SBI Research: भारत में हर पांच में से एक जीएसटी करदाता है महिला

खबर सार :-
भारत में जीएसटी करदाताओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। एसबीआई की एक रिसर्च के अनुसार देश में हर पांच में से एक महिला जीएसटी करदाता है। 14 प्रतिशत पंजीकृत महिला करदाताओं में सभी एक्टिव टैक्सपेयर हैं।

SBI Research: भारत में हर पांच में से एक जीएसटी करदाता है महिला
खबर विस्तार : -

नई दिल्लीः भारत के विकास में महिलाएं कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं। सर्विस सेक्टर, बिजनेस सेक्टर हो या प्रौद्योगिकी सेक्टर सभी में महिलाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं। देश में  1.52 करोड़ से ज्यादा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) रजिस्ट्रेशन एक्टिव हैं। इन रजिस्टर्ड जीएसटी करदाताओं में से हर पांचवें हिस्से में कम से कम एक महिला है। यही नहीं 14 प्रतिशत पंजीकृत करदाताओं में सभी महिला सदस्य हैं।

एसबीआई की रिसर्च रिपोर्ट में खुलासा

एसबीआई के आर्थिक अनुसंधान विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार, लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (एलएलपी) और निजी लिमिटेड कंपनियों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व काफी अधिक है और कॉर्पोरेट में बढ़ती औपचारिकता भविष्य में समान प्रतिनिधित्व के लिए शुभ संकेत हैं।  एसबीआई की समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. सौम्या कांति घोष ने एसबीआई की रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि देश में कुल आयकरदाताओं में महिलाओं की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत और कुल जमा में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी होना महिला सशक्तिकरण को स्पष्ट करता है। आंकड़ों पर गौर करें, तो  देश में केवल पांच वर्षों यानी वित्त वर्ष 2021 से 2025 के मध्य ग्रॉस जीएसटी संग्रह बढ़कर दोगुना हो गया है। साथ ही औसत मासिक सकल जीएसटी संग्रह अब 2 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। देश के शीर्ष पांच राज्यों का कुल जीएसटी कलेक्शन में योगदान 41 प्रतिशत तक पहुंच गया है। इसके अलावा छह राज्यों ने 1 लाख करोड़ रुपए के वार्षिक जीएसटी संग्रह के आंकड़े को पार कर गया है।  यह भी बताया कि जिन राज्यों का जीएसटी कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक है, उनके कुल घरेलू कलेक्शन में एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर यानी आईजीएसटी की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत से अधिक हो गई है।

 01 जुलाई 2017 को लागू हुआ था जीएसटी

केंद्र सरकार ने 01 जुलाई 2017 को देश भर में जीएसटी लागू किया था। यह देश में लागू हुए पूरे आठ साल हो चुके हैं। एसबीआई की रिपोर्ट में बताया गया है कि इसने कर अनुपालन को आसान बनाया, व्यवसायों की लागत कम की और राज्यों के बीच वस्तुओं की निर्बाध आवाजाही को सुनिश्चित किया है। पारदर्शिता और दक्षता में सुधार करके, जीएसटी ने एक मजबूत, अधिक एकीकृत अर्थव्यवस्था की नींव रखने में मदद की।

जीएसटी में किस राज्य की कितनी हिस्सेदारी

एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक जैसे कुछ बड़े और समृद्ध राज्यों में सक्रिय जीएसटी करदाताओं की हिस्सेदारी, कुल जीएसडीपी (सकल राज्य घरेलू उत्पाद) में राज्य की हिस्सेदारी की तुलना में कम है। वहीं, दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश, बिहार और गुजरात जैसे राज्यों में कुल जीएसटी करदाताओं की हिस्सेदारी, कुल जीएसडीपी में राज्य की हिस्सेदारी से ज्यादा है। यह दर्शाता है कि इन राज्यों में जीएसटी में अभी भी अपार संभावनाएं हैं।

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