, 2035 तक भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 10.6 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है।

पांच राज्य निभाएंगे अहम भूमिका

मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट में भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर जो अनुमान लगाया गया है, वह इस संभावना पर आधारित है कि वर्ष 2030 और 2035 के बीच तीन से पांच राज्यों खासकर महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक की अर्थव्यवस्था लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी। ये आंकड़ा शीर्ष 20 वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में रैंकिंग में अच्छा सुधार दिखाने वाले राज्यों की लिस्ट में छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश का नाम शामिल हैं।

दुनिया की कुल जीडीपी वृद्धि में भारत की हिस्सेदारी होगी 20 प्रतिशत

मॉर्गन स्टेनली के मुताबिक, भारतीय अर्थव्यवस्था वर्तमान में काफी मजबूत स्थिति में है। आंकड़ों पर गौर करें, तो दुनिया की कुल जीडीपी वृद्धि में भारत की हिस्सेदारी आने वाले दशक में करीब 20 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी। इसमें कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों की आय में जोरदार वृद्धि होगी, जो देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव लाने में अहम भूमिका निभाएगी। इससे भारतीय बाजार प्रभावित होगा। इस परिणाम को सुनिश्चित करने में भारत के 28 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है।

राज्य न केवल राजकोषीय प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, बल्कि उपयुक्त नीतियां बनाकर और प्रोत्साहन देकर व्यावसायिक परिस्थितियों को आसान बनाते हैं। साथ ही, निवेश के लिए प्रतिस्पर्धा भी करते हैं। उनके पास अलग-अलग जनादेशों वाले स्वतंत्र राजनीतिक चक्र होते हैं, जो विकास को सकारात्मक या नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। उन्हें उत्पादन के कारकों को नियंत्रित करने के लिए कानून द्वारा सशक्त बनाया जाता है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारत के प्रतिस्पर्धी संघवाद की सफलता यह तय करने में मदद करेगी कि क्या वह दुनिया के लिए एक कारखाना बनेगा, आने वाले सात वर्षों में अपनी प्रति व्यक्ति आय को दोगुना करेगा और क्या शेयर बाजार अपना मजबूत प्रदर्शन जारी रखेगा।

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