नई दिल्लीः वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के दौरान भारत के इलेक्ट्रॉनिक निर्यात में 47 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि हुई है। यह आंकड़ा बढ़कर 12.41 अरब डॉलर हो गया है। इस दौरान रेडीमेड गारमेंट्स के निर्यात में भी करीब 9 प्रतिशत का उछाल आया है। वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में भारतीय इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के निर्यात में अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और चीन ही हिस्सेदारी सबसे अधिक रही है। इलेक्ट्रॉनिक निर्यात में हिस्सेदारी के अनुसार अमेरिका (60.17 प्रतिशत) प्रथम, यूएई (8.09 प्रतिशत) द्वितीय और चीन ( 3.88 प्रतिशत) तृतीय स्थान पर हैं। इसके अलावा नीदरलैंड और जर्मनी की निर्यात में हिस्सेदारी क्रमशः 2.68 प्रतिशत और 2.09 प्रतिशत है।
वाणिज्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि देश के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात का बढ़ना वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्ति श्रृंखला में भारत की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है। अब भारत एशियाई देशों में विश्वसनीय और प्रतिस्पर्धी मैन्युफैक्चरिंग हब बनता जा रहा है। इसके अलावा 2026 की पहली तिमाही में भारत के रेडीमेड गारमेंट्स का निर्यात 8.81 प्रतिशत तक बढ़ गया है, इस कारण कुल निर्यात का आंकड़ा 4.19 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जो कि पिछले वर्ष की समान अवधि में 3.85 अरब डॉलर दर्ज किया गया था।
भारत के रेडीमेड गारमेंट्स (आरएमजी) के खरीदारों में अमेरिका का स्थान सबसे प्रमुख है। वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में अमेरिका की हिस्सेदारी 34.11 प्रतिशत थी। जबकि यूके 8.81 प्रतिशत, यूएई 7.85 प्रतिशत, जर्मनी 5.51 प्रतिशत और स्पेन की हिस्सेदारी 5.29 प्रतिशत रही है। कॉर्पोरेट मिनिस्ट्री के अधिकारियों ने बताया कि आरएमजी सेक्टर में कुशल श्रमिकों, विविध उत्पाद श्रृंखलाओं और क्वालिटी के कारण समय पर डिलीवरी करने का लाभ मिल रहा है। इसे आरएमजी सेक्टर में भारत की प्रतिष्ठा लगातार बढ़ रही है। भारत का कपड़ा और परिधान उद्योग वैश्विक स्तर पर बहुत ही अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। आंकड़ों पर गौर करें, तो वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत का आरएमजी निर्यात 10.03 प्रतिशत बढ़कर 15.99 अरब डॉलर तक पहुंच गया था, जो कि वर्ष 2023-24 में 14.53 अरब डॉलर पर था।
भारत के समुद्री निर्यात में भी लगातार बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। इस सेक्टरम भी पॉजिटिव संकेत मिल रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में समुद्री खाद्य निर्यात 19.45 प्रतिशत बढ़ा है, जिसकी वजह से आंकड़ा 1.95 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए, समुद्री निर्यात 7.41 अरब डॉलर रहा, जो 4.5 प्रतिशत की आंशिक वृद्धि मानी जा रही है। वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में भारतीय समुद्री खाद्य का सबसे बड़ा आयातक देश अमेरिका रहा है,। उसकी निर्यात में कुल हिस्सेदारी 37.63 प्रतिशत है। जबकि, चीन की निर्यात में हिस्सेदारी 17.26 प्रतिशत, वियतनाम की 6.63 प्रतिशत, जापान की 4.47 प्रतिशत और बेल्जियम की 3.57 प्रतिशत दर्ज की गई थी। मंत्रालय के अधिकारियों ने समुद्री खाद्य निर्यात में वृद्धि का श्रेय बेहतर कोल्ड चेन लॉजिस्टिक्स, उत्पाद विविधीकरण और वैश्विक गुणवत्ता मानकों के पालन को दिया।
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