Indian Stock Market: सेंसेक्स 539 अंक उछला, बैंकिंग और ऑटो सेक्टर में जबरदस्त खरीदारी

खबर सार :-
भारतीय शेयर बाजार के लिए बुधवार का दिन बहुत ही अच्छा साबित हुआ। आज सेंसेक्स में 539 अंकों का उछाल आया, जिसकी वजह से सेंसेक्स 82,726.64 अंकों पर और निफ्टी 158.95 अंक की बढ़त के साथ 25,219.90 पर बंद हुआ है। घरेलू शेयर बाजार में आने वाले दिनों में भी बढ़त जारी रहने के संकेत हैं।

Indian Stock Market: सेंसेक्स 539 अंक उछला, बैंकिंग और ऑटो सेक्टर में जबरदस्त खरीदारी
खबर विस्तार : -

मुंबई: भारतीय शेयर बाजार ने बुधवार को जबरदस्त मजबूती के साथ कारोबारी सत्र का समापन किया। वैश्विक सकारात्मक संकेतों और मजबूत बैंकिंग नतीजों के दम पर सेंसेक्स 539.83 अंकों के उछाल के साथ 82,726.64 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 158.95 अंक की बढ़त के साथ 25,219.90 के नए स्तर पर बंद हुआ है।

जानें किस सेक्टर में कैसी थी शेयरों की स्थिति 

घरेलू शेयर बाजार में बुधवार को चौतरफा खरीदारी रही, लेकिन बैंकिंग, ऑटो, और फार्मा सेक्टर्स ने बढ़त की अगुवाई की। निफ्टी बैंक इंडेक्स 0.80 प्रतिशत की मजबूती के साथ बंद हुआ, जो सूचकांक की समग्र तेजी से अधिक रहा। मिडकैप शेयरों में निवेशकों का रुझान दिखा, जिससे निफ्टी मिडकैप 100 में 0.34 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। हालांकि, स्मॉलकैप इंडेक्स सपाट बंद हुआ।

टॉप गेनर्स और लूजर्स में शामिल कंपनियां

भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव का असर कुछ कंपनियों के लिए फायदे का सौदा साबित हो रहा है, तो कुछ के लिए घाटे का कारण बन रहा है। इसी कड़ी में सेंसेक्स की बात करें, तो सेंसेक्स में टाटा मोटर्स, बजाज फाइनेंस, भारती एयरटेल, मारुति सुजुकी, HDFC बैंक और Zomato (इटरनल) ने शानदार प्रदर्शन किया। वहीं, HUL, ITC, टेक महिंद्रा और टाइटन जैसे दिग्गजों में बिकवाली देखी गई। 

विश्लेषकों की राय में शेयर बाजार

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च प्रमुख विनोद नायर के अनुसार, अमेरिकी और जापानी बाजारों के बीच व्यापार समझौते और भारत-ब्रिटेन FTA की प्रगति ने बाजार में सकारात्मक भावना को बढ़ाया। उन्होंने कहा कि भले ही वैल्यूएशन ऊँचे हैं, लेकिन मुनाफे की उम्मीदें बाजार को सपोर्ट कर रही हैं। विश्लेषकों का मानना है कि यदि वैश्विक व्यापार तनाव में कमी आती है और कॉर्पोरेट आय में सुधार जारी रहता है, तो बाजार में मजबूती बनी रह सकती है। हालांकि, सतर्कता जरूरी है क्योंकि ऊँचे मूल्यांकन और वैश्विक अस्थिरता अभी भी प्रमुख जोखिम हैं।

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