Indian Stock Market: घरेलू बाजार में सपाट कारोबार, मिडकैप और स्मॉलकैप में बिकवाली का जोर

खबर सार :-
भारतीय शेयर बाजार में कई दिनों से सपाट कारोबार हो रहा है। यहां मिडकैप और स्मॉल कैप में बिकवाली का जोर बना हुआ है। घरेलू शेयर बाजार के आंकड़ों पर गौर करें, तो मंगलवार को सेंसेक्स 82,186.81 और निफ्टी 25,060.90 पर बंद हुआ है।

Indian Stock Market: घरेलू बाजार में सपाट कारोबार, मिडकैप और स्मॉलकैप में बिकवाली का जोर
खबर विस्तार : -

मुंबईः भारतीय शेयर बाजार के लिए मंगलवार का कारोबारी सत्र उतार-चढ़ाव भरा रहा है। घरेलू शेयर बाजार में लार्जकैप सपाट स्थिति में थे, जबकि मिडकैप और स्मॉलकैप में बिकवाली का जोर दिखा। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 13.53 अंक गिरकर 82,186.81 और निफ्टी 29.90 अंक की कमजोरी के साथ 25,060.90 पर बंद हुए हैं। यहां मिडकैप और स्मॉलकैप में बड़ी बिकवाली हुई। इस कारण निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 364.95 अंक की बिकवाली के साथ 59,103.40 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 64.95 अंक की कमजोरी के साथ 18,893.35 पर बंद हुआ है।

फाइनेंशियल सर्विसेज और कंजप्शन इंडेक्स ने हरे निशान में किया कारोबार

भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत मंगलवार को तेजी के साथ हुई थी। यहां सुबह 9:23 बजे, सेंसेक्स 152 अंक की तेजी के साथ 82,359 पर और निफ्टी 38 अंक बढ़कर 25,129 पर कारोबार कर रहा था। घरेलू शेयर बाजार में सेक्टोरल आधार पर ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक, प्राइवेट बैंक, फार्मा, एफएमसीजी, मेटल, रियल्टी, मीडिया, एनर्जी और इन्फ्रा इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए हैं। फाइनेंशियल सर्विसेज और कंजप्शन इंडेक्स ने हरे निशान में कारोबार का अंत किया है। सेंसेक्स पैक में इटरनल (जोमैटो), टाइटन, बीईएल, मारुति सुजुकी, एचयूएल, आईसीआईसीआई बैंक, एमएंडएम, बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी बैंक, पावर ग्रिड, टेक महिंद्रा और टीसीएस टॉप गेनर्स में शामिल थे। टाटा मोटर्स, एसबीआई, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एलएंडटी, आईटीसी और अल्ट्राटेक सीमेंट टॉप लूजर्स बने हुए थे।

तिमाही आय पर बाजार का ध्यान

बाजार विश्लेषक विनोद नायर के अनुसार बाजार में निवेशकों का पूरा ध्यान तिमाही की आय पर आधारित है, जो बैंकिंग शेयरों में कुछ तेजी के बाद काफी सुस्त हो गई है। वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही की आय में वृद्धि मौजूदा प्रीमियम मूल्यांकन को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण बिंदु होगी। यह भी कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशकों यानी एफआईआई की ओर से लगातार मुनाफावसूली से दबाव बढ़ रहा है, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों यानी डीआईआई से लगातार निवेशक सीमित दायरे में कारोबार को सहारा देने में जुटे हैं।

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